वेंकटेश कोरी, JABALPUR. आमतौर पर 60 साल की उम्र में हर कोई अपनी सेहत के प्रति चिंतित और इलाज से लेकर समय पर दवाइयां लेने को लेकर फिक्रमंद रहता है, लेकिन जबलपुर की रहने वाली साध्वी शिरोमणि उम्र के इस पड़ाव में भी भक्ति भाव से सराबोर हैं। अयोध्या में होने जा रहे रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में हिस्सा लेने जबलपुर की साध्वी शिरोमणि भी संस्कारधानी से रवाना हुई हैं। हैरानी की बात तो ये है कि जबलपुर से अयोध्या तक का सफर वे ट्रेन, बस या किसी लग्जरी गाड़ी से नहीं बल्कि मोटरसाइकिल से कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने एक मोटरसाइकिल को चुना और जबलपुर से नर्मदा जल लेकर अयोध्या के लिए निकल पड़ी हैं।
सरयू मैया में अर्पित करेंगी नर्मदा मैया का जल
करीब 650 से 700 किलोमीटर का सफर जबलपुर से शुरू करने वाली 60 साल की साध्वी शिरोमणि ने नर्मदा तट गौरीघाट पर विधि-विधान से पूजन अर्चन किया, इसके बाद मां नर्मदा का जल लेकर वे अयोध्या के लिए निकल पड़ीं हैं। उन्होंने कहा है कि नर्मदा दर्शन के दौरान जब वे मां नर्मदा को प्रणाम कर रही थीं, तभी उन्हें मां का आदेश हुआ कि यहां का जल लेकर सरयू नदी में समर्पित किया जाए। इसी से प्रेरित होकर वे जबलपुर से अयोध्या की यात्रा कर रही हैं। अपने इस सफर के दौरान वे रास्ते में पड़ने वाले कई मठ, मंदिरों और धामों के भी दर्शन करेंगी।
मन और चित्त भी हो निर्मल और अविरल
60 साल की उम्र में जबलपुर से अयोध्या का सफर मोटरसाइकिल से तय करने वाली साध्वी शिरोमणि का कहना है कि केवल जल ही अविरल और निर्मल नहीं होना चाहिए, बल्कि मनुष्य का मन और चित्त भी अविरल और निर्मल हो इसके लिए विशेष प्रयास होने चाहिए। इसी मकसद को लेकर वे अपनी इस यात्रा को शुरू कर रही हैं। जबलपुर के नर्मदा तट गौरीघाट में पूजन के दौरान बड़ी तादाद में शहर के साधु-संतों और धर्म प्रेमी लोगों ने पहुंचकर 60 साल की उम्र में मोटरसाइकिल से यात्रा करने वाली साध्वी शिरोमणि के इस प्रयास की सराहना की और उनको सफल सफर की शुभकामनाएं दीं।