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संजय गुप्ता, INDORE. राज्य सेवा परीक्षा 2022 की मेंस में बैठने की हाईकोर्ट से राहत पाए 71 उम्मीदवार अब परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। इस मामले में हाईकोर्ट इंदौर का अब अंतिम फैसला आ गया है। पहले इन्हें हाईकोर्ट इंदौर के अंतरिम आदेश से ही परीक्षा में बैठाने के लिए फार्म भरवाए गए थे, लेकिन अब 5 दिसंबर को हाईकोर्ट इंदौर ने अंतिम आदेश जारी करते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दी है। उधर, राज्य सेवा परीक्षा 2019 को लेकर आयोग की हाईकोर्ट में लगी याचिका 11 दिसंबर को सुनी जाएगी, इसके बाद ही इस परीक्षा के रिजल्ट को लेकर कोई फैसला हो सकेगा।
इसलिए की गई याचिका खारिज
मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा सुनवाई के दौरान जबलपुर हाईकोर्ट में हुए फैसले की कॉपी पेश की और बताया गया कि वहां पर इसी मामले में लगी याचिका सुनवाई के बाद मेरिट आधार पर खारिज हो चुकी है और आयोग की कमेटी द्वारा प्री के दो प्रश्नों को डिलीट करने के फैसले को सही माना। इसके बाद इंदौर हाईकोर्ट ने भी इस मामले में सभी याचिकाएं खारिज कर दी। साथ ही कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में यदि कोई फैसला होता है तो उस आधार पर आगे आयोग फैसला करेगा।
पीएससी ने साफ किया अब अधिकार नहीं बनता
मप्र लोक सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. रविंद्र पंचभाई ने साफ कर दिया है कि हाईकोर्ट में याचिकाएं निरस्त हो चुकी है, ऐसे में इन्हें अब मेंस में नहीं बैठाया जाएगा। आगे सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर कोई फैसला होता है तो आयोग माननीय कोर्ट के आदेशानुसार आगे प्रक्रिया करेगा।
यह है मामला
राज्य सेवा प्री 2022 में एक सवाल भारत छोड़ो आंदोलन कब शुरू हुआ और एक अन्य सवाल मप्र राज्य निर्वाचन आयोग को लेकर था। इनके आयोग द्वारा जारी आंसर की में दिए जवाब को उम्मीदवारों ने गलत बताया, आपत्तियों के बाद आयोग ने दोनों प्रश्नों को डिलीट कर दिया। जबलपुर और इंदौर में उम्मीदवारों ने यह कहकर याचिका लगाई कि यह प्रश्न के जवाब हमारे सही थे, आयोग यदि इन्हें डिलीट नहीं करता तो हम मेंस के लिए क्वालीफाइ होते। इंदौर हाईकोर्ट ने 71 ऐसे उम्मीदवारों को अंतरिम राहत दी और आयोग को आदेश दिया सशर्त मेंस के लिए फार्म भरवाएं। वहीं जबलपुर हाईकोर्ट में मेरिट के आधार पर सुनवई हुई और इसमें आयोग के फैसले को सही पाते हुए याचिकाएं खारिज कर दी। इसके बाद इंदौर हाईकोर्ट में जब मेरिट पर सुनवाई हुई, तब आयोग का पक्ष सुनने के बाद अंतिम आदेश जारी कर 71 उम्मीदवारों की याचिका खारिज कर दी।
राज्य सेवा परीक्षा 2019 में 11 दिसंबर को सुनवाई
राज्य सेवा परीक्षा 2019 को लेकर अभी तक मामला कोर्ट में अटका हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर को सुनवाई की तारीख थी लेकिन याचिका सुनवाई पर नहीं आ सकी। वहीं हाईकोर्ट में आयोग ने डबल बैंच में याचिका दायर की है, जिस पर अब सुनवाई 11 दिसंबर को होना है। इसमें आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2019 के रिजल्ट को लेकर कई मुद्दों पर मार्गदर्शन चाहा है, खासकर नार्मलाइजेशन किस् स्तर से हो और रिजल्ट फाइनल किस तरह दिया जाए, दूसरे रिजल्ट में फेल 369 उम्मीदवारों को लेकर क्या किया जाए आदि। जब तक कोर्ट से कोई सीधे निर्देश आयोग को नहीं मिलते, इस मामले में अंतिम रिजल्ट जारी होने की फिलहाल उम्मीद नहीं है।