Raipur. छत्तीसगढ़ बिरनपुर आगजनी मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 8 आरोपियों को दोषमुक्त किया है। शनिवार को जिला न्यायालय में प्रथम सत्र न्यायधीश पंकज कुमार सिन्हा ने सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। फैसले के अनुसार पुलिस के बनाए गए सभी 8 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया है। वहीं इस फैसले में कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर भी टिप्पणी की है। कोर्ट ने पूरी कार्रवाई में लापरवाही के कारण 8 अभियुक्तों को काफ़ी दिनों तक न्यायिक अभिरक्षा मे भी रहना पड़ा है। इसके साथ ही कोर्ट ने तत्कालिक एसपी आई कल्याण इलेसला और अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक पंकज पटेल को फटकार भी लगाई है।
आरोपी को पहचान नहीं हो सकी
इस मामले में कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान ग्राम बिरनपुर के कोटवार प्रकाशदास मानिकपुरी ने पहचानने से इंकार कर दिया। इसके अलावा विवेचना में कई प्रकार की लापरवाही भी बरती गई। केवल वीडियो फुटेज, मोबाइल लोकेशन समेत अन्य आधार पर आरोपी बनाया गया। इस मामले में कोर्ट ने 31 पेज में फैसला दिया है।
क्या था आरोप
जानकारी अनुसार अभियुक्तगण प्रदीप रजक पिता अनुज रजक उम्र 21, दिनेश रजक पिता जनक रजक उम्र 23, दुर्गेश पिता होरी लाल वर्मा उम्र 19, अजय रजक पिता कृष्णा रजत उम्र 27 वर्ष व प्रवीण कुमार साहू पिता काशीराम साहू उम्र 27 वर्ष सभी निवासी ग्राम पेंडरवानी, जिला खैरागढ़, संदीप उर्फ संतोष साहू पिता पारस राम साहू उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम राम्हेपुर थाना सहसपुर लोहारा जिला कबीरधाम, मनीष उर्फ दुर्गश धुर्वे पिता फेरहाराम धुर्वे उम्र 21 व शिवा पिता रतन मंडावी उम्र 22 दोनों निवासी ग्राम चिलगुड़ा, जिला खैरागढ़ को आईपीसी की धारा 147, 148, 149 व 436 के तहत अप्रैल माह में गिरफ्तार किया गया था। इनके खिलाफ आरोप था कि 10 अप्रैल को ग्राम बिरनपुर, नहर किनारे खातून बी के मकान को आग के हवाले कर दिया गया।
क्या था पूरा मामला
ग्राम बिरनपुर में आठ अप्रैल 2023 को भुवनेश्वर साहू पिता ईश्वर साहू की हत्या गांव के नवाब खान समेत अन्य लोगों द्वारा कर दी गई थी। हत्या के विरोध में 10 अप्रैल को विश्व हिंद परिषद, बजरंग दल समेत भाजपा द्वारा छत्तीसगढ़ बंद बुलाया गया था। इसी बंद के दौरान गांव में हजारों की संख्या में लोग एकत्र हो गए थे। गांव के खातून बी के मकान में दोपहर दो से 2.30 के बीच में अज्ञात लोगों द्वारा आग लगा दिया गया।