BHOPAL. राजस्थान में एक व्यक्ति ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का झांसा देकर 8 हजार से ज्यादा लोगों से 100 करोड़ रुपए ठग लिए। बता दें कि इस ठगी का मास्टरमाइंड जयपुर में कांग्रेस नेता का पति बताया जा रहा है। महाठग ने दुनिया की मशहूर क्रिप्टो करेंसी में से एक टीथर के नाम से मिलता जुलता नाम रखकर ऐप बनवाया। उसके बाद क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर 200 दिन में करोड़पति-अरबपति बनने का झांसा दिया। ठगी का मास्टरमाइंड दिनेश शर्मा सेमिनार में भीड़ जुटाता, खुद को 1800 करोड़ का मालिक बताकर लोगों को प्रभावित करता। भाषणों में कहता कि जल्द ही संसद में उसकी क्रिप्टो करेंसी को मान्यता मिलने वाली है। इसी झांसे में कई इंजीनियर-डॉक्टर भी आ गए। कई लोगों ने ब्याज पर पैसे लेकर निवेश कर दिए। अब मुकदमे दर्ज करने के लिए भी थानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
कौन है इस ठगी का मास्टरमाइंड
इस ठगी का मास्टरमाइंड प्रमोद शर्मा है जो मूल रूप से स्वामियों की ढाणी, लखेर तहसील आमेर का रहने वाला है। प्रमोद शर्मा के साथ ठगी में उसकी पत्नी आरती शर्मा सहित भाई मामराज, दोस्त शिवदान जाट भी पार्टनर है। प्रमोद खुद को क्रिप्टो करेंसी का ट्रेडर बताकर पैसा दोगुना करने का झांसा देता था। ठगी के लिए प्रमोद शर्मा ने विश्व की स्टेबल और पुरानी क्रिप्टो कॉइन टीथर के नाम से मिलते-जुलते नाम पर ‘टीथर वर्ल्ड’ ऐप बनाई। उसके बाद एजेंटों के जरिए अधिक से अधिक लोगों से कंपनी में निवेश करवाया। बता दें कि कंपनी में अच्छा इंवेस्टमेंट लाने वाले एजेंटों को इंसेंटिव दिया जाता था। प्रमोद लोगों को विश्वास दिलाता था कि दस करोड़ यूजर्स टीथर वर्ल्ड करेंसी का इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। कंपनी ने धीरे-धीरे तरक्की की, लेकिन रुपए निकालने का समय आया तो कंपनी का विड्राल बंद हो गया।
- केस - 1 : धौलपुर के रहने वाले मैकेनिकल इंजीनियर आर एस गुर्जर का कहना है कि प्रमोद शर्मा से उनकी मुलाकात अपने चौमूं निवासी परिचित के जरिए फरवरी 2021 में हुई थी। उन्होंने बताया कि हम क्रिप्टो में निवेश करते हैं। क्रिप्टो में हम अच्छा मुनाफा छह प्रतिशत रोजाना कमाते हैं। एक दिन में एक लाख रुपए लगाकर 6 हजार रुपए प्रॉफिट के निकाल लेता हूं। मैंने खूब पैसे कमा लिए हैं अब बेरोजगारों को रोजगार देना चाहता हूं, मेरा ज्ञान सब लोगों में बांटना चाहता हूं। हमारी कंपनी में 200 दिन का निवेश प्लान है, जिससे आप अरबपति बन सकते हैं। 5 लाख रुपए इन्वेस्ट करते हैं तो 100 दिन तक डेली 5 हजार का प्रॉफिट आपके खाते में आएगा। पहले 100 दिन में मूल धन वापिस मिलेगा, अगले 100 दिन में प्रॉफिट।
- केस- 2 : जयपुर के मोरिजा (चौमूं) निवासी एक पीड़ित कैलाश चंद्र बागड़ा पेशे से ड्राइवर हैं। रिश्तेदार के जरिए ही प्रमोद से मुलाकात हुई थी। लोगों की बातों में आकर 18 लाख रुपए का निवेश कर बैठा। यहां तक कि मैंने अपनी जमीन तक बेच डाली। पीड़ित ने बताया कि क्रिप्टो के नाम पर चौमूं इलाके से लगभग 25 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। हम लोगों ने चौमूं, सामोद और आसपास के इलाके में बीस से अधिक एफआईआर दर्ज करवाई हैं। लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है और न ही रुपए लौटाए गए हैं। जब लोगो अपने पैसों के लिए पहुंचे तो, उसने बताया कि कंपनी के विड्राल में समस्या आ रही है। लोगों को उनके रुपए नहीं लौटाए गए। लेकिन, बाजार में भरोसा बनाए रखने के लिए प्रमोद शर्मा ने सबको गारंटी के तौर पर पोस्ट डेटेड चेक और खाली स्टांप दे दिए। उसके बाद दोबारा एक नई कंपनी बनाई। कंपनी का नाम रखा न्यू टीथर। नई कंपनी में एजेंटों के जरिए नए लोगों को जोड़ा। पहले से ठगे लोगों को स्कीम में दोबारा दोगुना मुनाफे का झांसा दिया। इस बार प्रमोद ने बड़ी चालाकी खेली और निवेशकों को भुगतान कैश में करने को कहा। निवेशकों के इस कॉइन में निवेश के चलते लोगों के करोड़ों डूब गए।
कैसे बनाता था लोगों को शिकार
प्रमोद शर्मा गांवों-शहरों में जाकर सेमिनार आयोजित करता था। पीड़ितों ने बताया कि सेमिनार में वह 250- 500 सिलेक्टड लोगों को ही बुलाता था। उससे पहले उसके एजेंट सेमिनार में आने वाले लोगों की प्रोफाइल पता कर लेते थे। यानी कौन कितना अमीर है, कितना बैंक बैलेंस रखता है। वहां प्रमोद अपने भाषण से लोगों को प्रभावित करता। कहता था कि वो जिस क्रिप्टो करेंसी में काम करता है, उसको मंजूरी की बात संसद में चल रही है। जल्द ही संसद में पीएम मोदी खुद उसकी मंजूरी देंगे, जिसके बाद देशभर में उसकी चर्चा होगी। प्रमोद शर्मा से जब लोग सवाल करते कि हम भरोसा क्यों करें? इसके जवाब में वह कहता कि वह 1800 करोड़ की प्रॉपर्टी का मालिक है। लोगों का विश्वास और बढ़ाने के लिए प्रमोद सबके सामने फोन लगाकर किसी को बुलाता। कुछ ही देर में उसका भाई या कोई जानने वाला कैश से भरी कार लेकर वहां पहुंच जाता। तब प्रमोद शर्मा गाड़ी खोलकर दिखाता- देखो मेरे पास कितना कैश है। इन सब बातों से लोग प्रभावित हो जाते।
8000 लोगों से 100 करोड़ रुपए की ठगी
जानकारी के मुताबिक प्रमोद शर्मा की पत्नी आरती शर्मा कांग्रेस नेत्री बताई जाती हैं जो पंचायत समिति की सदस्य इसलिए आसपास के क्षेत्र में रसूख है। उसके भाई मामराज शर्मा का चंदवाजी में स्कूल भी है। स्थानीय होने के चलते लोगों में विश्वास पैदा हो गया कि उनका पैसा कहीं नहीं डूबेगा। इसी बात का फायदा प्रमोद ने उठाया। उसने सबसे पहले अपनी जान पहचान के लोगों को झांसे में लेकर शिकार बनाया। फिर उनके जरिए आगे से आगे 8 हजार से ज्यादा लोगों से करीब 100 करोड़ रुपए ठगे। महाठग ने चौमूं में फरवरी 2021 में एक किराए के मकान से अपने ऑफिस की शुरुआत की थी। प्रमोद ने बड़ा इन्वेस्ट करने वाले लोगों को ही लालच देकर अपना एजेंट बना दिया। उन्हें ज्यादा ग्राहक बनाने पर इंसेंटिव और एलईडी टीवी, आईफोन जैसा लालच देता था। धौलपुर, जयपुर, चौमूं, सीकर, अजमेर सहित कई मेजर सिटीज में ऐसे 250 से ज्यादा एजेंट तैयार किए। साथ ही कंपनी के लिए अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने वाले एजेंटों को थाईलैंड और गोवा भेजने का झांसा देता था। इसी कारण लोगों ने अपने जानकार और रिश्तेदारों को जोड़ना शुरू कर दिया। इससे बड़ी संख्या में लोग जुड़ते चले गए।
प्रमोद ने लोगों का फोन उठाना किया बंद
बता दें कि न्यू टीथर में लोगों से करोड़ों रुपए के निवेश करवाए गए। दो सौ दिन बाद लोगों ने जब रुपए निकालने की कोशिश तो पैसे खाते में ट्रांसफर नहीं हुए। प्रमोद से संपर्क किया तो उसने फोन उठाना बंद कर दिया। उसके बाद ग्रुप्स में बताया कि वेबसाइट पर दबाव बढ़ रहा है। इसलिए रुपए नहीं निकल पा रहे हैं। ज्यादातर लोगों की लॉगिन आईडी गायब हो गई। प्रमोद के झांसे में आए लोग रुपए नहीं निकलने पर लोग प्रमोद के पास पहुंचे तो उसने लोगों को जवाब दिया कि दिल्ली रोड़ पर मेरी 1800 करोड़ की प्रॉपर्टी पड़ी है। उस पर मैंने टीथर वर्ल्ड सिटी नाम से 6 कॉलोनियां काट रखी हैं। लोगों ने साइट विजिट की तो प्रमोद ने बड़े ही शातिराना ढंग से वहां साइन बोर्ड लगा दिए। फिर से झांसा दिया के जितना निवेश आप लोगों ने किया है, उतनी कीमत का प्लॉट मेरी कॉलोनी में खरीद लो, जो प्लॉट की कीमत होगी, उतने पैसे क्रिप्टो में निवेश करेगा और आपको 2 महीने में प्लॉट की कीमत के पैसे भी वापिस मिल जाएंगे।
पुलिसकर्मियों ने FIR दर्ज करने से किया मना
जयपुर के एक पीड़ित बीजेपी कार्यकर्ता ललित सिंह तंवर ने मुरलीपुरा थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाने का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया। थानाधिकारी राजीव कुमार के अनुसार अधिकारियों के निर्देशानुसार धोखाधड़ी के मामले दर्ज नहीं किए जाते। मामले में पीड़ित ललित सिंह तंवर ने झोटवाड़ा एसीपी सुरेंद्र सिंह राणावत से संपर्क कर बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए संपर्क किया। जवाब मिला परिवाद हो या एफआईआर सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक एक ही होते हैं। चार दिन बीतने को हैं, लेकिन एफआईआर तक नहीं दर्ज हुई।