INDORE. इंदौर में 6 नवंबर 2016 को मालती देवी ने अपने जवान बेटे आयुष और बैंक मैनेजर बहू श्वेता को सड़क हादसे में खो दिया था। बहू की मौत का 82 लाख रुपए मुआवजा अब सास के खाते में जमा होगा। स्थानीय अदालत ने मामले के सात साल बाद यानी 25 अगस्त को ये निर्णय लिया। बहू-बेटे की मौत के ऐवज में उन्हें कुल 1.31 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। दरअसल कोर्ट ने सास को उत्तराधिकारी माना क्योंकि ससुर की मौत हो चुकी है इसलिए कोर्ट ने राशि सास मालती देवी के खाते में डालने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि भले ही वह बहू पर आश्रित नहीं थी लेकिन हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हादसे की वजह बहू के सुख से वंचित हुई है। सास का उससे प्यार, स्नेह, मार्गदर्शन, भरण-पोषण सभी कुछ छूट गया। इसके चलते बहू की मौत मुआवजा भी उनकी सास को दिया जाए।
रेस्टोरेंट से खाना खाकर से लौट रहे थे, चकनाचूर कार में दोनों की मौत
दरअसल 6 नवंबर 2016 मालती देवी का बेटा आयुष और बहू श्वेता किसी काम से घर से निकले थे। वह एक रेस्टोरेंट से खाना खाकर घर वापस आ रहे थे। अभी उनकी कार बाइपास रोड के निपानिया के पास पहुंची ही थी कि कार सड़क किनारे खड़े कंटेनर में जा घुसी। हादसे में कार पूरी तरह से चकनाचूर हो गई। आयुष और श्वेता की मौके पर ही मौत हो गई। श्वेता की सास मालती देवी और ससुर गौरीशंकर दीक्षित ने कोर्ट में क्लेम केस लगाया। चार दिन पहले कोर्ट ने ब्याज सहित 1.31 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश जारी किया है। हालांकि अब श्वेता के ससुर की मौत हो चुकी है इसलिए ये सारा पैसा मालती के खाते में जमा होगा। बता दें, आयुष व्यापार के साथ सेल्स एक्जीक्यूटिव भी था। जबकि श्वेता पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर थी। मुआवजा राशि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी सास के खाते में डालेगी।
कपल की मुआवजा राशि
- आयुष के मामले में 36.11 लाख रुपए मुआवजा। इसमें 6 साल का ब्याज 13.74 लाख समेत कुल 49.86 लाख रुपए। 20 लाख रुपए एफडी के रूप में जमा रहेंगे।
श्वेता के मामले में 59.48 लाख रुपए मुआवजा। 6 साल का ब्याज 22.64 लाख रुपए समेत कुल 82.12 लाख रुपए। इसमें 19.48 लाख रुपए एफडी के रूप में जमा रहेंगे।