व्यंकटेश कोरी, JABALPUR. सियासत को संभावनाओं का खेल तो कहा ही जाता है लेकिन इसमें सबसे ज्यादा जोर नफा नुकसान को ही दिया जाता है, भारतीय जनता पार्टी ने जबलपुर के उत्तर मध्य विधानसभा की सीट पर अभिलाष पांडे को उम्मीदवार बनाकर एक नहीं बल्कि दो-दो विधानसभा के ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की कोशिश की है। दरअसल अभिलाष पांडे को बीजेपी ने भले ही उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है लेकिन वे रहने वाले पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के हैं लिहाजा पार्टी ने एक प्रत्याशी के जरिए दो-दो विधानसभाओं में जीत हासिल करने खाका तैयार किया है। सियासत के जानकारों का कहना है कि अभिलाष पांडे भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ-साथ युवा चेहरा है और ब्राह्मण वर्ग से आते हैं लिहाजा उनके जरिए पार्टी ने दोनों ही विधानसभा क्षेत्र के ब्राह्मण मतदाताओं को खुश करने की कोशिश की है लेकिन इसी कोशिश ने ऐसा हंगामा खड़ा किया कि अब भारतीय जनता पार्टी न केवल बैक फुट पर आ गई है बल्कि अपने असंतुष्ट नेताओं को मनाने में उसके पसीने भी छूट रहे हैं।
दोनों ही सीटों पर डिसाइडिंग फैक्टर
बात उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र की हो या फिर पश्चिम विधानसभा सीट की, दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में ब्राह्मण मतदाता जीत में अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं। विधानसभा से लेकर लोकसभा के चुनाव में भी ब्राह्मण मतदाताओं की अहम भूमिका होती है यही वजह है कि किसी भी चुनाव में सियासी दल ब्राह्मण मतदाताओं को नाराज करने का जोखिम मोल लेना नहीं चाहते। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में तो ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 60 से 70 हज़ार के आसपास बताई जाती है जबकि यहां के कुल मतदाता 228986 हैं, इसी तरह उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र के कुल मतदाता 216099 हैं जिनमें से करीब 35 से 40 हज़ार के बीच ब्राह्मण वोटर हैं जो किसी भी दल के प्रत्याशी की जीत हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
डैमेज कंट्रोल से डैमेज हुई भाजपा!
उत्तर मध्य विधानसभा सीट से अभिलाष पांडे को उम्मीदवार बनाकर भारतीय जनता पार्टी भले ही यह प्रचारित करने का दावा कर रही है कि वह युवा और नए चेहरों को मौका देती है लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि अभिलाष पांडे के जरिए भारतीय जनता पार्टी ने एक तीर से दो-दो विधानसभा सीटों पर निशाना साधा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सांसद राकेश सिंह को पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यहां के ब्राह्मण वोटर नाराज बताए जा रहे हैं, जिसकी भरपाई करने बीजेपी ने अभिलाष पांडे को उत्तर मध्य से अपना उम्मीदवार बनाकर तो भेज दिया लेकिन डैमेज कंट्रोल का यही फैसला भाजपा को डैमेज करता नजर आ रहा है क्योंकि टिकट की घोषणा होने के बाद से ही उत्तर मध्य क्षेत्र में बवाल मचा हुआ है और नेता सड़कों पर उतरने के बाद सिलसिलेवार आंदोलन की रूपरेखा भी बना रहे हैं।
सियासत का अजब खेल
कहते हैं राजनीति में न तो कोई स्थाई दोस्त होता है और न ही कोई स्थाई दुश्मन, अभिलाष पांडे को भारतीय जनता पार्टी ने भले ही उत्तर मध्य क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित किया है लेकिन इसके पीछे की कहानी भी बड़ी ही दिलचस्प सामने आ रही है। सियासत के जानकारों का कहना है कि पश्चिम क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद लगातार लोगों के बीच जा रहे सांसद राकेश सिंह को कई जगहों पर ब्राह्मण नेताओं की उपेक्षा करने जैसी शिकायतों का सामना करना पड़ा। इसके बाद अभिलाष पांडे को उत्तर मध्य से उम्मीदवार बनाने के लिए सांसद राकेश सिंह ने भी जोर लगाया क्योंकि अभिलाष पांडे इसके पहले पश्चिम क्षेत्र से ही दावेदारी कर रहे थे लेकिन अचानक सांसद को पश्चिम से उम्मीदवार बनाए जाने से न केवल अभिलाष समर्थक नाराज थे बल्कि पश्चिम के ब्राह्मण मतदाताओं में भी इस बात को लेकर गुस्सा था कि हजारों की तादाद में मतदाता होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी इस वर्ग की ताकत को कम आंक रही है।