BHOPAL.अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के हिंदुत्व पर दिए बयान ने सियासी पारा हाई कर दिया हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि जो हिंदू भगवान राम को नहीं मानता वो हिंदू नहीं हो सकता। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जो भगवान राम से नफरत करते हैं। अब सवाल यह उठता है कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रमोद कृष्णम का यह बयान क्या कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है। यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के विवादित बयानों ने खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने वाला काम किया है। चाहें जयराम रमेश द्वारा गीताप्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलने पर एतराज जताना हो या मणिशंकर अय्यर द्वारा पीएम मोदी नालायक, नीच और चायवाला कहना हो। इतना ही नहीं सोनिया गांधी ने भी मोदी को मौत का सौदागर बताया था। कहीं ना कहीं इस तरह के बयान कांग्रेस की लुटिया डुबोने वाले साबित हुए हैं।
प्रमोद कृष्णम ने अपनों को ही दिखाया आईना
शुक्रवार को गाजियाबाद में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी पार्टी में भगवान राम को लेकर कुछ लोगों के मन में घृणा होने की बात कही है। हिन्दुत्व के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि आचार्य प्रमोद ने कहा कि मैंने महसूस किया है कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जो भगवान राम से नफरत करते हैं। ये नेता ‘हिंदू’ शब्द से भी नफरत करते हैं, वे हिंदू धार्मिक गुरुओं का अपमान करना चाहते हैं। उन्हें पसंद नहीं है कि पार्टी में एक हिंदू धार्मिक गुरु ऐसा होना चाहिए। कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि भगवान राम से नफरत करने वाला हिन्दू नहीं हो सकता है। हालांकि उन्होंने किसी नेता विशेष का नाम नहीं लिया। लेकिन इशारों में उन्होंने कांग्रेस आलाकमान पर उंगली उठा दी।
स्टार प्रचारक नहीं बनाए जाने पर बोले...
कांग्रेस की स्टार प्रचारक की सूची में नाम नहीं होने पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि नाराजगी का कोई कारण नहीं है। हो सकता है उन्हें (कांग्रेस) हिंदुओं के समर्थन की जरूरत न हो या किसी हिंदू धर्म गुरु को स्टार प्रचारक बनाने का जो मकसद होता है, उन्हें उसमें कोई कमी नजर आ रही हो। ये पार्टी का निर्णय है'।
दुनिया जानती है राम मंदिर को किसने रोका
उन्होंने आगे कहा कि राम मंदिर को रोकने के जो प्रयास हुए हैं उसे सारी दुनिया जानती है। सनातन धर्म में विश्वास करने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। राम से नफरत कौन करता है और राम के प्रति श्रद्धा किसकी है? मुझे नहीं लगता कि इस रहस्य पर कोई पर्दा है। पार्टी का हिस्सा होने का मतलब ये नहीं है कि सच को सच और झूठ को झूठ न कहा जाए।
जानें किस नेता के किस बयान से मचा बवाल
जयराम रमेश के एतराज ने कांग्रेसियों को भी किया नाराज
कांग्रेस नेताओं के विवादित बयान के अतीत को देखे तो कई बार पीएम मोदी और बीजेपी के चक्कर में बोले गए तीखें शब्दों ने कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाने का काम किया है। कुछ माह पहले जब मोदी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिया तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एतराज जताते हुए इसे गोडसे और सावरकर को सम्मानित करने जैसा बता दिया। इस विवादित बयान के बाद बीजेपी ने तो कांग्रेस और जयराम रमेश को घेरा ही लेकिन यह भावनाओं से जुड़े इस विषय पर कांग्रेस के अन्य दिग्गज नेताओं को भी रास नहीं आई है। पार्टी अनुशासन के चलते बेशक किसी प्रमुख नेता ने उनके बयान का खुलकर खंडन नहीं किया।
मणिशंकर अय्यर ने कहा था नालायक, नीच और चायवाला
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के बड़बोले नेता मणिशंकर अय्यर ने राम मंदिर मुद्दे पर विवादित बयान दिया था। उन्होने भगवान राम के जन्म लेने की जगह के दावे पर सवाल उठाया था। मणिशंकर अय्यर ने जब-जब अपना मुंह खोला है तब-तब कांग्रेस में संकट के बादल मंडराए हैं। साल 2014 में मणिशंकर अय्यर के एक बयान ने ही नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बना दिया था, अय्यर पीएम मोदी को 'नीच' बोल चुके हैं तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को 'नालायक' तक कह चुके हैं। अटलजी पर टिप्पणी पर बवाल मचने के बाद कांग्रेस नेता को माफी मांगने पर मजबूर होना पड़ा था। वहीं पीएम मोदी को 'नीच' कहने पर कांग्रेस ने उनकी प्राथमिक सदस्यता भी खत्म कर दी थी। वहीं 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी पर अय्यर की 'चायवाला' संबंधी टिप्पणी ने भी राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा दिया था। अय्यर ने दावा किया था कि मोदी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते और वह उस समय जारी कांग्रेस सम्मेलन में चाय ही बेच सकते हैं। अय्यर मुंबई हमले के स्टरमाइंड हाफिज सईद को 'हाफिज साहब' तक कह चुके हैं।
सोनिया गांधी के मौत के सौदागर वाले बयान ने पहुंचाया था नुकसान
साल 2007 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की दिग्गज नेता सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को 'मौत का सौदागर' कहा था, उस वक्त मोदी गुजरात के सीएम थे। गुजरात के नवसारी में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा था कि गुजरात की सरकार चलाने वाले झूठे, बेईमान, मौत के सौदागर हैं। सोनिया गांधी के इस बयान का कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ और राज्य में बीजेपी की फिर से सरकार बनी। इस चुनाव में 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में बीजेपी को 117 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस 59 सीटें ही हासिल कर सकी। 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने मोदी पर जहर की खेती करने का आरोप लगाया था, लेकिन इस बयान से मोदी के पक्ष में जबरदस्त लहर बनी और केंद्र में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी।