संजय गुप्ता@ INDORE
इंदौर गुरुसिंघ सभा के चुनाव टलने के बाद अब अकाल तख्त ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले जगजीत सिंह टूटेजा उर्फ सुग्गा को कमेटी से बाहर कर दिया है। वह अभी आमंत्रित सदस्य हैं। साथ ही कार्रवाई पत्र में लिखा है कि संगत इनसे किसी तरह का व्यवहार नहीं करें। इस कार्रवाई से हर कोई सख्ते में हैं। वहीं सुग्गा ने इसके लिए मोनू उर्फ हरपाल सिहं भाटिया को जिम्मेदार बताया है।
क्या और क्यों हुई कार्रवाई
सुग्गा ने चुनाव प्रबंधन कमेटी द्वारा 11 हजार 869 पूर्व में बने आजीवन सदस्यों की सदस्यता खत्म कर दी थी और जिन्होंने फार्म भरे थे, उन्हें ही सदस्य मानकर गुरूसिंघ सभा में चुनाव डालने की पात्रता दी थी। यह 13 हजार करीब सदस्य थे। इस पर सुग्गा ने आपत्ति ली थी और हाईकोर्ट में यह याचिका लगाई थी कि इन सदस्यों की सदस्यता रद्द करना गलत है। इस पर चुनाव अधिकारी राजिंदर सिंह बाबा ने अकाल तख्त में शिकायत की थी कि सुग्गा की याचिका के चलते चुनाव रुक गए हैं। इसके बाद अकाल तख्त ने इस मामले में पत्र जारी कर यह कार्रवाई की है।
मैंने कभी अकाल तख्त को पार्टी नहीं बनाया- सुग्गा
सुग्गा ने द सूत्र से कहा कि मैंने अकाल तख्त को कभी पार्टी ही नहीं बनाया और ना ही चुनाव रुकवाने के लिए याचिका लगाई, मैंने सदस्यता की बात उठाई थी। अकाल तख्त ने मुझे पक्ष रखने के लिए बुलाया था, मेरी टिकट 15 अक्टूबर की थी, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से नहीं जा पाया। इसके लिए मैंने सूचित कर दिया था और मेडिकल सर्टिफिकेट भी भेजा था लेकिन यह कार्रवाई हो गई। अब अगले सप्ताह जाकर अपनी बात रखूंगा। यह कार्रवाई क्यों हुई इस पर सुग्गा ने कहा कि निश्चित ही मोनू भाटिया के दबाव में, वह तो सभी से कहते हैं कि मैं जो चाहें करा सकता हूं। तो यह गलत कार्रवाई भी उन्होंने ही कराई है।