JAIPUR. आखिरकार राजस्थान में बीजेपी ने उम्मीदवारों के ऐलान की शुरुआत करते हुए पहली लिस्ट जारी कर दी है। पूर्व प्रत्याशियों, सिटिंग एमएलए और तगड़े दावेदारों ने पार्टी नेताओं का विरोध शुरु कर दिया है। इस फेहरिस्त में भरतपुर से पूर्व विधायक अनिता सिंह, बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता नेम सिंह फौजदार के नाम भी शामिल हैं, इन्होंने तो बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरने के संकेत भी दे डाले हैं। उधर अलवर में सांसद बाबा बालकनाथ को चुनाव मैदान में उतारे जाने के खिलाफ पूर्व विधायक मामन यादव ने भी प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
निर्दलीय पर्चा भरेंगी अनिता सिंह
भरतपुर की पूर्व विधायक अनिता सिंह ने तो सोशल मीडिया में निर्दलीय पर्चा भरने के साफ संकेत दे डाले हैं। वे यहां से दो मर्तबा विधायक रह चुकी हैं। केवल 2018 के चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। अनिता सिंह ने सोशल मीडिया पर की पोस्ट में लिखा है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र के हजारों लोगों के फोन आ रहे हैं कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए। मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करती हूं, अभी जयपुर में हूं, आपके बीच उपस्थित होकर अपने मन की बात आपके बीच रखूंगी। आपका जो आदेश होगा, वह सर आंखों पर होगा।
सांसद बालकनाथ का भी विरोध
इधर अलवर में सांसद बाबा बालकनाथ को चुनाव मैदान में उतारे जाने के खिलाफ पूर्व विधायक मामन यादव भन्नाए हुए हैं। यादव ने भी निर्दलीय पर्चा भरने का ऐलान कर दिया है। सांसद को तिजारा सीट पर प्रत्याशी घोषित किया गया है, जिसका विरोध किया जा रहा है। मामन यादव का कहना है कि जनता की महापंचायत ने उन्हें चुनाव लड़ने का आदेश दिया है। उनके समर्थकों का कहना है कि बाबा की पेटी यहां से खाली की जाएगी।
अजमेर-सांचौर में भी सांसदों का विरोध
बीजेपी ने अजमेर के किशनगढ़ से सांसद भागीरथ चौधरी और सांचौर में सांसद देवजी पटेल को मैदान में उतारा है। अजमेर में विकास चौधरी इस फैसले के बाद फूट-फूटकर रो पड़े। समर्थकों ने नारेबाजी कर उनका हौसला बढ़ाया। माना जा रहा है कि विकास चौधरी भी यहां से निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं। वहीं सांचौर में बीजेपी ने सांसद देवीजी पटेल पर दांव खेला जिसका पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी और बीजेपी नेता दानाराम चौधरी ने विरोध जता दिया है। दोनों ने अपने समर्थकों के साथ सभा की और पार्टी से दोबारा विचार करने की मांग कर डाली है।