टफ फाइट के बीच क्या इस बार मप्र की सियासत में उभर सकते हैं किंगमेकर? छोटे दलों और बागियों पर है सबकी नजर

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Chandresh Sharma
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टफ फाइट के बीच क्या इस बार मप्र की सियासत में उभर सकते हैं किंगमेकर? छोटे दलों और बागियों पर है सबकी नजर

BHOPAL. मध्यप्रदेश में हर कोई इस मर्तबा कांटे की टक्कर के संकेत दे रहा है। अलग-अलग ओपिनियन पोल हो या फिर अलग-अलग सट्टा बाजार किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिखा पा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस भले ही अपनी तरफ से 150-150 सीटें जीतने का दावा कर रही हों लेकिन कुल विधानसभा सीटें महज 230 ही हैं। ऐसे में इस बार के चुनाव में यह प्रबल प्रत्याशा बनी हुई है कि बहुमत के कगार पर खड़ी किसी भी पार्टी के लिए छोटे दल और बागी प्रत्याशी किंगमेकर साबित हो सकते हैं।

कौन बनेगा किंगमेकर?

राजनैतिक पंडित इस बार इस प्रबल प्रत्याशा के बारे में कहते हैं कि सपा, बसपा और निर्दलीय के अलावा हाल ही में बनी नारायण त्रिपाठी की पार्टी किंगमेकर के रूप में उभर सकती है। कुछ ऐसे बागी प्रत्याशी जो निर्दलीय मैदान में ताल ठोंककर बीजेपी-कांग्रेस दोनों को टफ फाइट देते नजर आए। उनकी तादाद भी आधा दर्जन है। हो सकता है कि ऐसे बागी भी किंगमेकर के रूप में उभरें।

बीजेपी-कांग्रेस दोनों साध रहीं हर संभावना

चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों पर अभी कयासों और संभावनाओं के पूरे सप्ताह में बीजेपी और कांग्रेस भी अपने-अपने बागियों पर नजर बनाए हुए हैं। सूत्रों की मानें तो अंदरखाने में बातचीत और मान मनौव्वल की तैयारी भी चल रही है। विंध्य विकास पार्टी के नारायण त्रिपाठी की कांग्रेस और बीजेपी दोनों से नजदीकियां रही हैं। ऐसे में उनकी पूछपरख अपने आप बढ़ती दिखाई दे रही है।

इन बागियों पर है नजर

बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान के बेटे हर्षवर्धन चौहान, नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ शुक्ला, अंतर सिंह दरबार, प्रेमचंद गुड्डू, शेखर चौधरी, राजू यादव और ओम रघुवंशी ऐसे नाम हैं जिनकी चर्चा विधानसभा चुनाव में काफी हुई।





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