इंदौर में नौ जीते विधायकों में एक सीएम का चेहरा तो सात मंत्री पद के भी दावेदार, दो को मंत्री मिलने की उम्मीद

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Chandresh Sharma
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इंदौर में नौ जीते विधायकों में एक सीएम का चेहरा तो सात मंत्री पद के भी दावेदार, दो को मंत्री मिलने की उम्मीद

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की नौ सीटों पर बीजेपी द्वारा की गई सफाई के बाद बने नौ विधायकों में अब सभी की नजरें इसी बात पर है कि मंत्री पद के लिए दावेदार कौन है। हालांकि बीजेपी प्रदेश स्तर पर इतनी सीट लेकर आई है कि यह दौड़ अब कठिन हो गई है, इसलिए पार्टी उनके रिकार्ड के साथ ही जातिगत व अन्य समीकरणों को भी नजर में रखेगी। आम तौर पर इंदौर से दो विधायकों को मंत्री पद मिलता रहा है। अभी भी सरकार में तुलसी सिलावट और उषा ठाकुर इंदौर से मंत्री थे, हालांकि दोनों ही ग्रामीण क्षेत्र से थे और शहरी विधायकों में किसी को मौका नहीं मिला था।

कैलाश विजयवर्गीय

यह सीधे तौर पर सीएम के चेहरे के लिए आगे हैं। ऐसे में विजयवर्गीय केवल मंत्री पद के लिए तो नहीं आगे आएंगे, यह पोर्टफोलियो तो वह आठ साल पहले 2015 में ही छोड़ चुके थे। वह खुद भी कह चुके हैं कि वह खाली विधायक बनने के लिए नहीं आए हैं। ऐसे में पार्टी में उनकी क्या भूमिका तय होती है इस पर सभी की नजरें हैं।

तुलसी सिलावट

सांवेर से चुनाव जीते सिलावट मैदानी पकड़ वाले नेता है और पहलवान नाम से पहचान रखते हैं। मार्च 2020 में सिंधिया के साथ बीजेपी में आने पर ही प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी थी। वह तब मंत्री बनाए गए और इस बार फिर उनका मंत्री बनना तय है।

रमेश मेंदोला

विजयवर्गीय यदि खुद मंत्री नहीं बनते हैं या सरकार में शामिल नहीं होते हैं तो निश्चित ही मेंदोला का नाम वह आगे बढ़ाएंगे और लगातार एक के बाद एक सबसे ज्यादा वोट से जीत का रिकार्ड बनाने के बाद वह इसके नेचुरल तौर पर भी उम्मीदवार है। वह साल 2008, 2013, 2018 के बाद अब चौथी बार विधायक बने हैं।

मालिनी गौड़

मालिनी गौड़ भी मेंदोला की तरह लगातार चौथी बार विधायक बनी है और वह भी दो नंबर की तरह विधानसभा चार में जीत के रिकार्ड बनाती रही है। लाड़ली बहना योजना और महिलाओं को क्रेडिट जाता है तो फिर महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की बात आई तो गौड़ भी इस पद के दावेदार बनती है।

उषा ठाकुर

उषा ठाकुर चौथी बार की विधायक है, वह 2003 में इंदौर एक से, 2013 में इंदौर तीन से और फिर 2018, 2023 में महू से विधायक बनी। अभी सरकार में मंत्री पद पर थी। ऐसे में वह फिर से मंत्री पद के लिए तो दावेदार है ही। वहीं एक महिला मंत्री की बात उठती है तो वह इस तरह से भी दावेदार बन जाती है।

महेंद्र हार्डिया

इंदौर पांच से लगातार पांचवी बार जीत हासिल करने वाले महेंद्र हार्डिया, एक बार मप्र शासन में मंत्री रह चुके हैं लेकिन कुछ ही महीने का समय मिला और बाद में वह दरकिनार हो गए। ऐसे में पांच बार के विधायक होने के नाते वह दावेदार बनते हैं।

मनोज पटेल

मनोज पटेल भी साल 2003 से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन पांच बार के चुनाव में वह दो बार हार भी चुके हैं, वह कभी भी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीते, बीता चुनाव हारे थे, पांच में कुल तीन चुनाव जीते हैं। लेकिन वह सीएम शिवराज सिंह चौहान के काफी करीबी है। ऐसे में वह भी दावेदारी में पीछे नहीं रहेंगे।

गोलू शुक्ला, मधु वर्मा का भी हित देखेगी पार्टी

पहली बार चुनाव लड़ने और विधायक बनने वाले गोलू शुक्ला पहले से ही आईडीए में नियुक्त है और मंत्री का दर्जा प्राप्त है। संभव है कि उन्हें आगे भी आईडीए या अन्य आयोग में जगह दी जाएगी। उधर राउ से चुनाव जीत पहली बार के विधायक बने मधु वर्मा की कार्यशैली से सीएम शिवराज सिंह चौहान खासे प्रभावित रहते हैं और आईडीए में उनके चेयरमैन रहते हुए किए गए काम सराहे जाते हैं। ऐसे में पार्टी और सरकार उनका कहीं ना कहीं उपयोग करना चाहेगी। हालांकि मंत्री पद तो दूर की कौडी है लेकिन किसी आयोग, मंडल में जगह मिल सकती है।

किस-किसको एडजस्ट करेगी सरकार बाकी 7 मंत्री पद के दावेदार इंदौर से एक सीएम फेस whom will the government adjust remaining 7 are contenders for ministerial post MP News One CM faces from Indore एमपी न्यूज