BHOPAL. भोपाल में ऑनलाइन ठगी के एक और केस में परेशान होकर युवक ने जान दे दी। यह चर्चित फेमिली सुसाइड जैसा ही मामला है। इसमें 31 जुलाई को एक युवक ने धनी एप के जरिए 1.93 लाख रुपए की ठगी के बाद सुसाइड कर लिया। जिससे उसकी पत्नी सहित पूरा परिवार परेशान है। पिता का आरोप है कि 50 दिन बीत जाने के बाद भी साइबर पुलिस सिर्फ जांच की बात कर रही है, किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस ठगी का वीडियो अब सामने आया है।
12 जुलाई को हुआ था फेमिली सुसाइड केस
यहां बता दें, 12 जुलाई को रातीबड़ के रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा ने साइबर जालसाजों की प्रताड़ना से तंग आकर दो बच्चों को जहर दे दिया था। इसके बाद पत्नी के साथ सुसाइड कर लिया था। हालांकि इस केस में पुलिस ने 6 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन बैरसिया के बरखेड़ा बरामद गांव के देव नारायण विश्वकर्मा के मामले में अब तक पुलिस की कोई सक्रियता सामने नहीं आई है।
पिता ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप
भोपाल के बैरसिया के बरखेड़ा बरामद गांव के रहने वाले 24 साल के देव नारायण विश्वकर्मा ने फांसी लगा ली थी। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। देव नारायण के पिता फूल सिंह विश्वकर्मा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वे कहते हैं कि 'डेढ़ माह बाद भी पुलिस आरोपियों का सुराग नहीं लगा सकी है। पुलिस कहना है शिकायत वापस ले लो। जांच ऐसे ही होती है। जब कुछ पता लगेगा, तो बताएंगे। फूल सिंह ने कहा कि कलेक्टर की जनसुनवाई से लेकर तमाम जगह शिकायत कर चुका हूं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
देव नारायण का सुसाइड से पहले का वीडियो आया सामने
वीडियो में देव नारायण कह रहा है, 'मैं देव नारायण विश्वकर्मा। यह धनी एप वालों ने मुझसे 1.93 हजार रुपए ट्रांसफर कराए हैं। लोन पास हुआ था तीन लाख रुपए का। अब कंपनी वाले रिप्लाई नहीं करते। मैंने जो रकम दी है, उसके तमाम प्रमाण मेरे वॉट्सएप में हैं। फोन पे हिस्ट्री में भी रकम ट्रांसफर करने के प्रमाण मिल जाएंगे। मैं मर रहा हूं... इन लोगों पर केस चलाओ। इन्हें गिरफ्तार करो। मेरा अनुरोध है कि इन लोगों पर केस लगाइए, कार्रवाई करिए मेरी मौत के बाद।'
पिता का आरोप- सारे सबूत दे चुका, पुलिस कुछ नहीं कर रही
देव नारायण के पिता फूल सिंह विश्वकर्मा ने बताया कि खेती किसानी से परिवार चलाता हूं। मेरे दो बेटे देव नारायण और गोलू हैं। बड़ा बेटा देव खेती में मेरी मदद करता था। हम गरीब हैं, खेती ही आय का मुख्य साधन है। देव की शादी के बाद घर का खर्च बढ़ा तो उसने कोई कारोबार करने की सोची। इसी बीच वॉट्सएप मैसेज पर बिना गारंटी के लोन देने की सूचना आई। शुरुआत में आरोपियों ने लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस जमा करने के लिए कहा।
मौत से पहले नहीं घर में नहीं किया ठगी का जिक्र
इसके बाद धीरे-धीरे पेटीएम के माध्यम से करीब 1.93 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर ट्रांसफर कर दिए। देव को उम्मीद थी कि उसे तीन लाख रुपए का लोन मिल जाएगा। इस ठगी में घर में रखे पैसे भी चले गए। इसके के बाद देव नारायण ने 31 जुलाई को सुसाइड कर लिया। बाद में जब उसका मोबाइल चेक किया तो मामला समझ में आया। कुछ दिनों बाद जालसाजों ने ने मैसेज का रिप्लाई और मोबाइल बंद कर लिए। बकौल, पिता मौत से पहले देव ने घर में ठगी का कभी जिक्र नहीं किया।
पूरा परिवार तनाव में
पिता ने आगे बताया कि बेटे की मौत के बाद बहू तनाव में है। 8 माह की बच्ची का भी ध्यान नहीं रख पा रही है। गुमसुम हो गई है। देव की मां भी रात में उठकर रोने लगती है। हर जगह उसे बेटा ही दिखता है।
पुलिस बोली- मामले की जांच की जा रही
बैरसिया थाने के प्रभारी एसआई दिलीप जयसवाल का कहना है कि मामले में मर्ग कायम है। सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है। केस में साइबर पुलिस की भी मदद ली जा रही है।