मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में सरकार आचार संहिता लागू होने के ऐन पहले तक नियुक्तियां करती रही। राजस्थान लोक सेवा आयोग यानी आरपीएससी में सदस्यों की रिक्त पदों पर तीन लोगों की नियुक्ति की गई है इसके अलावा कुछ बोर्ड में भी नेताओं का एडजस्ट किया गया है। आचार संहिता लगने के कारण जिनकी बोर्ड में नियुक्ति हुई है वे तो पद भार तक ग्रहण नहीं कर पाएंगे। सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने आरपीएससी के तीन वित्त पदों पर कर्नल केसरी सिंह, कैलाश चंद मीना और प्रोफेसर अयूब खान को नियुक्ति दी है।
3 सदस्यों में 2 कर रहे थे दावेदारी
हालांकि आज सुबह से ही इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था कि सरकार ने आरपीएससी में तीन सदस्यों की नियुक्ति की है, लेकिन जो तीन नाम पहले आ रहे थे वह नाम अलग थे। जब आदेश जारी हुआ तो उसमें एक नाम अलग मिला। जो नाम पहले सामने आ रहे थे उसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी देवाराम सैनी का भी नाम शामिल था, जो कि आदेश जारी होने के बाद महज अफवाह साबित हुई। बाकी दोनों नाम कर्नल केसरी सिंह और प्रोफेसर अयूब खान के नाम पहले से ही चल रहे थे। कर्नल केसरी सिंह नागौर की सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे तो वहीं प्रोफेसर अयूब खान जोधपुर के सूरसागर से प्रत्याशी रह चुके हैं। वहीं कैलाश चंद मीना आईएएस अधिकारी हैं।
एक दर्जन से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियां
राजस्थान में एक के बाद एक जिन विभिन्न समाजों के बोर्ड बनाए गए थे. सोमवार को ज्यादातर सभी बोर्ड में नियुक्तियां भी दे दी गई हैं। करीब एक दर्जन से ज्यादा बोर्डों में राजनीतिक नियुक्तियां दी गई हैं। जिन नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां मिली, उन्हें आज सुबह मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया गया और तुरंत अपने बोर्ड में जाकर ज्वाइन करने के लिए कह दिया गया। जिन बोर्डों में नियुक्ति दी गई हैं उनमें ईडब्ल्यूएस बोर्ड में देवेंद्र सिंह बुटाटी का नाम शामिल है, तो स्थापत्य कला बोर्ड में मुकेश वर्मा और पवन पुजारी को भी राजनीतिक नियुक्तियां दी गई हैं. अग्रसेन कल्याण बोर्ड में राकेश कुमार गुप्ता, राज्य पशुपालक कल्याण बोर्ड गोदाराम देवासी, तेजाजी कल्याण बोर्ड में रिछपाल मिर्धा को नियुक्तियां दी गई है। रिछपाल मिर्धा के बीजेपी मैं जाने की चर्चा चल रही थी।