BHOPAL. दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, भगवान राम माता सीता और हनुमानजी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन दौलत में बरकत होती है। इस बार दिवाली की तारीख 12 या 13 नवंबर में मनाने को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है। यहां जानते हैं दिवाली की तारीख और लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त।
कब है दिवाली
अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस बार अमावस्या तिथि का आरंभ 12 नवंबर को दोपहर 2. 43 बजे से हो रहा है और अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 12. 56 बजे तक रहेगी। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन के विशेष महत्व है।
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
- 12 नवंबर को प्रदोष काल पूजन मुहूर्त : शाम में 5. 29 बजे से 8.08 बजे तक।
- 12 नवंबर वृषभ लग्न : शाम में 6.09 बजे से 8. 04 बजे तक।
- 12 नवंबर को चौघड़िया मुहूर्त : दोपहर में 2. 44 बजे से 2. 47 बजे तक।
- घर में लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त अमृत, चार चौघड़िया मुहूर्त : शाम 5.29 बजे से 10. 26 बजे तक।
दिवाली पूजन सामग्री
दिवाली के दिन पूजा में धूप, दीप, रोली, अक्षत, कपूर, हल्दी, कुमकुम, फल, फूल, कमल गट्टे, चांदी का सिक्का, आम का पत्ता गंगाजल, आसम, चौकी, काजल, हवन, सामग्री, फूलों की माला, नारियल, लौंग, शहद, पंचामृत, खील, बताशे, पंच मेवा, मिठाई, सरसों का तेल या घी, मिट्टी का दिया और केले का पत्ता इस सभी सामग्रियों को शामिल करें।
दिवाली पूजा विधि
दिवाली पर मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। ऐसे में पूजा के लिए सबसे पहले पूजा स्थान को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। फिर इस चौकी पर बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें। कलश को अनाज के बीच में रखें। इसके बाद कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें। बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें। अब एक छोटी-सी थाली में चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें दें। इसके बाद अपने व्यापार/लेखा पुस्तक और अन्य धन/व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें। अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं।
इसके साथ ही कलश पर भी तिलक लगाएं। इसके बाद भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं और पूजा के लिए अपनी हथेली में कुछ फूल रखें। अपनी आंखें बंद करें और दिवाली पूजा मंत्र का पाठ करें। हथेली में रखे फूल को भगवान गणेश और लक्ष्मी जी को चढ़ाएं। लक्ष्मी जी की मूर्ति लें और उसे पानी से स्नान कराएं और उसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं। मूर्ति को फिर से पानी से स्नान कराकर, एक साफ कपड़े से पोछें और वापस रख दें। मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल डालें। माला को देवी के गले में डालकर अगरबत्ती जलाएं। फिर नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें। देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें। थाली में दीया लें, पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें।
दिवाली पूजा मंत्र
मां लक्ष्मी मंत्र
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:॥
श्री गणेश मंत्र
गजाननम्भूतगभू गणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्।
उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्।
कुबेर मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
दिवाली पर क्या करें?
- दिवाली के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ एवं सुन्दर वस्त्र धारण करें।
- दिन में पकवान बनाएं और घर सजाएं। अपने से बड़ों का आशीर्वाद लें।
- शाम को पूजा से पहले पुनः स्नान करें।
- इसके बाद लक्ष्मी-गणेश की विधि-विधान से पूजा करें।
- व्यावसायिक प्रतिष्ठान, गद्दी की भी विधिपूर्वक पूजा करें।
- घर के मुख्य द्वार पर दिपक जलाएं।
दिवाली पर क्या न करें?
- दिवाली के दिन घर के प्रवेश द्वार पर या घर के अंदर कहीं भी गंदगी न रहने दें।
- इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को दरवाजे से खाली हाथ न लौटाएं।
- दिवाली के दिन जुआ न खेलें, शराब पीने और मांसाहारी भोजन लेने से बचें।
- भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति न रखें, जिसकी सूंड दाहिनी ओर हो।
- किसी को लेदर से बना तोहफा, धारदार तोहफा और पटाखे न दें।
- दीपावली के दिन न कर्ज दें और न लें।
- पूजा स्थल को रात भर खाली न छोड़ें। उसमें इतना घी या तेल डालें कि वह पूरी रात जलता रहे।
दिवाली उपाय
- दिवाली की रात पूजा के दौरान मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग अर्पित करें।
- लक्ष्मी जी को खीर या फिर दूध से बनी सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
- गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें और उनको मोदक या फिर लड्डू का भोग लगाएं।
- वहीं कुबेर देवता को साबुत धनिया चढ़ाएं।
- मान्यता है कि दिवाली पर ऐसा करने से लक्ष्मी-गणेश और कुबेर प्रसन्न होंगे और आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।