MPCA की मनी दिवाली, बीसीसीआई ने भेजे 100 करोड़, इंदौर में मैदान खरीदने की फिर उठी मांग, उधर ग्वालियर स्टेडियम पर हो रहा खर्चा

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Chandresh Sharma
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MPCA की मनी दिवाली, बीसीसीआई ने भेजे 100 करोड़, इंदौर में मैदान खरीदने की फिर उठी मांग, उधर ग्वालियर स्टेडियम पर हो रहा खर्चा

संजय गुप्ता, INDORE. मप्र क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) की दिवाली मन गई है, बीसीसीआई ने इस बार वार्षिक राशि पूरे सौ करोड़ रुपए भेजी है। अभी तक औसतन 30-35 करोड़ की राशि हर साल आती थी। बीसीसीआई में जय शाह के पद संभालने के बाद बोर्ड का रिवेन्यू रिकार्ड तोड़ रहा है। इसके चलते सभी एसोसिएशनों को मिलने वाली राशि में भरपूर इजाफा हुआ है। लेकिन इस राशि के साथ ही अंदरूनी तौर पर फिर मुद्दा उठने लगा है कि इससे अब इंदौर में मैदान के लिए जमीन खरीदना चाहिए। लंबे समय से क्रिकेट के बड़े मैदान की मांग है। लेकिन माना जा रहा है कि एक बड़ा हिस्सा फिर ग्वालियर ही जाएगा, जहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के ड्रीम प्रोजेक्ट नए स्टेडियम का काम तेजी से जारी है।

जय शाह का लक्ष्य पांच गुना रिवेन्यू बढ़ाना

द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार बीसीसीआई बोर्ड प्रमुख जय शाह द्वारा पद संभालने से पहले बीसीसीआई का रिवेन्यू 4200 करोड़ रुपए था जो अब 16500 हजार करोड़ रुपए हो चुका है. उनका लक्ष्य इसे अगले चार-पांच सालों में 76 हजार करोड़ रुपए करने का है। ऐसा होने पर एमपीसीए का भी सालाना अनुदान 200 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

इसलिए बढ़ गया रिवेन्यू, आईसीसी से बढ़ा हिस्सा

जानकारी के अनुसार बीसीसीआई का पहले आईसीसी के लाभ में 19 फीसदी का हिस्सा था, लेकिन शशांक मनोहर के आईसीसी प्रेसीडेंट बनने पर यह हिस्सा बढ़ने की बजाय घटकर 12.50 फीसदी हो गया। लेकिन बाद में जय शाह के आने के बाद (वह फायनेंस कमेटी में भी है आईसीसी के) 38 फीसदी हो गया है। इसके चलते एकदम से बोर्ड का रिवेन्यू जंप हुआ है। उधर अभी वर्ल्ड कप से भी कमाई आना बाकी है।

इंदौर में मैदान की लड़ाई दस साल से चल रही

इस भारी राशि के बाद फिर से मुद्दा उठा है कि इंदौर में एक बड़ा मैदान होना चाहिए। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे तब उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय से भी इस काम के लिए मदद मांगी थी। अब दोनों साथ है। कुछ समय पहले आईडीए के स्पोर्ट हब में 20 एकड़ जमीन लेने की बात सब्सिडी वाले दाम में फाइनल हुई, इसमें सौदा करीब 4.50 करोड़ रुपए प्रति एकड़ में तय हुआ, यानि 90 करोड़ के करीब भुगतान करना था। लेकिन आईडीए की ओर से पेंच फंस गया और उन्होंने बाद में इसे 180 करोड़ रुपए में देने की विज्ञप्ति जारी कर दी, लेकिन कोई भी खरीदार नहीं आया। सूत्रों के अनुसार आईडीए की मंशा है कि वह खुद ही यहां पर बड़ा स्टेडियम बना लें। लेकिन अभी पूरा प्रोजेक्ट खटाई में है। वहीं आईडीए के इस नए पेंच के बाद एमपीसीए की जमीन खरीदी का मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस नई राशि के बाद फिर मांग उठी है कि मैदान होना चाहिए।

ग्वालियर स्टेडियम काम तेजी पर जारी

उधर ग्वालियर में स्टेडियम का सिंधिया का ड्रीम प्रोजेक्ट है, इस पर तेजी से काम जारी है। माना जा राह है कि अगले साल यह बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद मैच के इंदौर से ग्वालियर शिफ्ट होने शुरू हो जाएंगे, क्योंकि अभी केवल इंदौर में ही मैच हो रहे हैं और नए स्टेडियम के बाद रोस्टर से मैच मिलेंगे। माना जा रहा है कि एमपीसीए द्वारा इस स्टेडियम के लिए भी भारी राशि खर्च की जा रही है और नए अनुदान से भी एक राशि वहां जाएगी, जिससे जल्द से जल्द ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके।

MP News एमपी न्यूज 100 crore money showered on MPCA BCCI gave annual fund half the money will be spent in Gwalior Indore needs a new stadium एमपीसीए पर 100 करोड़ की धनवर्षा बीसीसीआई ने दिया सालाना फंड आधा पैसा ग्वालियर में होगा खर्च इंदौर को चाहिए नया स्टेडियम