BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस-बीजेपी ने 51 महिलाओं को टिकट दिए हैं। ये आंकड़ा सियासी दलों के दावों की पोल खोलने वाला है। बीजेपी ने 28 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने 29 सीटों पर महिलाओं पर भरोसा जताया है। दोनों दलों ने महिलाओं को टिकट देने की सीमा को 30 से पार नहीं जाने दिया है। 230 विधानसभा सीटों पर पुरुष प्रत्याशियों की भरमार है। महज 5 सीटें ऐसी हैं जहां महिला का मुकाबला महिला से है। यानी आज की स्थिति में सिर्फ 5 भावी महिला विधायक साफतौर पर देखी जा रही हैं। बालाघाट ऐसी सीट है जहां कांगेस ने अनुभा मुंजारे को टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने मौसम बिसेन को टिकट दिया था, लेकिन मौसम बिसेन की जगह उनके पिता गौरीशंकर बिसेन ने नामांकन भरा है। मौसम की सेहत खराब होने की बात कही जा रही है।
जैसी उम्मीद थी वैसा नहीं हुआ
साल 2018 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2023 में महिलाओं भागीदारी बढ़ना थी, लेकिन हालात पिछले चुनाव जैसे ही नजर आ रहे हैं। पिछली बार बीजेपी ने 23 महिलाओं को टिकट दिया था, जबकि इस बार अब तक 228 सीटों में 28 महिलाओं को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने पिछली बार 28 महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा था, जबकि इस बार 29 महिलाओं को टिकट दिया गया है। इस चुनाव में महिलाओं की बातें खूब की गई, लेकिन धरातल पर महिलाओं पर ज्यादा भरोसा नहीं किया गया।
यहां महिला Vs महिला
- रायगांव - कल्पना वर्मा (कांग्रेस) और प्रतिमा बागरी (बीजेपी) प्रत्याशी हैं।
- पंधाना - रुपाली बारे (कांग्रेस) और छाया मोरे (बीजेपी) प्रत्याशी हैं।
- नेपानगर - गेंदू बाई चौहान (कांग्रेस) और मंजू राजेंद्र दादू (बीजेपी) प्रत्याशी हैं।
- भीकनगांव - झूमा सोलंकी (कांग्रेस) और नंदा ब्राह्मणे (बीजेपी) प्रत्याशी हैं।
ये है महिलाओं की चुनावी मैदान में स्थिति
- 2899 प्रत्याशियों में से 250 महिला प्रत्याशी 2018 के चुनाव में।
- 23 महिलाओं को बीजेपी ने 2018 में टिकट दिया था।
- 28 महिलाओं को कांग्रेस ने 2018 में टिकट दिया था।
- 6 महिलाएं 28 सीटों के उपचुनाव (2020) में प्रत्याशी बनीं।
इस तरह घटी महिला विधायकों की संख्या
मध्यप्रदेश में महिला विधायकों की संख्या 2013 की तुलना में 2018 में आधी हो गई। 2018 में में 17 महिला ही विधायक रहीं। जबकि 2013 में उनकी संख्या 31 थी। 2018 में 17 महिला विधायकों में से 9 बीजेपी और 8 कांग्रेस की थीं।
कब कितनी महिलाएं चुनाव लड़ीं और कितनी जीतीं
2018 में 250 महिला प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा, जिसमें से 21 की जीत हुई।
- 2013 में 200 महिलाओं ने चुनाव लड़ा और 30 जीतीं।
- 2008 में 226 महिलाओं ने चुनाव लड़ा और 25 जीतीं।
- 2003 में 199 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरीं और 19 ने जीत हासिल की।
- 1998 में 181 महिलाओं ने चुनाव लड़ा और 26 की जीत हुई।
- 1993 में 153 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरीं और सिर्फ 12 ही जीत पाईं।
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अलग से घोषणा पत्र भी नहीं
2018 में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने महिलाओं पर अलग से घोषणा-पत्र जारी किया था। बीजेपी ने दृष्टि पत्र के नाम से ये घोषणा पत्र जारी किया था। उसमें महिलाओं के लिए कई किए वादे थे। इस बार दोनों में से किसी भी दल ने महिलाओं पर अलग से घोषणा पत्र जारी नहीं किया है।