संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर जिले की देपालपुर विधानसभा सीट के लिए बीजेपी ने एक बार फिर मनोज पटेल को प्रत्याशी घोषित किया है। इसके बाद से ही उनका विरोध शुरू हो गया। बुधवार को पटेल के विरोध में आमजन के साथ ही बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने देपालपुर के साथ ही इस विधानसभा के गौतमपुरा, हातोद, बेटमा में भी जगह-जगह पटेल के विरोध में रैली निकाली और पुतला जलाया। लोग यहां से राजेंद्र चौधरी का समर्थन करते हुए उनके टिकट की मांग कर रहे हैं। यह मालेगांव ब्लास्ट सहित अन्य मामलों में आरोपी रहे हैं और हिंदुत्व संगठनों से जुड़े हुए हैं। देपालपुर विधानसभा पूरे जिले में सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत वाली सीट है। यहां बीते चुनाव में 82.62 फीसदी वोटिंग हुई थी।
तख्तियों पर स्थानीय प्रत्याशी की मांग-
लोगों ने हाथों में मनोट पटेल हटाओ, बीजेपी बचाओ, स्थानीय प्रत्याशी की मांग जैसे नारे लिखे हुए थे। जगह-जगह रैली निकालने के बाद लोगों ने अलग-अलग चौराहों पर पटेल का पुतला जलाया। इनका कहना था कि वह बीता चुनाव हार चुके हैं और अब नए को मौका मिलना चाहिए, खासकर स्थानीय को। बीजेपी को पटेल हो या कांग्रेस के विशाल पटेल दोनों ही बाहरी प्रत्याशी हैं और यह केवल चुनाव के समय ही देपालपुर में आते हैं। स्थानीय प्रत्याशी होने पर वह लोगों के बीच रहेगा और कम से कम यहां के लोगों के काम आएगा।
पटेल साल 2003 से लड़ रहे चुनाव-
बीजेपी यहां से परंपरागत तौर पर मनोज पटेल परिवार को ही टिकट देती आई है। उनके पहले यहां के धाकड़ नेता रहे उनके पिता निर्भय सिंह पटेल को लगातार टिकट मिला। बाद में साल 2003 में मनोज पटेल को टिकट मिला। मनोज का रिकार्ड एक बार जीत और एक बार हार का है। वह 2003 में कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल से जीते, फिर 2008 में उन्हीं से हार गए थे, फिर 2013 में वापस उनसे चुनाव जीते लेकिन साल 2018 में कांग्रेस के विशाल पटेल से नौ हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गए थे। अब पांचवी बार उन्हें यहां से बीजेपी ने टिकट दिया है।
चौधरी बोले पार्टी तक अपनी बात पहुंचा दी है-
चौधरी ने द सूत्र से कहा कि मैं आरोपों से मुक्त होने के बाद ही देपालपुर में सक्रिय हूं। लोग यहां से स्थानीय प्रत्याशी चाहते हैं और इसके लिए मेरे नाम को आगे बढ़ा रहे हैं। मैंने पार्टी तक अपनी बात पहुंचा दी है। अब आगे पार्टी को तय करना है। देपालपुर में 200 गांव आते हैं मैं हर गांव जाकर पहले लोगों से मिलूंगा, फिर आगे का फैसला लूंगा।
कौन है राजेंद्र चौधरी-
चौधरी मूल रूप से देपालपुर के ही है, यहीं उनका जन्म हुआ। एमपी पीएससी 2009 में वह मेंस क्लीयर कर चुके थे। वह हिंदुत्व संगठनों में सक्रिय हो गए राष्ट्र जागरण अभियान में विस्तारक, हिंदू संगठन में विस्तारक, हिंदू संगम में विस्तारक, संघ भाग कार्यवाह, खंड कार्यवाह जैसी भूमिका में रहे। 15 दिसंबर 2012 में उन्हें नागदा के पास गिरफ्तार किया गया और बम ब्लास्ट के केस लगे। उन पर समझौता एक्सप्रेस बम ब्लास्ट, मालेगांव बम ब्लास्ट, निनमा हत्याकांड कांड, मक्का मस्जिद हैदराबाद बम ब्लास्ट सहित कई केस लग गए और इन आरोपों में वह आठ साल जेल में भी रहे। मार्च 2020 में आरोपों से मुक्त होने के बाद फिर देपालपुर फिर आए। यहां जबरेशवर महादेव मंदिर संघर्ष समिति बनाई और देपालपुर में ही मैदान में सक्रिय हो गए।