RAIGARH. रायगढ़ विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी ओपी चौधरी ने 48 बिंदुओं का घोषणा पत्र जारी किया है। इस घोषणा पत्र में रायगढ़ में मल्टी स्टोरी पार्किंग, खेलो नदी फ्रंट का निर्माण, शहर में फोरलेन सड़कों का डेवलपमेंट, कुदरत राय में एयरपोर्ट निर्माण के लिए प्रयास प्रस्तावित रेल टर्मिनल के लिए प्रयास करने जैसे मुद्दे शामिल हैं। खास बात यह है कि 48 बिंदुओं के घोषणा पत्र में कंडीशन की तरह 18 बार सरकार आने पर शब्द का प्रयोग किया गया है जिसे कांग्रेस मुद्दा बना रही है। कांग्रेस का आरोप है कि खुद बीजेपी प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर संशय की स्थिति में है, इसलिए कंडीशनल घोषणा पत्र जारी किया जा रहा है। इतना ही नहीं घोषणा पत्र में कई ऐसे मुद्दे हैं जिसे पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में रहते हुए पूरा नहीं किया गया ऐसे में यह सिर्फ जुमलेबाजी है।
चौधरी ने यह शामिल किया घोषणा पत्र में
दरअसल, रायगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी ओपी चौधरी ने स्थानीय तौर पर घोषणा पत्र जारी किया है। इस घोषणा पत्र में शहर से जुड़े तमाम मुद्दों को शामिल करने का प्रयास किया गया है। घोषणा पत्र में तालाबों का सौंदर्यीकरण, महिला समूह के लिए महिला सदन का निर्माण, केलो डेम से सिंचाई, संजय कांप्लेक्स का आधुनिक मार्केट के रूप में डेवलपमेंट जैसी घोषणाएं शामिल की गई हैं। जिले में अधूरे पड़े एयरपोर्ट और रेल टर्मिनल प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति दिलाने का वादा किया गया है।
' ओपी चौधरी के घोषणा पत्र में सिर्फ जुमलेबाजी '
अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। इस मामले में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनिल शुक्ला का आरोप है कि बीजेपी ने सरकार आने पर शब्द का प्रयोग किया है। इसका अर्थ यह है कि बीजेपी स्वयं यह जानती है कि प्रदेश में सरकार आने वाली नहीं है। इतना ही नहीं जो वादे किए गए हैं, उन वादों को बीजेपी ने सरकार में रहते हुए पूरा नहीं किया। ऐसे में ये घोषणाएं सिर्फ जुमलेबाजी साबित होगी।
कांग्रेस ने पिछली घोषणाएं पूरी नहीं कीं, उन्हें सवाल पूछने का हक नहीं
इधर, मामले में बीजेपी ने पलट वार किया है। बीजेपी प्रत्याशी ओपी चौधरी का कहना है कि सरकार को लेकर कोई संशय की स्थिति नहीं है, लेकिन कई ऐसे बिंदु हैं जिस पर सरकार आने पर ही बेहद प्रभावशाली तरीके से काम किया जा सकता है। ऐसे में इस शब्द का प्रयोग किया गया है ताकि जनता के साथ पूरी पारदर्शिता बनी रहे। इधर बीजेपी का यह भी कहना है कि जिस कांग्रेस ने पिछले चुनाव में जारी किए गए घोषणाओं को पूरा नहीं किया और इस चुनाव में अब तक घोषणा पत्र जारी नहीं किया, उसे इस तरह के सवाल पूछने का हक नहीं है।