इंदौर में बीजेपी ने नया चेहरा गोलू दिया वहीं, कांग्रेस ने चिंटू, पिंटू, राजा, राम, रीना पांच नए चेहरे दिए

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BP Shrivastava
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इंदौर में बीजेपी ने नया चेहरा गोलू दिया वहीं, कांग्रेस ने चिंटू, पिंटू, राजा, राम, रीना पांच नए चेहरे दिए

संजय गुप्ता, INDORE. बीजेपी की सूची आने के बाद इंदौर की सभी नौ सीटों के लिए आमने-सामने प्रत्याशी तय हो गए हैं। बीजेपी ने इन चुनाव के लिए केवल एक नया चेहरा गोलू शुक्ला के रूप में विधानसभा तीन पर दिया है। वहीं कांग्रेस की बात करें तो उनसे चिंटू, पिंटू, राजा, राम और रीना के रूप में पांच नए प्रत्याशी दिए हैं जो पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। 

इंदौर में बीजेपी VS कांग्रेस इस तरह है-

इंदौर विधानसभा एक- कैलाश विजयवर्गीय VS संजय शुक्ला

यहां बीजेपी से कैलाश विजयवर्गीय दस साल बाद विधानसभ चुनाव में मैदान में आए हैं। वह 1990 मे विधानसभा चार से फिर 1993, 1998 और 2003 मे विधानसभा दो से और फिर 2013 व 2018 में विधानसभा महू से चुनाव जीत चुके हैं। संजय शुक्ला का यह तीसरा चुनाव है। वह साल 2008 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा एक में हार गए थे, 2013 में टिकट नहीं मिला, साल 2018 के चुनाव में वह फिर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव ल़ड़े और जीते। अब इसी सीट से तीसरी बार 2023 में प्रत्याशी है।

इंदौर विधानसभा दो- रमेश मेंदोला VS चिंटू चौकसे

इंदौर विधानसभा दो से मौजूदा विधायक रमेश मेंदोला बीजेपी के प्रत्याशी है जो साल 2008, 2013 और 2018 में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं, वह भी 91 हजार, 71 हजार जैसे वोटों से। चिंटू चौकसे अभी नेता प्रतिपक्ष निगम है। वह पहली बार चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस यहा से लगातर चेहरे बदल रही है लेकिन जीत नही मिली, 1993 से अभी तक यहां कृपाशंकर शुक्ला, रेखा गांधी, अजय राठौर, सुरेश सेठ, छोटू शुक्ला और मोगन सेंगर कांग्रेस से उतर चुके हैं।

इंदौर विधानसभा तीन- गोलु शुक्ला VS पिंटू जोशी

विधानसभा तीन पर बीजेपी लगातार प्रत्याशी बदलती है, साल 1998 में गोपी नेमा लड़े, 2003 में राजेंद्र शुक्ला जो गोलू शुक्ला के ही चचेरे भाई थे वह लड़े लेकिन अश्विन जोशी से हार गए थे, फिर 2008 में बीजेपी ने यहां से गोपी नेमा का आजमाया वह भी हार गए। 2013 में उषा ठाकुर को टिकट मिला जीती, फिर 2018 में आकाश विजयवर्गीय को टिकट मिला और वह जीते। अब पिता कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा एक से टिकट मिलने के बाद उनका टिकट कटा और गोलू शुक्ला को मिला। वहीं पिंटू जोशी को उनके चचेरे भाई अश्विन जोशी का टिकट काटकर टिकट दिया गया है। अश्विन 1998 से यहां से चुनाव लड़ रहे थे लेकिन 2013 और 2018 की दो लगातार हार के बाद पार्टी ने अब उनके भाई और कांग्रेस के धाकड़ नेता रहे महेश जोशी के पुत्र पिंटू उर्फ दीपक जोशी को टिकट दिया है।

विधानसभा चार- मालिनी गौड़ VS राजा मांधवानी

विधानसभा चार जिसे अयोध्या भी कहते हैं, यह सीट 1990 में कैलाश विजयवर्गीय की जीत के साथ बीजेपी की गढ़ बन गई, साल 1993, 1998, 2003 में लक्ष्मण सिंह गौड़ ने भार जीत हासिल की फिर उनके निधन के बाद 2008, 2013 और 2018 में मालिनी गौड़ ने भी रिकार्ड जीत बनाए रखी। अब फिर चौथी बार गौड़ मैदान में हैं और उनके सामने राजा मांधवानी है जो पहली बार कांग्रेस की ओर से लड़ रहे हैं। कांग्रेस इस सीट पर हर बार चेहरा बदलकर प्रयोग करती है लेकिन जीत नहीं मिली है। यहां से 1990 से अभी तक कांग्रेस से इकबाल खान, उजागर सिंह, गोविंद मंधानी, ललित जैन, गोविंद मंधानी, सुरेश मिंडा और सुरजीत चड्‌ढा चुनाव लड़ चुके हैं।

इंदौर विधानसभा पांच- महेंद्र हार्डिया VS सत्यनारायण पटेल

इंदौर विधानसभा पांच में 2003 से लगातार महेंद्र हार्डिया जीत रहे हैं, वह 2003 में सत्यनारायण पटेल को ही हराकर पहली बार चुनाव जीते, फिर 2008 व 2013 में शोभा ओझा को हराया तो 2018 में एक बार फिर सत्तू पटेल को ही हराया था लेकिन इस बार यह जीत मात्र 1132 वोट की रही थी। इस पर कांग्रेस से फिर सत्तू पटेल मैदान में हैं।

विधानसभा राउ- मधु वर्मा VS जीतू पटवारी

यह इंदौर में साल 2008 में पहली बार सीट बनी थी, तब पहला चुनाव कांग्रेस के जीतू पटवारी और बीजेपी के मधु वर्मा के बीच था। इसमें जिराती जीते थे। इसके बाद 2013 में पटवारी ने जिराती को हराया। साल 2018 में पटवारी और बीजेपी के ओर से मधु वर्मा चुनाव मैदान में थे, पटवारी फिर जीते और इस बार भी चुनाव 2023 में दोनों के ही बीचे है।

विधानसभा देपालपुर- मनोज पटेल VS विशाल पटेल

यह सीट एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस के पाले में जाती रही है। मनोज पटेल बीजेपी प्रत्याशी पांचवी बार मैदान में हैं। वह 2003 में पहली बार लड़े और जीते, 2008 में हारे, 2013 में फिर जीते और 2018 में कांग्रेस के विशाल पटेल से ही हारे थे। कांग्रेस के विशाल पटेल का दूसरा चुनाव है, वह 2018 में मनोज पटेल को हरा चुके हैं।

विधानसभा सांवेर- तुलसी सिलावट VS रीना सैतिया बोरासी

तुलसी सिलावट जो पहलवान नाम से चर्चित है सांवेर में वह 1985 से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। यहां भी रिकार्ड एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस के हक में जाने का रहा है। सिलावट 2018 में कांग्रेस की सीट पर जीते तो फिर उपचुनाव में नवंबर 2020 में बीजेपी प्रत्यशी तौर पर लड़े और जीवन की सबसे बडी 53 हजार वोट की जीत हासिल की। वहीं रीना सैतिया बोरासी सांवेर के ही पूर्व विधायक प्रेमचंद गुड्‌डु की बेटी है। वह पहली बार चुनाव में उतरी है। कांग्रेस से पहले यहां लगातार सिलावट ही चुनाव लड़ते आए हैं और विधायक बने हैं, गुड्‌डु भी यहां से लड़े हैं और एक बार कांग्रेस विधायक रह चुके हैं।

विधानसभा महू- उषा ठाकुर VS रामकिशोर शुक्ला

मौजूदा विधायक मंत्री उषा ठाकुर पहली बार किसी विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार मैदान में होंगी। वह साल 2003 से चुनाव लड़ रही है लेकिन पहला चुनाव विधासनभा एक से जीती, फिर 2008 में टिकट कट गया। साल 2013 में विधानसभ तीन से टिकट मिला और जीती, साल 2018 में उन्हें महू भेजा गया, वहां लड़ी और जीती, अब फिर उन्हें यहीं से टिकट मिला है। वहीं रामकिशोर शुक्ला 2003 तक कांग्रेसी थे फिर बीजेपी में चले गए और अभी डेढ़ माह पहले वापस बीजेपी से कांग्रेस में आए हैं। उन्हें पहली बार विधानसभा का टिकट मिला है अभी तक नगर परिषद में उनका कब्जा रहा है। कांग्रेस ने लगातार पांच बार से चुनाव लड़ रहे और तीन बार से हार रहे अंतर सिंह दरबार का टिकट काटकर उन्हें दिया है।

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