इंदौर की महू विधायक ठाकुर की संपत्ति में आठ गुना बढ़ोतरी पर बीजेपी नेताओं ने ही उठाए सवाल, ट्रांसफर और कामकाज में मिलीभगत के आरोप

author-image
Chandresh Sharma
एडिट
New Update
इंदौर की महू विधायक ठाकुर की संपत्ति में आठ गुना बढ़ोतरी पर बीजेपी नेताओं ने ही उठाए सवाल, ट्रांसफर और कामकाज में मिलीभगत के आरोप

संजय गुप्ता, INDORE.  इंदौर की महू विधायक और मप्र शासन की मंत्री उषा ठाकुर की संपत्ति पांच साल में आठ गुना बढ़ने के खुलासे के बाद वह बीजेपी के स्थानीय नेताओं के ही निशाने पर आ गई हैं। नेताओं ने उन पर ट्रांसफर से लेकर कामों में ठेकेदारों से मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। वहीं नेताओं ने दशहरा मिलन के नाम पर गुरूवार रात को महू में बैठक भी की, जिसमें साफ कहा गया कि यदि पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बदला तो हम स्थानीय प्रत्याशी उतारेंगे।

यह लगाए आरोप- ट्रांसफर में इस तरह हुआ खेल

बीजेपी के एक पदाधिकारी ने द सूत्र से संपत्ति के बढ़ने के कारणों का खुलासा किया और साफ कहा कि इसकी एक नई कई वजह है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर महू से पीडब्ल्यूडी एसडीओ, सीईओ जनपद और तहसीलदार को बदला गया, लेकिन जब बीजेपी सरकार आई तो उन्होंने इसमें बदलाव नहीं किया, सांठगांठ कर ली। वो तो आचार संहिता में तहसीलदार और सीईओ को जाना पड़ा। इसी तरह कांग्रेस ने आठ पंचायत सचिवों को देपालपुर ट्रांसफर किया लेकिन बीजेपी सरकार आने पर भी उन्हें वापस नहीं बुलाया गया और जब काफी दबाव बनाया तो अब छह माह पहले महू लाया गया।

विधायक निधि से कामकाज में हुए खेल

बीजेपी पदाधिकारी ने कहा कि विधायक निधि का हाल तो और भी बुरा है। उन्होंने पहले साल में टिन शेड बनाए, जिसकी कीमत 2.65 लाख रुपए लगाई गई। जिसका ठेकेदार उनके मूल विधानसभा क्षेत्र संगमनगर का है। अगले साल उन्होंने जिम का सामान सप्लाय किया, जिसका सप्लायर उनका ही भतीजा था, जिसका अभी निधन हो गया है। फिर उन्होंने विधायक निधि से हाईमास्ट लगवाए वह भी डेढ़ लाख की कीमत से, जिसकी वास्तविक कीमत 50 हजार रुपए मात्र थी। वह फोन उठाती नहीं है, पीए सचिन के हवाले पूरा काम किया हुआ है, कार्यकर्ताओं से बात भी नहीं करती हैं तो फिर उनका साथ हम लोग किस तरह से दें।

यह सभी नेता है विरोध में

दशहरा मिलन में हुई बैठक में तय हुआ कि 29 अक्टूबर तक का समय है, इसके बाद हम प्रत्याशी तय कर लेंगे, जो 30 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेगा। बैठक में बीजेपी पदाधिकारी के साथ ही बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राधेश्याम यादव, शेखर बुंदेला, रामकरण भाबर, गुलाब राजोरा, रवि यादव, महमूद शेख, शिव शर्मा, रचना, जितेंद्र शर्मा यह सभी शामिल रहे, जिन्होंने 15 लोगों कोर समिति का गठन किया हुआ है।

ठाकुर की संपत्ति इस तरह आई थी सामने

उषा ठाकुर द्वारा भरे गए नामांकन में सामने आया था कि वह इंकमटैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करती है। उनकी चल संपत्ति 2018 के समय सवा सात लाख रुपए थी, जो अब 58.72 लाख रुपए हो गई है। जिस बैंक खाते में उनके पास पहले सवा लाख रुपए थे, उसमें अब 45.78 लाख रुपए है। हालांकि उनके पास पहले भी कोई अचल संपत्ति नहीं थी और आज भी नहीं है।

Indore News Meeting held against Usha Thakur increase in assets BJP leaders raised questions ऊषा ठाकुर के विरोध में हुई मीटिंग संपत्ति में बढ़ोतरी बीजेपी नेताओं ने ही उठाए सवाल इंदौर न्यूज़