RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तकरार तेज हो गई है। बीजेपी के चुनाव मीडिया प्रभारी और यूपी से विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले में हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया है। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि वे जिस तरह कहते रहे हैं कि बीजेपी की तरफ से ईडी, आईटी, सीबीआई चुनाव लड़ रही है तो क्या वे अब इसमें हाईकोर्ट को भी शामिल करेंगे?
भूपेश सरकार को शराब की लत लग गई : सिंह
बीजेपी के राष्ट्रीय चुनाव मीडिया प्रभारी सिद्धार्थनाथ सिंह ने रायपुर के एकात्म परिसर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भूपेश बघेल सरकार को शराब की लत लग गई है। उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए जमानत खारिज की है। अरुण पति त्रिपाठी, अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया जो सरकारी मुलाजिम है और अनवर ढेबर जिसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि है, जो षड्यंत्र है या आशीर्वाद है वह आप सबको पता है। जजमेंट के अंदर इन सबको सिंडिकेट बोला गया। यह साधारण चीज नहीं है। कहा गया है कि सिंडिकेट ने सोची समझी रणनीति के तहत सीएसएमसीएल को सिंडिकेट की कठपुतली बना दिया था। उसकी दुकान के माध्यम से अवैध डुप्लीकेट होलोग्राम की शराब बिक रही थी।
फॉरेन लीकर के लिए नए प्रावधान
सिद्धार्थनाथ सिंह ने आगे कहा कि सिंडिकेट ने यह भी प्लानिंग की है कि जो फॉरेन लिकर आती है उसके लिए नए प्रावधान कर दें। नए प्रावधान के लिए उन्होंने एक लाइसेंस बना दिया जिसको ऐसे एफएल 10 ए कहा जाता है। अब उसके तहत उन लोगों ने एक 10 प्रतिशत का कट भी लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि यह तथ्य जो मैं रख रहा हूं, वह जजमेंट में हैं। उसमें जिक्र है कि 19.2 करोड़ जो अवैध बोतल हैं, उस पर नकली होलोग्राम लगाकर बेचा गया है और 2019-20 से लेकर 2022-23 तक यह चला। अवैध शराब से 2 हजार करोड़ इन लोगों ने कमाया है। एक महत्वपूर्ण तथ्य का जिक्र है कि जो ईओडब्ल्यू डीआईजी ने चिट्ठी लिखी थी कि यह सिंडिकेट किस प्रकार से अवैध शराब का धंधा चला रहे हैं।
शराब सिंडिकेट से क्या रिश्ता है ?
सिद्धार्थनाथ सिंह ने सीएम भूपेश से सवाल किया कि इस सिंडिकेट से आपका क्या रिश्ता है, इसको स्पष्ट करना चाहिए। क्योंकि हम लोग अब जनता के बीच में हैं। क्या रिश्ता होने के कारण अपने डीआईजी की चिट्ठी पर कोई कार्रवाई नहीं की? क्या यही कारण था या कोई और कारण था? 2 हजार करोड़ की लूट में हिस्सा दिल्ली को भी गया, क्योंकि आप एटीएम बने हुए थे। 19.2 करोड़ जो नकली होलोग्राम की बिक्री हुई है, इतनी बड़ी बिक्री आपके राज्य में हो रही थी, क्या आपको पता ही नहीं चला।
क्या घोटालों को जिंदादिली कहा जाता है
सिद्धार्थनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि यहां पर आपकी जो मीडिया टीम है, वह कहती है कका जिंदा है अब क्या यह जो घोटाले हो रहे इसी को जिंदादिली कहा जाता है? कका की जिंदादिली कहा जाता है? उन्होंने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी तो डॉक्टर रमन सिंह जी को प्यार से चावल वाले बाबा बोला जाता था आपने तो यहां पर शराब की लत लगा दी तो कका के आगे क्या लगना चाहिए?