वेंकटेश कोरी, JABALPUR. 25 सितंबर को पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी के तौर पर घोषणा हुई और 27 सितंबर यानी 48 घण्टों के भीतर ही जबलपुर के सांसद राकेश सिंह ने जबलपुर में बन रहे प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर के उस हिस्से का लोकार्पण करा दिया जो पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरता है। यानी जबलपुर के सांसद और लोकसभा के मुख्य सचेतक राकेश सिंह की यह तत्परता दिखाती है कि वे सांसद रहते हुए विधायक का चुनाव लड़ने को भी बेहद संजीदगी से रहे थे। जबलपुर के सांसद और लोकसभा के मुख्य सचेतक राकेश सिंह को बीजेपी आला कमान ने जबलपुर के पश्चिम विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया।
प्रत्याशी बनाते ही मिशन मोड में जुट गए थे राकेश सिंह
25 सितंबर को जैसे ही दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ अन्य सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने के फैसले का ऐलान हुआ तभी से ही राकेश सिंह ''मिशन मोड'' में जुट गए, बिना वक्त गंवाए उन्होंने मैदानी जमावट करने के साथ ही दो दिन बाद 27 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जबलपुर आमंत्रित करा लिया और करीब 1000 करोड़ के फ्लाईओवर के उस हिस्से का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री के हाथों करवा दिया जिसका पूरा का पूरा हिस्सा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से ही होकर निकलता है। पहले ही दिन से राकेश सिंह ने जनता के बीच जाना न केवल शुरू कर दिया था बल्कि अंदरूनी स्तर पर बैठकें कर लगातार अपनी स्थिति को मजबूत करने का काम भी किया, इसी का नतीजा है कि रविवार को हुई मतगणना में उन्होंने कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री रहे तरुण भनोत को 30134 मतों के भारी अंतर से करारी शिकस्त दे दी।
एक तो बड़ी प्रोफाइल और ऊपर से मोदी-मामा चला का जादू
जबलपुर से चार बार के सांसद राकेश सिंह को विधानसभा का चुनाव लड़ाने की घोषणा के बाद से ही जबलपुर की सियासत में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। हर किसी की जुबां पर पश्चिम विधानसभा सीट की ही चर्चा सुनाई दे रही थी क्योंकि यहां से जबलपुर के सांसद और लोकसभा के मुख्य सचेतक का मुकाबला कमलनाथ सरकार के वित्त मंत्री रहे कांग्रेस के ''हैवीवेट'' नेता तरुण भनोत से होना था शुरुआत से लेकर यही कयास लगाए जा रहे थे कि पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में तरुण भनोत से चुनाव जीत पाना आसान नहीं है और यह किसी बड़ी चुनौती से काम भी नहीं है, लेकिन सांसद के तौर पर कई चुनाव लड़ चुके राकेश सिंह ने इसे चुनौती के रूप में लिया और उन्होंने ''माइक्रो लेवल पर मैनेजमेंट'' करते हुए आखिरकार इस हाई प्रोफाइल सीट पर भी अपनी जीत दर्ज कर ली।
एक दशक बाद खिला कमल
पश्चिम विधानसभा क्षेत्र को भारतीय जनता पार्टी का मजबूत किला माना जाता रहा है, इसके पहले जबलपुर की सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सास जयश्री बेनर्जी भी पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से ही विधायक चुनी गई थीं और यही से विधायक रहते हुए उन्हें प्रदेश सरकार में मंत्री का दर्जा भी दिया गया था। इसके बाद हरेंद्रजीत सिंह बब्बू भी पश्चिम सीट से एक लगातार जीत दर्ज करते रहे हैं। 2003 के चुनाव में तो वे 33000 वोटों से पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे। उसके बाद पिछले एक दशक से कांग्रेस के तरुण भनोत इसी क्षेत्र से लगातार विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं, लेकिन अब बीजेपी का यह मजबूत गढ़ एक बार फिर बीजेपी के पास ही चला गया और एक दशक के बाद यहां भी कमल खिल गया।
सेवा का स्वभाव लेकिन जनता ने नकारा
कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री और पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक रहे तरुण भनोत क्षेत्र में लोकप्रिय तो रहे, लेकिन यह लोकप्रियता और सेवा का स्वभाव उनके काम नहीं आया, वे लगातार यह कहते रहे हैं की सेवा उनके स्वभाव में है और इसकी झलक भी लगातार नजर भी आती रही है। इस बार के चुनाव में पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने इस ''हाई प्रोफाइल'' सीट पर भाजपा को दोनों हाथों से आशीर्वाद दिया यही कारण है कि बीजेपी के राकेश सिंह को 96268 वोट मिले तो कांग्रेस के तरुण भनोत को 66134 वोट ही हासिल हो पाए, इस तरह बीजेपी के राकेश सिंह ने 30134 मतों के अंतर से पश्चिम की लड़ाई जीत ली और एक दशक के बाद पश्चिम के मजबूत किले को अपने खेमे में मिलाने में कामयाबी हासिल कर ली।
पश्चिम की जीत में "योगी और यूपी" का फैक्टर
विधानसभा चुनाव के दौरान लगातार यह चर्चा भी सरगर्म रही की इस बार शहर के चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति की भी झलक देखने मिलेगी और हुआ भी ऐसा ही। दरअसल पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए गए जबलपुर के सांसद राकेश सिंह की बेटी की शादी उत्तर प्रदेश की सियासत में खास दखल रखने वाले और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी एक परिवार में हुई है, लिहाजा राकेश सिंह के चुनाव में उत्तर प्रदेश से जुड़े इस परिवार की भी सीधी नजर रही और सियासी रायशुमारी से लेकर अन्य किस्म के मैनेजमेंट की निगरानी भी राजनीति के इस अनुभवी परिवार ने भरपूर की।