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BHOPAL. मध्यप्रदेश में अब उम्मीदवारों के ऐलान में देरी की कोई वजह बची नहीं है, माना जा रहा है कि जहां बहुत ही ज्यादा असमंजस की स्थिति है केवल उन्हीं उंगलियों पर गिनी जा सकने वाली सीटों को छोड़कर बाकी बची हुई सीटों के प्रत्याशियों का ऐलान जल्द हो सकता है। बची हुई सीटों पर फैसला लेने बीजेपी जहां 17 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में फैसला ले लेगी वहीं कांग्रेस की सीईसी की बैठक 18 अक्टूबर को होना है। कयास लग रहे हैं कि बैठक के तुरंत बाद सूचियां भी पटकी जा सकती हैं।
मंत्रियों और सिटिंग एमएलए का कट सकता है नाम
बीजेपी की बात की जाए तो उसकी पांचवी लिस्ट से कई मंत्रियों के नाम नदारद रहने का संभावना जताई जा रही है। वहीं मौजूदा विधायकों को भी सर्वे और रिपोर्ट के आधार पर विश्राम दिए जाने की संभावना है। ऐसे चेहरे जो लगातार एक ही सीट पर कब्जा किए हुए हैं, वहां भी नए चेहरों को लाने का दांव खेला जा सकता है। कांग्रेस की बात की जाए तो पहली लिस्ट में पार्टी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को विश्राम दे चुकी है। माना जा रहा है कि अगली लिस्ट में बाकी के बचे करीब 20 विधायकों के भाग्य का फैसला भी ले लिया जाएगा।
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कांग्रेस की पहली लिस्ट में कमलनाथ की चली
बता दें कि कांग्रेस की पहली लिस्ट में घोषित प्रत्याशियों के नाम देखकर सीधा-सीधा संदेश यही मिला है कि टिकट वितरण में पीसीसी चीफ कमलनाथ की ही चली है। हालांकि घोषित नामों में ज्यादातर सिटिंग एमएलए ही हैं। अब देखना यह होगा कि अगली सूचि में कांग्रेस के अन्य दिग्गजों के समर्थकों को क्या हासिल होता है। कांग्रेस से ज्योतिरादित्य के अलगाव के बाद भी अभी सुरेश पचौरी, अजय सिंह राहुल, अरुण यादव और दिग्विजय सिंह समेत कई नेताओं के समर्थक हैं। दिग्विजय सिंह गुट तो पूरी तरह से कमलनाथ का साथी रहा है। देखना यह होगा कि अन्य बड़े नेताओं को टिकट वितरण में संतुष्ट रखने में कांग्रेस कितनी कामयाब हो पाती है।
आराधना, अनुष्ठान और यज्ञों का हो रहा आयोजन
इधर जिन दावेदारों की टिकट अभी कन्फर्म नहीं हुई है और जिनकी उम्मीदवारी का ऐलान हो चुका है। सभी के सभी नवरात्र पर आदिशक्ति की उपासना में भी समय दे रहे हैं। आदिशक्ति के दुर्गासप्तशती पाठ और महायज्ञ का भी आयोजन कराया जा रहा है। विधानसभा चुनाव के टिकट और विजय के अभीष्ट को लेकर लोग अपने-अपने तरीके से जगतजननी को रिझाने में तत्पर हैं।