BHOPAL. पितृ पक्ष खत्म होते ही कांग्रेस और बीजेपी दोनों में बड़े धमाके हो सकते हैं। खासतौर से बीजेपी में। क्योंकि बीजेपी जानती है कि एक गलत फैसला पार्टी में एंटीइकम्बेंसी को बढ़ावा दे सकता है। अब तक जारी हुई लिस्ट से बीजेपी ने जबरदस्त तरीके से चौंकाने का काम किया है। पहली लिस्ट में उन सीटों को तवज्जो दी जहां कांग्रेस के विधायक काबिज है। हालांकि, इन सीटों पर भी विरोध हुआ। दूसरी लिस्ट में दिग्गजों को मैदान में उतारकर चुनावी बाजी उनके हवाले ही कर दी। तीसरी लिस्ट तो खैर एक ही नाम की थी, लेकिन अब चौथी लिस्ट के बाद घमासान के पूरे आसार हैं। क्योंकि अब टिकट की लिस्ट से बाहर होने वालों में मंत्रियों के भी नाम शामिल होंगे। महेन्द्र सिसौदिया और उषा ठाकुर को छोड़कर बाकी शेष मंत्रियों के टिकट खतरे में आ गए हैं।
अब इंतजार है बीजेपी की अगली लिस्ट का
बीजेपी में टिकट की जंग पहले से और भी ज्यादा दिलचस्प होती जा रही है। पहली लिस्ट के बाद जमकर विरोध के स्वर फूटे तो दूसरी लिस्ट के बाद सिर्फ एक ही चर्चा होती रही कि बीजेपी ने सांसदों को मैदान में उतारकर क्या मैसेज दिया है। अब इंतजार अगली लिस्ट का है। इसके बाद सियासी हालात या तो पहले से ज्यादा दिलचस्प होंगे या फिर बीजेपी में जमकर बवाल होगा। पहली लिस्ट में तीन विधायकों के टिकट काट चुकी बीजेपी अपनी अगली लिस्ट में मंत्रियों के नामों पर भी कैंची चला सकती है। माना जा रहा है कि इस लिस्ट के बाद बीजेपी में असल बगावत फूटेगी। यही वजह है कि ऐसी लिस्ट को सबसे आखिर में जारी किया जा रहा है ताकि बागियों को कम से कम समय मिले।
सिंधिया खेमे से 3 मंत्रियों के टिकट कटना तय माने जा रहे हैं
अपनी चारों लिस्ट में अब तक बीजेपी ने तकरीबन हर खेमे को बैलेंस रखने की कोशिश की है। सिंधिया खेमे से भी चुन-चुन कर ऐसे प्रत्याशियों को टिकट तो दे ही दिया है जिससे बगावत न पनपे, लेकिन अगली लिस्ट में किसी पर रहम नहीं होगा। बीजेपी के अंदरखानों से आ रही जानकारी के अनुसार सिंधिया खेमे के जिन तीन मंत्रियों के टिकट कटना तय माने जा रहे हैं, इनमें ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़ और बृजेन्द्र यादव शामिल हैं। इनके नाम होल्ड होने के बाद से ही इनकी धड़कनें बढ़ी हुई हैं लाजमी है। जिन मंत्रियों का परफोर्मेंस खराब है उन्हें भी अहसास है कि आने वाली सूची कोई खुशखबरी लेकर नहीं आने वाली है।
परफोर्मेंस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी के दूसरे नेता शुरू से ही जोर दे रहे हैं। खुद सीएम वन टू वन बैठकें कर मंत्रियों को ये हिदायत दे चुके हैं कि वो अपने परफोर्मेंस पर ध्यान दें। जो समझ गए उन्हें टिकट मिल चुका है। और, जो नहीं समझे उनके नाम होल्ड पर रख लिए गए हैं। जिन मंत्रियों के नाम अब तक टिकट जारी नहीं हुआ है उनमें...
- लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री सुरेश धाकड़।
- नगरीय प्रशासन व विकास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया।
- लोक स्वास्थ्य व यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव।
- पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक राज्य रामखेलावन पटेल।
- स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार के नाम प्रमुख हैं।
- खेल व युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है।
- चौथी सूची में पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का नाम आ सकता है।
- सिसौदिया को बमौरी से तो उषा ठाकुर की सीट बदलने की संभावना बताई जा रही है।
पिताओं को ही बीजेपी ने चुनावी रण में खड़ा कर दिया
गौरी शंकर बिसेन का नाम भी होल्ड पर है। वो अपनी जगह बेटी मौसम बिसेन के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। लेकिन ये जरा मश्किल लगता है क्योंकि अपने बच्चों के लिए टिकट की गुहार लगाने वाले पिताओं को ही बीजेपी ने चुनावी रण में खड़ा कर दिया है। कैलाश विजयवर्गीय और नरेंद्र सिंह तोमर इसके उदाहरण हैं। खैर चौथी लिस्ट में भी नाम नहीं देखकर, बचे हुए मंत्रियों के सांसे जरूर फूली हुई होंगी कि उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं। ये डर इसलिए भी बड़ा है क्योंकि बाकी मंत्रियों के साथ साथ इन्हें चौथी लिस्ट में शामिल नहीं किया गया।
7 मंत्री और 67 विधायकों की नींद उड़ी हुई है
इस लिस्ट के आने से पहले सब कुछ ठीक था क्योंकि बीजेपी कम ही चेहरों के टिकट काट रही थी, लेकिन अब आठ मंत्रियों में से एक को छोड़कर बाकी मंत्री और 67 विधायकों की नींद उड़ी हुई है। हालांकि, चुनावी पंडितों के लिए इतनी तादाद में मंत्रियों को टिकट मिलना भी चौंकाने वाला है। जिस हिसाब से जनआशीर्वाद यात्रा में लोगों की नाराजगी सामने आ रही थी और कार्यकर्ता खुलकर गुस्सा जता रहे थे। उसके बाद ये माना जा रहा था कि बीजेपी कई मंत्रियों को मैदान से गायब कर देगी। गुजरात जैसे कुछ राज्यों में बीजेपी ऐसा कर भी चुकी है। जहां बड़ी संख्या में मंत्रियों के टिकट कटे थे, लेकिन मध्यप्रदेश में वो ट्रेंड नजर नहीं आ रहा। इसके पीछे कांग्रेस भी एक बड़ा फैक्टर हो सकती है। कांग्रेस ने अब तक एक भी लिस्ट जारी नहीं की है।
कांग्रेस नौ दुर्गा धड़ाधड़ प्रत्याशी डिक्लेयर करेगी
ये खबरें भी शुरू से आ रही हैं कि कांग्रेस की बीजेपी के बागियों पर नजर है। तो, क्या कांग्रेस वाकई ऐसे बागियों के इंतजार में लिस्ट को होल्ड पर रख रही है। पितृ पक्ष खत्म होने में महज एक दिन का समय शेष है। इसके बाद नौ दुर्गा शुरू होंगी। इस शुभ दिन पर कांग्रेस भी धड़ाधड़ प्रत्याशी डिक्लेयर करेगी।
लिस्ट आने के बाद साफ हो जाएगा कि असल सूरते हाल क्या है
कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद सियासी तस्वीर ज्यादा साफ होगी। किस सीट पर किन चेहरों में टक्कर होगी। कहां कांग्रेस बीजेपी की बगावत का फायदा उठा सकेगी और कहां बीजेपी की चौंकाने वाली रणनीति काम आएगी। बीजेपी की एक सूची और इन्हीं दिनों में जारी होने की संभावना है। जिससे साफ हो जाएगा कि असल सूरते हाल क्या है। ये भी हो सकता है कि अब बगावत के मामले में ज्यादा सेंसिटिव सीटों पर प्रत्याशी उतारने से पहले बीजेपी कांग्रेस के मूव का इंतजार करे और फिर तय करे कि उसकी अगली रणनीति क्या होगी। लिस्ट किसी की भी आए ये तय है कि दंगल दिलचस्प ही होने जा रहा है।