BEMETARA. बेमेतरा भाजपा युवा मोर्चा ने पीएससी में गड़बड़ी को लेकर पीएससी के खिलाफ शव यात्रा निकाली। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में गड़बड़ी को लेकर जिला भाजपा युवा मोर्चा की ओर से जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुराना बस स्टैंड चौक के पास पीएससी का पुतला बनाकर शव यात्रा निकाली गई और पीएससी के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अधिकारियों के खिलाफ की नारेबाजी
भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पीएससी के इसी गड़बड़ घोटाले में कहीं ना कहीं सरकार भी शामिल है। इसी बात का भी उन्होंने खुलकर विरोध किया है और पीएससी की शव यात्रा निकालते हुए राज्य सरकार से मांग की हैं कि इस पूरे मामले की जांच निष्पक्ष रूप से की जाए और जिन अधिकारियों ने इसमें गड़बड़ी की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए जमकर प्रदर्शन भी किया। इस दौरान शव को लेकर पुलिस और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं में जमकर झूमा-झटकी भी हुई। भाजपा के इस प्रदर्शन को लेकर पुराना बस स्टैंड में पुलिस बल को पहले से ही तैनात कर दिया गया था।
PSC में नियुक्तियों में गड़बड़ी का आरोप
बता दें कि भाजपा लगातार पीएससी में नियुक्तियों में गड़बड़ी का आरोप लगा रही है। इधर छत्तीसगढ़ पीएससी चयन में गड़बड़ी के मामले में राज्य शासन ने हाईकोर्ट में जवाब दे दिया है। राज्य शासन ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया है कि शासन मामले की खुद जांच कर हाईकोर्ट के समक्ष पूरी रिपोर्ट और जवाब पेश करेगा। जब तक मामले की अगली सुनवाई नहीं हो जाती तब तक इस विषय को बढ़ावा ना देकर जिन व्यक्तियों पर आरोप लगा है और उनकी नियुक्ति नहीं हुई है, उसको आगे अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा। साथ ही जिनकी नियुक्तियां हो चुकी हैं, वह यथास्थिति न्यायालय के आदेश के अधीन रहेंगी। शासन के इस उक्त वक्तव्य को रिकॉर्ड पर लेते हुए हाईकोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद रखी है।
हाई कोर्ट ने चयन प्रक्रिया पर उठाया था सवाल
गौरतलब है कि दायर याचिका में भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने राजभवन के सचिव अमृत खलको के बेटे और बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने के साथ ही पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई रिश्तेदारों और कई नेताओं के रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठाया है। याचिकाकर्ता के पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने भी हैरानी जताई है। चीफ जस्टिस के मुताबिक पीएससी सहित दूसरी संस्था में अधिकारियों के बच्चे का चयन होना स्वाभाविक है, लेकिन ऐसा क्या संयोग है कि पीएससी चेयरमैन के करीबी रिश्तेदारों का चयन हुआ है तो यह गलत है। कोर्ट ने कहा कि इनकी नियुक्ति रोक दी जानी चाहिए, डिवीजन बेंच ने चेयरमैन, अधिकारी और सत्ताधारी दल के नेताओं के करीबियों के 18 पदों की नियुक्ति की जांच कराने के निर्देश भी दिए हैं।