हरीश दिवेकर @BHOPAL
इतिश्री रेवा खंडे पंचम अध्याय समाप्त...। बोलो राजनीति की जय...। एक पंडित कम नेताजी कुछ ऐसा ही गुनगुना रहे थे। कारण पूछा तो बोले- मतगणना होने को है। तीन माह से चल रही सियासी कथा अब समाप्त हो जाएगी। एग्जिट पोल के उलझे आंकड़ों पर सवाल दागा तो बोले दोनों तरफ बेचैनी है। नजदीकी मुकाबले की संभावना है। बाड़ाबंदी की तैयारी शुरू कर दी हमने तो। इन सबके बीच मामा शिवराज को उम्मीद है कि लाड़ली बहना उनकी नैया पार लगाएंगी। काका कमलनाथ युवाओं के बूते सत्ता में आने का दम भर रहे हैं। कुछ ही घंटे बाकी हैं, अब क्या... किसके सिर में कितने बाल...सामने आ ही जाएगा। तो साब...पोल- मोल का चक्कर छोड़िए और सबसे तेज 'द सूत्र' देखिए।
क्योंकि देश- प्रदेश में खबरें तो और भी हैं, लेकिन आप तो सीधे नीचे उतर आईए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए।
चलो उड़ चलें, हम दूर...
नतीजों में बहुमत न मिलने की स्थिति में पार्टियों ने अपनी तैयारी को अंतिम रूप दे दिया है। मध्यप्रदेश में ज्यादातर सर्वे में कड़े मुकाबले के मद्देनजर भाजपा निर्दलीय और असंतुष्ट कांग्रेसियों के संपर्क में हैं। वहीं, कांग्रेस में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह एवं रणदीप सुरजेवाला ने मैदानी कमान संभाल ली है। छत्तीसगढ़ में तो मामला और आगे बढ़ गया है। वहां परिणाम के बाद जीत चुके नेताओं को बैंगलुरु भेजने की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए दो चार्टर्ड प्लेन बुक हैं।
कलेजा मुंह को आने को है भई
मध्यप्रदेश में 25 विधानसभा सीटों पर जीत- हार बेहद कम अंतर से होगी। नतीजतन, यहां मैदान में उतरे प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हैं। 'यही रात अंतिम, यही रात भारी' वाली स्थिति है। लिहाजा, उन्हें जीत का भरपूर भरोसा दिलाया जा रहा है, लेकिन इन नेताओं का बीपी ऊपर-नीचे हो रहा है। उन्हें कभी आंकड़ों तो कभी पुराने संबंधों के बूते जीत का दम दिखाया जा रहा है, लेकिन बात है कि बन ही नहीं रही।
दावे अपने- अपने हैं...
मामा दावा कर रहे हैं कि कोई कांटे-फांटे की टक्कर नहीं है। लाड़ली बहनों ने सारे कांटे निकाल दिए हैं। वहीं काका का दावा है कि युवाओं को भाजपा ने छला है, नौकरियों में भ्रष्टाचार किया, इसलिए ये लाड़ले अब कांग्रेस का सहारा बनेंगे। बहरहाल, कुछ घंटे बाद पता चल जाएगा कि मामा का हाथ लाड़ली ने थामा या काका को लाड़लों ने कंधे पर बैठाया। उधर, सट्टा बाजार ने तो मानो गिरगिट को भी पीछे छोड़ दिया है। पहले कांग्रेस को आगे दिखाया, फिर भाजपा को। दूसरे राउंड में भाजपा आगे हो गई और तीसरे में फिर कांग्रेस। आखिर के चौथे राउंड में एक बार फिर भाजपा आगे है।
इकबालिया कबूलनामा
बड़े साहब के कुर्सी से उतरते ही इकबाल के बदले हुए सुर नजर आए। विदाई समारोह में अफसरों के सामने इकबालिया कबूलनामा करते हुए कहा, मैं जानता हूं कि कई लोगों के साथ अच्छा नहीं हुआ। इकबाल ने सफाई देते हुए कहा, यकीन मानिए मैंने व्यक्तिगत किसी का बुरा नहीं किया, जो कुछ हुआ वह सिस्टम की डिमांड थी। इकबाल ने ये भी कबूल किया कि मैं रूखा व्यक्ति हूं, इसलिए आप लोगों को लगता है कि मैंने किसी का भला नहीं किया। जाने अनजाने में मैंने किसी को दु:ख पहुंचाया तो माफी मांगता हूं। उनके इकबालिया बयान को सुनकर कुछ के दिल को ठंडक मिली तो कुछ फुसफुसाते हुए नजर आए कि बबूल बोया है तो कांटे मिलेंगे ही, उनके इन भावों से ऐसा लगा जैसे वो अपने समय आने का इंतजार कर रहे हैं। बहरहाल 'द सूत्र' पुराने हो चुके 'बड़े साहब' को नई पारी की शुभकामनाएं देता है।
एग्जिट पोल के बाद भगवा हुई खाकी
मौका था, पुलिस मैस में स्पेशल डीजी के विदाई समारोह का, लेकिन खाकी वाले साहब अपने साथी को नई पारी की शुभकामनाएं देने से ज्यादा एग्जिट पोल की चर्चा में डूबे नजर आए। खाकी वाले मुखिया की तो खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था। मुखिया जी हर दूसरे अफसर से पूछ रहे थे कि एग्जिट पोल के बारे में आपकी क्या राय है, कोई अपनी राय देता उससे पहले ही मुखिया जी बोल देते भाई मेरा मानना है कि एग्जिट पोल एक्जेक्ट ही निकलते हैं, मुखिया के इतने बोलने पर दूसरे अफसर भी तत्काल बोलते नजर आए ईटस ट्रू सर, राईट सर और एग्री सर। मुखिया के भगवा होते ही दूसरे खाकी वाले साहब भी भगवा हो गए। कुछ थे दूर खड़े होकर इस पूरे घटनाक्रम का मजा भी लेकर कह रहे थे कि हमारे साथी भी कितनी जल्दी रंग बदलते हैं यार सुबह कुछ शाम को कुछ, तो कुछ बोल पड़े सत्ता के साथ चलना है तो जी जी करना है।
जीते तो फिर शराब के साथ पानी बिकवाएंगे
भोपाल से सटे एक विधायक ने अपनी पानी की बोतलें बेचने का नया तरीका निकाला हुआ है। विधायक सत्ताधारी दल से जुड़े हैं, होटल और शराब कारोबार से भी नाता है। विधायक ने अपने ब्रांड का पानी बेचने के लिए जिले में आने वाले सभी ढाबों और होटलों पर अड़ी डाल रखी है कि सिर्फ उनके ब्रांड का ही पानी बिकेगा। दरअसल, विधायक जी के क्षेत्र में ढाबों पर अवैध शराब बेचने का जबरदस्त धंधा चलता है। इनका कहना है कि शराब के साथ उनकी पानी की बोतलें भी बेचो। विधायक ने फिर चुनाव लड़ा है कि यदि जीते तो शराब के साथ उन्हीं के ब्रांड का पानी ढाबों और होटलों पर बिकेगा।