BHOPAL. मध्यप्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का अपना स्थाई वोटबैंक है। ऐसे में यहां मायावती की पार्टी भी पूरे जोश ओ खरोश के साथ चुनाव मैदान में है। पार्टी लगातार अपने प्रत्याशियों का ऐलान करती चली आ रही है। अब उसने अपनी 12वीं लिस्ट जारी की है, इस लिस्ट में 13 नाम हैं, 12 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है जबकि सोनकच्छ की सीट पर प्रत्याशी बदला गया है।
चंबल-विंध्य पर खास फोकस
बहुजन समाज पार्टी को ग्वालियर चंबल और बुंदेलखंड में अच्छा जनाधार है। ताजा लिस्ट में मुरैना की सुमावली सीट से कुलदीप सिकरवार को प्रत्याशी बना दिया गया है। सिंगरौली सीट से चंद्रप्रताप वर्मा, श्योपुर से विहारी सिंह सोलंकी और टीकमगढ़ से सीताराम लोधी समेत पन्ना से विनय कुमार अहिरवार को उम्मीदवार घोषित किया गया है।
3 दर्जन सीटों पर पड़ेगा असर
राजनैतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस विधानसभा चुनाव में बीएसपी यूपी बॉर्डर से लगी हुई 36 सीटों पर सीधा प्रभाव डालेगी। पार्टी बीजेपी-कांग्रेस के बागियों पर पैनी नजर बनाए हुए है। यही कारण है कि पार्टी ने अजब सिंह कुशवाह को दोनों हाथ फैलाकर गले लगा लिया था। हालांकि कांग्रेस ने टिकट बदलकर अजब सिंह को प्रत्याशी बना दिया जिसके बाद वे कांग्रेस में वापसी कर गए। इसके अलावा पूर्व मंत्री रूस्तम सिंह और उनके बेटे का भी बीएसपी ने स्वागत किया है।
बसपा के वोट से फायदे-नुकसान का गणित
यूपी की सीमा से सटे चंबल, विंध्य और बुंदेलखंड में बसपा नतीजों पर सीधा असर डालती है। दलित वोटर्स जब बसपा से छिटकते हैं तो इसका फायदा कांग्रेस को मिलता है और यदि बीएसपी का वोट प्रतिशत बढ़ता है तो बीजेपी को इसका सीधा-सीधा फायदा होता दिखाई देता है। बीते चुनावों का विश्लेषण करने पर तो यही बात सामने आती है। बसपा प्रदेश में अकेले की दम पर चुनाव लड़ रही है। कुछ सीटों पर उसने गठबंधन जरूर किया है।