JAIPUR. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली लिस्ट बुधवार को फाइनल होने जा रही है और इस लिस्ट को अंतिम रूप देने के लिए होने वाली बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सन 2020 में हुई बगावत का मुद्दा उठा दिया और कहा कि जिन विधायकों ने उस समय सरकार गिराने के लिए पैसा लिया उन्हें आज कोई पूछ नहीं रहा है।
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली में आज स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक चल रही है और कल यानी बुधवार को पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति के बैठक होगी जिसमें पहली सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सीएम गहलोत ने 2020 में हुई बगावत के आरोप दोहराए
इन बैठकों के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले मंगलवार को जयपुर में अशोक गहलोत ने एक बार फिर साल 2020 में हुई बगावत और सरकार गिराने के लिए पैसे के लेनदेन के आरोप दोहरा दिए। गहलोत ने कहा कि हमारे विधायक करप्ट नहीं थे, तभी हमारी सरकार बची। उस समय 10-10 करोड़ रुपए विधायकों को दिए जा रहे थे और 10 करोड़ रुपए कौन छोड़ना चाहता है? सीएम गहलोत ने कहा कि आरोप लगाना अलग बात होती है और उसे साबित करना अलग बात होती है। जब राज्यपाल ने 2020 में असेंबली बुलाने की तारीख दी तो रेट बढ़कर 10 करोड़ से 30 करोड़ तक पहुंच गई, लेकिन जनता हमारे साथ थी। अगर जनता हमारे खिलाफ होती तो आधे विधायक हमे छोड़कर चले जाते। यही कारण है कि 30 दिन विधायक होटल में रहे और राजस्थान में आज भी इस बात की चर्चा होती है कि सरकार बच कैसे गई? उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गिराने के लिए पैसे लिए होंगे, कर्नाटक में लिए होंगे और राजस्थान में भी किसी ने लिए ही होंगे, लेकिन जिन्होंने 10 करोड़ की पहली किस्त ली उन्हें अब कोई पूछ नहीं रहा है।
शेखावत पर सीएम का तंज
सीएम ने आरोप लगाया कि राजस्थान की कांग्रेस चर्चा में इसलिए है, क्योंकि यहां सरकार बच गई, जबकि, सरकार गिराने का षड्यंत्र करने वालों में राजस्थान के ही मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल थे। इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री का आशीर्वाद गजेंद्र सिंह और धर्मेंद्र प्रधान को मिला था या नहीं यह मैं नहीं जानता। राजस्थान की जनता तय कर चुकी है कि कांग्रेस में भले ही लाख कमी हो, चाहे हम टिकट या कैंपेन में कोई कमी रख दें, लेकिन वो हमारा साथ देगी। हमें आशीर्वाद देगी।
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टिकट वितरण से पहले आखिर क्या मैसेज देना चाहते हैं गहलोत
बयानों के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत टाइमिंग के मास्टर माने जाते हैं और प्रत्याशी चयन की कवायद के अंतिम दौर में एक बार फिर बगावत की बात करना और 10 करोड रुपए लेने के आरोप दोहराना काफी अहम माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 2020 में हुई बगावत की बातें दोहराकर उन्होंने सीधे-सीधे पायलट कैंप के विधायकों को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है। इसका असर टिकिट वितरण में नजर आ सकता है।