BHOPAL. चार दिवसीय इज्तिमा शुक्रवार से भोपाल में शुरू हो गया। इन चार दिनों में दिल्ली मरकज समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से आए उलेमाओं की तकरीरें होंगी। इज्तिमा मे विदेशों से आने वाली जमातों के अलावा देश के अन्य प्रदेशों से आने वाले जमातियों के ठहरने के इंतजाम किए गए हैं। इसी तरह, प्रदेश के विभिन्न जिलों से आने वाली जमातों और स्थानीय जमातियों के लिए भी हलके तय कर दिए गए हैं। समागम में 20 हजार से अधिक वॉलंटियर्स शामिल हैं।
हिंदू समुदाय के लोगों ने भी की भागीदारी
यहां पार्किंग से लेकर पानी तक की व्यवस्था में हिंदू समुदाय के लोगों का भी योगदान रहा। पानी के इंतजाम के लिए लगे करीब 52 ट्यूबवेल में से करीब दर्जन भर हिंदू समुदाय के लोगों के हैं। इनमें राम सिंह और माली समाज के कुछ स्थानीय कृषक शामिल हैं। इसके अलावा, अलग-अलग सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों में भी सनातन से जुड़े लोग हैं।
80 फूड जोन, 60 रुपए में भर पेट खाना
दुनिया भर से आने वाली जमातों के खान-पान के इंतजाम में यहां करीब 80 फूड जोन बनाए गए हैं। इनमें रियायती दरों पर चाय, नाश्ता, खाना और पीने का पानी उपलब्ध रहेगा। नो लॉस-नो प्रॉफिट की धारणा के साथ इज्तिमागाह पर 60 रुपए में भरपेट खाना, 20 रुपए में नाश्ता और 5 रुपए में चाय उपलब्ध होगी। पानी की बॉटल 7 रुपए में मिलेगी।
भोपाल में ऐसे शुरू हुआ इज्तिमा
इज्तिमा अरबी भाषा का शब्द है। इसका मतलब कई लोगों का एक जगह पर इकट्ठा होना है। भोपाल में इज्तिमा की शुरुआत 1947 में मस्जिद शकूर खां में सिर्फ 10-12 लोगों के साथ की गई थी। इसके 2 साल बाद इसे ताजुल मस्जिद में किया जाने लगा। जब इसमें आने वाले लोगों की संख्या लाखों में होने लगी। मस्जिद कैम्पस छोटा लगने लगा। फिर इसे साल 2015 में बैरसिया रोड स्थित ईंटखेड़ी के पास घासीपुरा में शिफ्ट कर दिया गया। इसके लिए 2 महीने पहले से तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं। बड़े-बड़े डोम, टेंट समेत वजूखाने, टॉयलेट, पानी-सीवेज लाइन और बिजली के इंतजाम शुरू कर दिए जाते हैं।
इज्तिमागाह में व्यवस्थाएं एक नजर में
- 20 हजार से अधिक लोग कर रहे खिदमत।
- करीब 14 देशों से आज पहुंचेंगी जमातें।
- नहाने और वजू के लिए गर्म पानी, 2000 लीटर पानी की 8 टंकियों में गर्म पानी मिलेगी।
- रात को ईशा की नमाज से सुबह फजिर की नमाज तक लोगों को मुफ्त में चाय और अंडा उपलब्ध कराया जाएगा।
- 300 एकड़ से ज्यादा एरिया में बड़े-बड़े पंडाल बनाए गए हैं, जहां जमातें रुकेंगी।
- बारिश से बचने के लिए टेंट को वाटर प्रूफ किया जा रहा है। वहीं, ठंड से राहत पाने के लिए अलाव भी जलेंगे।
- 10 फायर ब्रिगेड, 6 फायर बुलेट 24 घंटे तैनात रहेंगी। वहीं, 50 से ज्यादा फायरकर्मी तैनात रहेंगे।