RAIPUR. बीजेपी नेताओं और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के छत्तीसगढ़ दौरे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि हेमंत बिस्वा सरमा पहले मुंडन करा लें फिर हिंदू होने की बात करें। भूपेश ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई भी नेता आए फर्क नहीं पड़ेगा। दरअसल स्थानीय नेताओं पर जनता को भरोसा नहीं है और लोकप्रियता भी घटी है।
मामा-भांजे के बाद भांजी भी मैदान में
वहीं पंडरिया सीट से बीजेपी प्रत्याशी घोषित होने पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि टिकट वितरण में केवल रमन सिंह की चल रही है। मामा और भांजे के बाद अब भांजी भी चुनाव मैदान में हैं। रमन सिंह खुद भी डूबेंगे और वह भी पूरे कुनबे के साथ। 17 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान और छठ पूजा पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि इस पर निर्वाचन आयोग को संज्ञान लेना चाहिए।
रेणुका सिंह के बयान पर भेपूश बोले- बौखलाए हुए हैं
रेणुका सिंह और केंद्रीय मंत्रियों के बयान पर सीएम भूपेश ने कहा कि अपनी हार देख बौखलाए हुए हैं, इसलिए इस तरह के भाषा का उपयोग कर रहे हैं। वहीं बीजेपी द्वारा अब तक घोषणा पत्र जारी नहीं की जाने के सवाल पर कहा कि बीजेपी अपनी हार मान चुकी है, इसलिए मौन है।
असम के सीएम सरमा ने कहा- छग में भूपेश एक पॉल्यूशन
बता दें कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने लोरमी में बुधवार, 18 अक्टूबर को सीएम भूपेश पर भी निशाना साधा और कहा कि हमारे देश में कई तरह के पॉल्यूशन हैं। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल भी एक पॉल्यूशन है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी हमारे मेनिफेस्टो में रहेगा तो बंद होगा नहीं रहेगा तो नहीं होगा। छत्तीसगढ़ में जिस तरह लव-जिहाद और धर्मांतरण हो रहा है, हमने असम को इस आग में जलते देखा है। देखते-देखते असम का डेमोग्राफी चेंज हो गया है, छत्तीसगढ़ के लोगों को सतर्क करना मेरी जिम्मेदारी है, एक बार लव-जिहाद और धर्मांतरण हो गया तो हिंदू खत्म हो जाएगा। छग में कांग्रेस ने धर्मांतरण का बाजार खोल दिया है।
मोदी-शाह हैं तो सब मुमकिन है- सरमा
सरमा ने सवाल किया कि देश में मोदी नहीं होते तो राम मंदिर बनता क्या, अमित शाह नहीं होते तो कश्मीर से धारा 370 हटता क्या? मोदी नहीं होते तो काशी की तस्वीर बदलती क्या? मोदी-शाह हैं तो सब मुमकिन है। बीजेपी हिंदू की बात करती है। बीजेपी इसके साथ-साथ विकास की भी बात करती है। देश में अंदर भी और देश के बाहर भी कांग्रेस केवल तुष्टिकरण की राजनीति करती है। कांग्रेस केवल तुष्टिकरण के बारे में सोचती है।