शिवम दुबे, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने महापौर रामशरण यादव को पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसके बाद आज 10 नवंबर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इसके पीछे कारण उसी वायरल ऑडियो को बताया जा रहा है, जिसमें पहली आवाज कथित रूप से अरुण तिवारी पूर्व विधायक सीपत की है, जबकि दूसरी आवाज महापौर रामशरण यादव की है। इस बात की पुष्टि भी पूर्व विधायक अरुण तिवारी ने द सूत्र को की है।
निलंबन के आदेश में क्या लिखा है ?
निलंबन आदेश में लिखा है कि रामशरण यादव छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी संगठन के खिलाफ अनर्गल वार्तालाप करते हुए पार्टी विरोध गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण और कारण बताओ नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर इंडियन नेशनल कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है।
ऑडियो में विधानसभा टिकट को लेकर चर्चा !
इस ऑडियो में विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण को लेकर चर्चा हो रही है। ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये ऑडियो प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संज्ञान में लिया है। कांग्रेस का कहना है कि ऑडियो में जिस प्रकार की बातचीत हो रही है, वो पार्टी अनुशासनहीनता की परीधि में आता है।
ऑडियो में क्या था ?
वायरल ऑडियो में महापौर रामशरण यादव ने टिकट वितरण को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा पर पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया है। महापौर रामशरण बेलतरा विधानसभा से दावेदार थे। पूर्व विधायक और कांग्रेस से बागी अरुण तिवारी के साथ बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि टिकट वितरण करने के लिए प्रदेश प्रभारी सैलजा के पिता को हवाला के जरिए 4 करोड़ की राशि पहुंचाई गई है। द सूत्र वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।
24 घंटे के अंदर मांगा था जवाब
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने ऑडियो प्ररकण को गंभीरता से लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के लिए निर्देशित किया। रामशरण यादव को 24 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया। उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर कार्रवाई की गई।
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कांग्रेस की टिकट क्या करोड़ों में बेची गईं ?
भितरघात से जूझ रही कांग्रेस के लिए ये ऑडियो एक नई मुसीबत ही बना है। सीपत से पूर्व विधायक अरुण तिवारी जो कि खुद बागी होकर मैदान में हैं, उन्होंने इस ऑडियो को ये कहते हुए जारी कर दिया है कि ये कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दर्द है। वहीं मेयर रामशरण यादव इस मसले पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। पहले PCC ने रामशरण को शोकॉज नोटिस जारी किया है। जो संकेत थे उसी पर आगे बढ़ते हुए रामशरण यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया है।