मोदी के मन में एमपी… टिकट बंटवारे में भाजपा का 'स्पेशल 39', कांग्रेस की सूची पितृ पक्ष में और मंत्री के खास पराठे

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Harish Divekar
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मोदी के मन में एमपी… टिकट बंटवारे में भाजपा का 'स्पेशल 39', कांग्रेस की सूची पितृ पक्ष में और मंत्री के खास पराठे

BHOPAL. रेलम पेल रैलियां...धड़ाधड़ सभाएं और सफेद-कुर्ता पायजामा में नेताओं की भीड़...घोषणाओं की बहार। जी हां, ये नजारे जिस राज्य में दिख जाए, मान लीजिए...चुनाव हैं। चौमासे में बारिश भले नहीं हो रही है, लेकिन सियासी बयानबाजी की बौछारें जारी हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इन दिनों यही माहौल है।

मोदी के मन में एमपी बस गया है। वे 2 अक्टूबर को ग्वालियर पहुंचेंगे। बीते सात माह में प्रधानमंत्री का मध्यप्रदेश में यह आठवां दौरा होगा। इसके बाद 5 अक्टूबर को उनका जबलपुर होते हुए छतरपुर जाना भी प्रस्तावित है।

महिला आरक्षण पर प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अब कहा है कि जो लोग यह सोचते हैं कि प्रधानमंत्री उनसे नाराज हैं, तो वह महापापी हैं। इधर, राहुल गांधी की सभा के बाद कांग्रेस एक बार फिर भाजपा पर हमलावर हुई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि भाजपा में प्रदेश पदाधिकारियों व प्रभारियों तक को ये नहीं पता है कि कल को चुनावी लिस्ट में किसका नाम आएगा। भाजपा की सभी कमेटियां दिखाने की हैं। खबर है कि कांग्रेस पितृपक्ष में उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी। देश- प्रदेश में खबरें तो और भी हैं, आप तो सीधे नीचे उतर आइए और 'बोल हरि बोल' के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए।

पितृ पक्ष में जारी होगी कांग्रेस की लिस्ट

कांग्रेस अजब- गजब स्टाइल में काम कर रही है। हिन्दुओं के बड़े उत्सव गणेश चतुर्थी में शुभ काम की शुरुआत की जा सकती थी, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया। अब पितृ पक्ष में कांग्रेस की पहली और बड़ी सूची आएगी। उधर, बीजेपी पूरी तरह से हर कदम ज्योतिषाचार्यों से सलाह लेकर उठा रही है। यही वजह है कि पहली सूची 39 की निकाली। उसके बाद 39 दिन का गैप दिया। फिर 39 की सूची निकाली। नाम 40 तय हुए थे, इसलिए एक प्रत्याशी का नाम दूसरे दिन ऐलान किया, ताकि 39 का आंकड़ा बना रहे।

नेताजी बनने का शौक चर्राया

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भाजपा संगठन में आए एक पदाधिकारी को नेताजी बनने का शौक चर्राया हुआ है। हम अपने पंडितजी की बात कर रहे हैं। वे संगठन के पदाधिकारी से ज्यादा नेताओं जैसा व्यवहार करने लगे हैं। इन साहब को मीडिया में आना, बड़े लोगों के साथ फोटो खिंचाना खूब भा रहा है। हाल ही में विंध्य के दौरे पर पंडितजी ने अपनी आरती भी उतरवा ली। दिलजलों ने उनकी आरती का फोटो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। अब साहब को बीजेपी कार्यकर्ता ही ट्रोल कर रहे हैं। बोले- संगठन के पदाधिकारी ही नेतागीरी करेंगे तो संगठन को कौन संभालेगा?

बुझे-बुझे से रहते हैं मंत्रीजी

मालवा क्षेत्र के एक मंत्री के गृह क्षेत्र की महिला एसडीएम का तबादला पड़ोसी जिले में क्या हुआ, मंत्रीजी के चेहरे की रौनक ही चली गई। अब वो बुझे- बुझे से नजर आते हैं। मंत्रीजी और एसडीम मैडम की ट्यूनिंग की ज्यादा ही चर्चा थी। भोपाल में G-20 में जब उनके जिले से प्रतिनिधित्व करने की बात आई तो मंत्रीजी ने प्रमोटी आईएएस कलेक्टर को पीछे कर अपनी खास एसडीएम मैडम को स्पीच देने का मौका दिया था। मंत्री और एसडीएम मैडम की नजदीकी कितनी थी, इसका अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि मैडम आए दिन अपने घर से गरमा गरम परांठे अपने हाथ से बनाकर ले जाती थीं। मंत्री को भी सुबह के नाश्ते का बेसब्री से इंतजार रहता था। अब न मैडम आती हैं, ना ही उनका नाश्ता। मंत्रीजी भी अक्सर ये इंतेहा हो गई इंतजार की.... गाना गुनगुनाते देखे जाते हैं।

बड़े साहब की तमन्ना

हॉट सीट पर बैठने के बाद से ही बड़े साहब की बड़ी तमन्ना है कि वो मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय में बड़ी कुर्सी पर बैठने वालों की कवर्ड कैम्पस कॉलोनी पर एक बार तो बुल्डोजर चलवा दें। दरअसल, इस कॉलोनी में कुछ ऐसे साहबों के बंगले हैं, जिनसे बड़े साहब की खुन्नस है। ऐसे में वो उनके आशियाने तोड़कर अपने अरमान पूरे करना चाहते हैं, लेकिन पूरा जोर लगाने के बावजूद अब तक बड़े साहब अपने सपने को साकार नहीं कर पाए। साहब का कार्यकाल खत्म हो गया। दो एक्सटेंशन भी मिल गए और तीसरा मिलने की संभावना है। अब देखना होगा कि बड़े साहब जो काम दो एक्सटेंशन लेने के बाद भी नहीं कर पाए, क्या वह तीसरा एक्सटेंशन में पूरा होगा। बड़े साहब के नजदीकी बताते हैं कि लो डेनसिटी में बनी इस कॉलोनी में कोई भी बंगला 10 करोड़ से कम का नहीं है।

एसीएस का बढ़ रहा बीपी- शुगर

मंत्रियों के स्टाफ के भर्ती घोटाले की खबर बाहर आने के बाद से ही मंत्रालय के एक एसीएस का बीपी- शुगर कंट्रोल से बाहर हो रहा है। दरअसल, जब से एसीएस को पता चला है कि बड़े साहब इस मामले में उन पर शिकंजा कसने की तैयारी में हैं, तब से एसीएस बेचैन हैं। अब वो हर किसी को सफाई देते फिर रहे हैं कि उनका इस भर्ती से लेना- देना नहीं है। वहीं मंत्रालय के दिलजले अधिकारी- कर्मचारी कहते हैं कि इस मामले में एसीएस ने सीधे डील की थी। किसी को बीच में नहीं आने दिया। इसका मतलब एसीएस पर ये कहावत फिट बैठती है कि 'मिल- बांट खाओ बरकत, आप अकेले खाओ तो हरकत।'

बसपा और गोंगपा एक हुई

बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भाजपा, कांग्रेस की धड़कनें बढ़ा दी हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मध्यप्रदेश में आदिवासी और दलित वोट बैंक 38 फीसदी है। समझौते के मुताबिक बसपा 178 और गोंगपा 52 सीटों पर ताल ठोकेगी। पहले बसपा ने सभी 230 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था, लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में अब मायावती ने अपनी रणनीति में भी बदलाव किया है। ये दोनों पार्टियां निश्चित रूप से भाजपा और कांग्रेस का सियासी गणित बिगाड़ेंगी।

उमा के लिए महापापी कौन?

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती फिर चर्चा में हैं। उन्होंने महिला आरक्षण बिल पर पार्टी से अलग राय रखी और प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा। कहा जा रहा था कि उनके इस कदम से प्रधानमंत्री मोदी नाराज हैं। इस पर उमा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मोदी जी के बारे में कोई ऐसा महापापी ही सोच सकता है कि जिन कुछ सिद्धांतों पर मैं चली हूं, उससे मोदी जी मुझसे नाराज हो सकते हैं। ऐसा दुष्प्रचार मुझे नहीं, बल्कि मोदी जी और भाजपा को नुकसान पहुंचाने की गहरी चाल है।

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