एमपी में बस फॉग चल रहा, साहब सपने देख रहे और बीजेपी इस बार भी करेगी 'खेला'

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Harish Divekar
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एमपी में बस फॉग चल रहा, साहब सपने देख रहे और बीजेपी इस बार भी करेगी 'खेला'

हरीश दिवेकर @Bhopal

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम को करीब एक हफ्ता बाकी है। सबके अपने आकलन हैं। भाजपा नेता अपनी सरकार बनवा रहे हैं। कांग्रेस भी आत्मविश्वास से लबरेज है। सट्टा 'मटके' में समा गया है। अब तो मानो 'फॉग' ही चल रहा है। इन सबके बीच एक चर्चा ऑपरेशन लोटस 2.0 की है। भाजपा ने प्लान बी तैयार कर लिया है। कुल मिलाकर सारे गुणा- भाग नई सरकार पर आकर टिके हैं। इसी आस में प्रदेश के सबसे बड़े साहब एक्सटेंशन का सपना देख रहे हैं। मजे की बात है कि उनके अधीनस्थों ने विदाई की तैयारी कर ली है। मंत्रालय में इन दिनों आदेशों की 'जलेबी' वाली मैडम की खूब चर्चा है। यहीं एक साहब को 'धंधा' पसंद है। देश- प्रदेश में खबरें तो और भी हैं, पर तो सीधे नीचे उतर आइए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए।

फॉग चल रहा है

टीवी पर चर्चित विज्ञापन देखा है न। हां, वही, फॉग वाला। मध्यप्रदेश की सियासत में भी इन दिनों फॉग जैसा ही माहौल चल रहा है। दोनों दलों के जमीनी कार्यकर्ताओं से लेकर हाईकमान तक ये नहीं समझ पा रहे हैं कि 3 तारीख को किसके पक्ष में परिणाम आएगा। इसलिए सभी कह रहे हैं कि 'चुनाव फंसा हुआ है।' सट्टा बाजार भी हर दो दिन बाद करवट बदल देता है। कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखाई देती है। इसलिए आप भी दिमाग लगाना छोड़िए और 3 दिसंबर को मोबाइल पर 'द सूत्र' देखिए, हम आपको हर पल का अपडेट देकर बताएंगे कि किसका विकेट उड़ रहा है, कौन छक्के लगा रहा है।

पंत प्रधान की साख दांव पर

इस चुनाव में पंत प्रधान की साख भी दांव पर है। पूरा चुनाव उन्हीं के चेहरे पर लड़ा गया है। लिहाजा, उनकी छवि पर आने वाली आंच को रोकने के लिए पार्टी के 'चाणक्य' ने नया प्लान बनाया है। भाजपा ने इस नए सियासी पैंतरे का कोड नेम है टीसी... यानी ट्राइबल कार्ड। एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव के समय अपनाई गई रणनीति के तहत काम हो रहा है। तब आदिवासी अस्मिता के नाम पर कांग्रेस के करीब डेढ़ दर्जन विधायकों ने अपनी पार्टी के प्रत्याशी के बजाय बीजेपी प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया था। अब ऐसे ही आदिवासी विधायकों का सहारा लेने की तैयारी है। वरिष्ठ नेता इन दिनों कांग्रेस के ऐसे आदिवासी विधायकों से संपर्क साध रहे हैं। उन्हें सपने दिखाए जा रहे हैं। देखना होगा बीजेपी का यह प्लान बी कितना कारगर होगा। पहले धोखा खा चुकी कांग्रेस भी अलर्ट मोड पर है। कमजोर कड़ियों की निगरानी की जा रही है।

सपना ये अपना...

बड़े साहब पूरी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पिछले दो बार की तरह अंतिम समय में PMO से फरमान आएगा और उन्हें एक्सटेंशन मिल जाएगा। वहीं दूसरी ओर उन्हीं के अधीनस्थ विभाग जीएडी के अफसर मान रहे हैं कि अब साहब को एक्सटेंशन नहीं मिलेगा। अपने विभाग के आला अफसर के फरमान के बाद सत्कार शाखा के लोग साहब के फेयरवेल की तैयारी में लग गए हैं। बड़े साहब का रिजल्ट आने में 3 दिन का वक्त है, तब ही पता चलेगा कि एक्सटेंशन का जश्न मनता है या फेयरवेल पार्टी।

'जलेबी' बनाने में माहिर हैं मैडम

मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण महकमे में 'जलेबी' वाली मैडम आ गई हैं। हां, मतलब गोलमोल करने वाली। जब से मैडम ने कामकाज संभाला है, तब से फाइलों पर फैसले कम जलेबी ज्यादा बन रही हैं। दरअसल, मैडम फाइलों को पढ़कर उनका निराकरण करने से ज्यादा लिखावट के जरिए उसे टालने की कोशिश करती हैं। मैडम जिस ​महकमे में बैठी हैं, वहां प्रदेश के डायरेक्ट और प्रमोटी दोनों अफसरों की कुंडली देखी जाती है। प्रशासनिक दृष्टि से देखा जाए तो ये सबसे भारी- भरकम विभाग माना जाता है। पहले वाली मैडम दिल्ली रवाना हो गई हैं, बड़े साहब की पसंद पर जलेबी वाली मैडम उनकी जगह पर आई हैं।

साहब को 'धंधा' पसंद है...

साहब को नौकरी से ज्यादा धंधा पसंद है, इसलिए पद पर रहते हुए साहब पीथमपुर में फैक्ट्री खोल रहे हैं। साहब खुद भी धार जिले में कलेक्टर रह चुके हैं, उसी समय साहब ने फैक्ट्री खोलने की प्लानिंग कर ली थी। उन्होंने भोपाल के एक अविनाश दलाल को फैक्ट्री खोलने के लिए लगा रखा है। अविनाश नाम का ये व्यक्ति सीनियर महिला आईएएस का करीबी बताया जाता है। मैडम जहां- जहां जाती हैं, अविनाश वहां- वहां ठेकेदारी करता है। एक संस्थान में मैडम के साथ कुछ समय के लिए ये साहब भी रहे थे। वहीं अविनाश से इनकी मुलाकात हुई थी, अब दोनों मिलकर करोड़ों का कारोबार शुरू कर रहे हैं।

छापा शराब फैक्ट्री पर नींद उड़ी अफसरों की

आयकर विभाग ने छापा सोम शराब फैक्ट्री पर डाला था, लेकिन ब्लड प्रेशर अफसरों का बढ़ गया। दरअसल, छापे में आयकर अफसरों के हाथ बड़ी एंट्री लगी है, जिसमें मैदानी आबकारी अफसरों के साथ विभाग की कमान संभालने वालों से लेकर मंत्रालय में बैठने वाले आईएएस अफसर भी शामिल हैं। इनमें हाल ही में रिटायर होने वाले साहब का भी नाम बताया जा रहा है, साहब को डर है कि नाम उजागर हो गया तो अब तक ईमानदारी का ढोल पीटने की कलई खुल जाएगी।


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