गंगेश द्विवेदी/ RAIPUR. पूर्व मंत्री और रायपुर दक्षिण से बीजेपी के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पर रायपुर दक्षिण विधानसभा का चुनाव महापौर एजाज ढेबर और उनके भाई अनवर ढेबर को ठेके में देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे इसका खुलासा 14 नवंबर को करेंगे।
बीजेपी कार्यकर्ताओं को धमकाया जा रहा है
बृजमोहन ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को धमकाया जा रहा है। उन्हें पैसों का प्रलोभन दिया जा रहा है। उनकी बात नहीं मानने पर लोगों को धमकी दी जा रही है कि 17 तारीख के बाद देख लेंगे। वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। बृजमोहन ने चेतावनी दी कि उन्हें या उनके कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ तो वे शांत नहीं बैठेंगे। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे भी इस चेतावनी को समझ लें। महंत रामसुंदर दास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे बेचारे तो चुनाव भी नहीं लड़ना चाहते थे। उनको यहां से टिकट देकर फंसा दिया है।
मुख्यमंत्री के बयान से आहत
बृजमोहन ने हमले के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि हमले के बाद मुख्यमंत्री के बयान से वे बहुत आहत हैं। वे 7 बार के विधायक हैं, लेकिन मुख्यमंत्री जी ने मेरे बारे में जो शब्द बोले हैं। उसके लिए उन्हें रायपुर की जनता से माफी मांगनी चाहिए। अग्रवाल ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री की कृपा से विधायक नहीं हूं। वर्तमान में मुख्यमंत्री जी पैसा खोर हो गए हैं। जिनके ऊपर जग्गी हत्या के आरोप हैं, जिन पर शराब घोटाला का आरोप है, जिन पर महादेव सट्टा चलाने का आरोप है, उनसे सीएम की नजदीकी है। मेरे ऊपर कभी कोई आरोप नहीं लगे किसी ने भेदभाव का आरोप नहीं लगाया है। जिस ढंग से मुख्यमंत्री ने अभद्र शब्दों का प्रयोग किया है। वह उनको शोभा नहीं देता। इसके लिए उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।
कुर्ता-पैजामा पहनकर हमला
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जो व्यक्ति पकड़ा गया वो टीशर्ट और जींस में दिख रहा था, लेकिन हमले के वक्त वह और उसके साथी कुर्ता पैजामा पहने हुए थे। उनके पास हथियार भी होने की आशंका है। मेरे साथ जो घटना हुई। उससे पूरा शहर आग में जल सकता था, लेकिन मैंने संयम रखा इसलिए शांति है।
बृजमोहन ने किया चैलेंज
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम कहते हैं कि मैं हार के डर से ऐसा कर रहा हूं, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं आपको चैलेंज करता हूं कि प्रदेश की जिस सीट वे चुनाव लड़ने की बात कहें मैं वहां आ जाऊंगा। मुख्यमंत्री कोई भी सीट तय कर लें। में उन्हें उनकी चुनी हुई सीट से हराऊंगा।
क्या मामला कांटे का है
बृजमोहन अग्रवाल के आक्रामक होने को लेकर राजनीति के जानकारों का अनुमान है कि दक्षिण विधानसभा सीट में मुकाबला टफ हो गया है। बृजमोहन चुनावी मैनेजमेंट के पुराने माहिर खिलाड़ी हैं, उन पर हुआ हमला भी चर्चा का विषय है, लेकिन जिस तरह से वे तेजी से मामले को लेकर संवेदनशील हुए हैं, उससे लग रहा है कि मुकाबला अब कांटे का हो चुका है। गौरतलब है कि बृजमोहन मुख्यमंत्री के अच्छे मित्रों में गिने जाते हैं। विधायक रहने के बावजूद उनसे सीएम ने मंत्री बंगला भी अभी तक वापस नहीं लिया है। सवाल यह उठता है कि आखिर चुनाव के वक्त ऐसा क्या हुआ कि मामला आरोप-प्रत्यारोप तक चला गया।
कांग्रेस का पलटवार, मारपीट तो हुई नहीं अब क्या करेंगे बृजमोहन
सुशील आनंद ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल से मारपीट तो हुई नहीं फिर किस बात को लेकर हाय तौबा मचा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जनता जानती है! बृजमोहन इस तरह की रणनीति तब अपनाते हैं जब वे चुनाव हारने वाले होते हैं। महंत की सरलता के सामने बृजमोहन का षड्यंत्र नजर आ रहा हैं। बृजमोहन के साथ कोई मारपीट नहीं हुई, सीसीटीवी में साफ दिख रहा है। ये पूरी तरह से प्री प्लान किया गया था। बृजमोहन ने हमले की झूठी बात की। बृजमोहन ने ही किसी व्यक्ति को धक्का मारा उसे अपशब्द कहे।