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अरुण तिवारी,BARWANI. बड़वानी में इंदौर लोकायुक्त की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां की सेंधवा जनपद पंचायत के दफ्तर में लोकायुक्त की टीम ने सीईओ रविकांत उइके को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सीईओ यह रिश्वत सुनील ब्राह्मने नाम सहायक सचिव से मनरेगा एक्ट के तहत एफआईआर न कराने के एवज में ली जा रही थी। जनपद पंचायत के दफ्तर में सीधे सीईओ को ट्रैप करने की कार्रवाई के बाद दफ्तर ही नहीं बल्कि पूरे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।
बाउंड्रीवॉल के निर्माण का था मामला
शिकायतकर्ता सहायक सचिव सुनील ब्राह्मने ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत ग्राम जुलवानिया में शासकीय स्कूल की बाउंड्रीवाल निर्माण की राशि स्वीकृत हुई थी। निरीक्षण के दौरान जनपद पंचायत सीईओ ने निर्माण कार्य को स्वीकृत राशि के अनुरूप निर्मित होना नहीं पाया और सहायक सचिव के खिलाफ मनरेगा एक्ट की धारा 92 के तहत एफआईआर और कार्रवाई की बात कही थी। बाद में कार्रवाई न करने के एवज में 5 लाख रुपए की घूस की डिमांड की गई थी। जिसकी शिकायत सहायक सचिव ने इंदौर लोकायुक्त में कर दी।
रिश्वत की रकम हाथ में लेते ही दबोच लिया
शिकायत का परीक्षण कराने के बाद शिकायत सही पाई गई। इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप कार्रवाई की तैयारी कर ली। तय डील के मुताबिक शिकायतकर्ता को रिश्वत के 5 लाख रुपए के कैमिकल लगे नोट लेकर आरोपी के दफ्तर भेजा गया। जैसे ही आरोपी सीईओ रविकांत उइके ने रिश्वत की रकम अपने हाथ में ली तत्काल पास ही मौजूद लोकायुक्त दल ने उसे दबोच लिया। इस कार्रवाई के दौरान जनपद पंचायत का सीईओ घबरा गया। वह लोकायुक्त की टीम के आगे मिन्नतें करने लगा। लेकिन बाद में जब उसके हाथ धुलवाए गए तो गुलाबी रंग ने सारी कहानी बयां कर दी।
लोकायुक्त टीम ने दर्ज किया मामला
थोड़ी देर बाद आरोपी जनपद पंचायत सीईओ रविकांत उइके सामान्य हुआ। जिसके बाद लोकायुक्त की टीम ने उस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। कार्रवाई की सूचना जिला मुख्यालय को प्रेषित की गई है।