JAIPUR. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बीजेपी ने नामांकन के साथ दिए गए शपथ पत्र में उनके खिलाफ दर्ज अपराधिक मामलों में तथ्य छुपाने का आरोप लगाया है। बुधवार देर शाम (8 अक्टूबर) केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने निर्वाचन विभाग में तथ्य छुपाने की शिकायत की है। गजेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जानबूझकर अपने नामांकन में दो गंभीर मामलों की जानकारी छुपाई है। इसमें एक जमीन घोटाले का मामला है और दूसरा अन्य क्राइम का मामला है।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने दी शिकायत
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव 2023 के लिए जो नामांकन पत्र दाखिल किया है, उसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने खिलाफ चल रहे दो आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी है। एक जमीन घोटाले से जुड़ा मामला है और दूसरा लूट, यौन हिंसा जैसे संगीन अपराध का मामला है। उन्होंने दोनों मामलों की जानकारी को अपने शपथ पत्र में छुपाया है। लोक प्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 ए के तहत संज्ञाय अपराध है। हमने इलेक्शन कमीशन को शिकायत की है कि इसपर संज्ञान लेकर कार्रवाई करें। गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से शिकायत दर्ज करवाई गई है कि नामांकन पत्र में गलत सूचना देने और अधूरा भरने की स्थिति में चुनाव आयोग की ओर से नामांकन तत्काल रद्द करके उम्मीदवारी निरस्त करने का प्रावधान है। अशोक गहलोत की ओर से अपने नामांकन पत्र को पेश किया गया, जिसमें सभी लंबित आपराधिक प्रकरणों का विस्तृत ब्यौरा देना आवश्यक था, लेकिन जानबूझकर अधूरा विवरण प्रस्तुत किया गया है। दो आपराधिक प्रकरणों की जानकारी नामांकन पत्र में नहीं दी गई है।
पहले भी गहलोत ने दी थी गलत जानकारी
शेखावत ने दावा किया है कि अशोक गहलोत के खिलाफ पहले आपराधिक मामला 8 सितंबर, 2015 को जयपुर के गांधीनगर थाने में फिर संख्या 409/ 2015 धारा 166, 409, 420, 467, 468, 471 और 120बी भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज हुआ था। यह प्रकरण वर्तमान में न्यायालय अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर के समक्ष विचार अधीन है। इसमें आगामी तारीख 24 नवंबर, 2023 है। एक अन्य प्रकरण भी अशोक गहलोत के खिलाफ विचाराधीन है, जिसका विवरण भी नामांकन पत्र में नहीं दिया गया है। गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दी गई शिकायत में लिखा गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पहले भी विधानसभा चुनाव 2013 और विधानसभा चुनाव 2018 में मिथ्या शपथ पत्र पेश करके तथ्यों को छुपाया गया था। इसकी शिकायत करने के बाद भी राज्य चुनाव आयोग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो कि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह अंकित करता है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में नामांकन पत्र के साथ दिए गए शपथ पत्र में अपने खिलाफ चार आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। इनमें से एक गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर किया गया मानहानि का मामला है। वहीं एक मामला खान आवंटन में अनियमितता और दूसरा जमीन आवंटन में अन्य मित्र से जुड़ा है। एक अन्य मामला एक बांध परियोजना में अनियमितता से जुड़ा भी है।