JAIPUR. न्यायपालिका को लेकर पिछले दिनों दिए गए बयान के बाद विवादों के घेरे में आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट में दिए अपने जवाब में माफी मांग ली है। हाई कोर्ट में आज (3 अक्टूबर) को सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पेश किए गए जवाब में कहां गया है कि पूर्व न्यायाधीशों ने भी कई बार न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर बयान दिए हैं। मेरे स्टेटमेंट में भी मैंने उनको कोट करते हुए ही अपनी बात कही थी। फिर भी अगर मेरे बयान से न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।
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ज्यूडिशियरी पर दिए बयान को लेकर गहलोत ने मांगी माफी
हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह की खंडपीठ ने सीएम अशोक गहलोत के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए 7 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई तय की है। कोर्ट में सीएम गहलोत के जवाब के साथ पूर्व न्यायाधीशों के द्वारा दिए गए बयानों के दस्तावेज भी पेश किए गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ज्यूडिशियरी में भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मैंने सुना है कि कई वकील तो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं। वहीं जजमेंट आता है। ज्यूडिशियरी के अंदर यह क्या हो रहा है? चाहे लोअर ज्यूडिशियरी हो या अपर। हालात गंभीर हैं। देशवासियों को सोचना चाहिए।
गहलोत के बयान के बाद मच गया था हंगामा
गहलोत के इस बयान के बाद विवाद की स्थिति बन गई थी। भारतीय जनता पार्टी के विधि विभाग के पूर्व अध्यक्ष योगेंद्र सिंह तंवर ने इसे लेकर मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिख डाली थी। वहीं वकीलों का विरोध प्रदर्शन भी सामने आया था। वहीं पूर्व न्यायिक अधिकारी शिवचरण गुप्ता सहित कई वकीलों ने गहलोत के खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं दायर कर दी थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से आज जो जवाब पेश किया गया है वह शिवचरण गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर ही है। इस याचिका पर ही हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर गहलोत से जवाब मांगा था।
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