शिवम दुबे, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने बीजेपी के प्रवक्ता केदार गुप्ता, सिद्धार्थ सिंह और अनुराग अग्रवाल को मानहानि का नोटिस भेज दिया है। विनोद वर्मा ने कहा है कि ईडी एम्बेडेड डिटेक्टिव ऑफ बीजेपी है। केंद्र सरकार का दावा झूठा है। अगर उसको बैन कर देते तो एक पत्रकार ने महादेव एप के संचालकों से बात की और उन्हें एक लिंक मिली जिसमें वो सट्टा खेल सकते थे। महादेव एप से बीजेपी को चंदा मिलने लगा है ऐसा मुख्यमंत्री भी बोल रहे हैं। बीजेपी ने धर्म की राजनीति करती है, लेकिन अब बीजेपी अपराध के साथ राजनीति कर रही है। ईडी की जांच कांग्रेस और उसके आसपास के लोगों घेरने के लिए साजिश कर रही है।
'ईडी एम्बेड डिटेक्टिव ऑफ बीजेपी'
विनोद वर्मा का कहना है कि एक बयान से पूरा बवाल मच जाता है, लेकिन उन फोटो का क्या जिनमें सब साथ दिख रहे हैं। ईडी का उनके खिलाफ एक सवाल नहीं। जो गाड़ी मिली वो बीजेपी से जुड़ी हुई है। 2 दिन पहले तक RTO ने बताया कि कोई आवदेन लंबित नहीं है। ईडी एम्बेड डिटेक्टिव ऑफ बीजेपी हैं। इस सवालों का जवाब तक नहीं आएगा, जब तक मोदी जी और शाह जी केंद्र में रहेंगे।
'बीजेपी नेताओं को नोटिस दिया गया'
विनोद वर्मा ने कहा है कि सिद्धार्थ नाथ सिंह, केदार गुप्ता और अनुराग अग्रवाल ने वर्मा नाम को विनोद वर्मा जानबूझकर बनाया। ये कोई मानवीय भूल नहीं है। बीजेपी की सोची समझी साजिश है जहां उन्होंने राजनीतिक लाभ के मेरा नाम ले लिया। मेरे वकील ने बीते कल सिद्धार्थ नाथ सिंह, केदार गुप्ता और अनुराग अग्रवाल को भेज दिया है। मैं मानहानि का दावा करूंगा, अगर उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी तो।
'केंद्र सरकार का दावा झूठा'
विनोद वर्मा ने कहा है कि केंद्र सरकार का दावा झूठा है। अगर उसको बैन कर देते तो एक पत्रकार ने महादेव एप के संचालकों से बात की और उन्हें एक लिंक मिली जिसमें वो सट्टा खेल सकते थे। महादेव एप से बीजेपी को चंदा मिलने लगा है, ऐसा मुख्यमंत्री भी बोल रहे हैं। बीजेपी ने धर्म की राजनीति करती है, लेकिन अब बीजेपी अपराध के साथ राजनीति कर रही है। ईडी की जांच कांग्रेस और उसके आसपास के लोगों घेरने के लिए साजिश कर रही है।
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महादेव एप का मालिक कौन ?
3 नवंबर को ईडी ने कार्रवाई की, उसमे जो आरोपी गिरफ्तार हुआ उसने कथित बयान दिया। जिसकी पुष्टि कोई नहीं कर सकता। अब किसी भी बघेल के लिए वो पैसा आ सकता है, इसलिए भूपेश बघेल का नाम लिया गया। ईडी की महीनों की जांच के बाद शुभम सोनी का नाम नहीं आया, न चार्जशीट की समरी में था। शुभम सोनी ने दावा किया है कि वो महादेव बुक के मालिक हैं। ईडी इस बात का जवाब नहीं दे पा रही है कि महादेव एप का मालिक कौन है ? सौरभ चंद्रकार, रवि उप्पल या शुभम सोनी।