Raipur. छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग में गड़बड़ी को लेकर उठे विवाद को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि, अधिकारी का पुत्र पुत्री होना कोई दोष नहीं है। परीक्षा में सभी अभ्यर्थी समान रुप से शामिल होते हैं। यदि अनुचित लाभ उठाया तो ग़लत है लेकिन किसी भी अभ्यर्थी ने अब तक कोई शिकायत नहीं की है।
क्या बोले सीएम भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएससी में हुए कथित घोटाले गड़बड़ी को लेकर फिर वही बयान दोहराया है जो कि वह पहले कह चुके हैं। हालाँकि उसमें उन्होंने यह विस्तार दिया है कि, अधिकारी का बेटा बेटी होना कोई दोष नहीं है। सीएम भूपेश ने फिर कहा है कि, अब तक किसी भी अभ्यर्थी ने कोई शिकायत नहीं की है।सीएम भूपेश ने कहा
“पीएससी की परीक्षा देने वाले किसी भी एक अभ्यर्थी ने अब तक कोई शिकायत नहीं की है। यदि किसी तरह की कोई भी शिकायत आती है या किसी अभ्यर्थी द्वारा एक भी शिकायत की जाती है तो हम हर शिकायत की गंभीरता से जाँच करेंगे।”
सीएम भूपेश ने आगे कहा
“किसी का अधिकार छीनने का किसी को भी हक नहीं है।जब आप योग्य हैं, आप परीक्षा दे रहे हैं, आप पात्रता रखते हैं तो इसका लाभ आपको निश्चित से मिलना चाहिए। यदि कोई गड़बड़ी हुई है तो उसकी जाँच करेंगे और यदि कोई दोषी है तो उस पर जरुर कार्यवाही करेंगे।”
अधिकारी का पुत्र पुत्री होना कोई दोष नहीं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि,वे छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ हैं।उन्होंने पीएससी परीक्षाओं को लेकर उठ रहे विवाद और उसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि, युवा साथियों को किसी बहकावे में नहीं आना चाहिए। सीएम भूपेश ने कहा
“किसी अधिकारी का पुत्र-पुत्री होने में कोई दोष नहीं है। परीक्षा में सारे अभ्यर्थी समान रुप से शामिल होते हैं और उसी तर्ज़ पर सफलता पाते हैं।”
राज्य सरकार का दावा, 95 में 76 शिकायतें निराकृत
सीएम भूपेश बघेल के इसी बयान के साथ ही साथ राज्य सरकार ने पीएससी मसले पर जानकारी जारी की गई है।राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि, ये आक्षेप लगाया गया है कि, परीक्षा में बैठे साक्षात्कार में भी उपस्थित थे लेकिन उत्तीर्ण होने की घोषणा में अन्य का नाम था, जाँच में शिकायत तथ्यहीन और निराधार पाई गई और संबंधित अभ्यर्थी के खिलाफ एफ़आइआर की गई। इसी बयान में आगे बताया गया है कि,एक अभ्यर्थी के द्वारा अधिक अंक प्राप्त होने के उपरांत भी साक्षात्कार में नहीं बुलाने संबंधी अभ्यावेदन/शिकायत आयोग कार्यालय को मिला था,जाँच में शिकायत ग़लत पाई गई। पीएससी की ओर से दिए गए इस ब्यौरे में बताया गया है कि, कुल 95 शिकायत प्राप्त हुए थे, जिनमें 76 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है, जबकि 19 प्रकरणों पर प्रक्रिया चल रही है।