सीएम गहलोत के मंत्री अशोक चांदना अपनी ही सरकार के अफसरों से परेशान, बिजली समस्या को लेकर जनता के साथ बैठे धरने पर

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BP Shrivastava
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सीएम गहलोत के मंत्री अशोक चांदना अपनी ही सरकार के अफसरों से परेशान, बिजली समस्या को लेकर जनता के साथ बैठे धरने पर

KOTA. राजस्थान में कोटो में बारिश नहीं होने बुरा हाल है। फसलें चौपट हो गईं हैं वहीं लोग मर्गी से परेशान हैं। इसके साथ ही बिजली की सप्लाई नहीं होने से खेतों में सिंचाई के लिए मोटरें नहीं चल पा रही हैं। फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय विधायक और गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना ने बैठक कर अफसरों की जमकर क्लास ली और फिर आमजनता के साथ बाहर धरने पर बैठ गए।

मंत्री ने दिया धरना, मांग तत्काल मंजूर

अफसरों के खिलाफ गुस्सा और जनता की सहानुभूति लेने के लिए खेल मंत्री अशोक चांदना ढाई घंटे तक आम लोगों के साथ धरने पर बैठे। यहां मंत्री ने बूंदी बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद बेरवा को एपीओ करने और 100 ट्रांसफार्मर उपलब्ध करवाने की मांग रखी। जिसे अधीक्षण अभियंता ने तत्काल मंजूर किया। इसके बाद मंत्री अशोक चांदना ने समर्थकों के बीच धरना समाप्त करने की घोषणा की।

आसपास के जिलों में बिजली समस्या नहीं तो फिर कोटा में क्यों?

खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि कोटा और आसपास के बड़े जिलों में बिजली की समस्या नहीं है तो फिर कोटा में क्यों? अफसर लगातार गलत फीडबैक दे रहे थे। पहले भी रात 10.30 बजे तक चली बैठक में दोषी पर कार्रवाई और व्यवस्था में सुधार पर चर्चा हुई थी। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी से बातचीत के बाद ट्रांसफार्मर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और संबंधित अफसरों को एपीओ कर दिया गया है।

अफसरों की बैठक लेने के बाद मंत्री ने अपनी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

पहले भी विधायक और कार्यकर्ता अपनी ही सरकार में सुनवाई नहीं होने से नाराज थे। मंत्री अशोक चांदना भी इस लिस्ट में शामिल हो गए हैं। उचित समय पर बिजली और ट्रांसफार्मर नहीं मिलने से जनसुनवाई में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमि. के अधिकारी चांदना के निशाने पर रहे। अफसरों पर बैठक के दौरान मंत्री चांदना ने नाराजगी जताई और उसके बाद में बाहर निकल गए। इसके चंद मिनट बाद ही उन्होंने बस स्टैंड के नजदीक अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

मंत्री का आरोप- डिस्कॉम के अफसर सुन नहीं रहे

मंत्री अशोक चांदना का आरोप है कि डिस्कॉम के अधिकारी उनकी बात नहीं मान रहे हैं, जबकि जिले के अन्य दो बीजेपी विधायकों की ज्यादा सुनवाई की जा रही है। चांदना ने कहा कि ट्रांसफार्मर वितरण में भेदभाव किया जा रहा है। उनके विधानसभा क्षेत्र हिंडोली और नैनवा के लोग परेशान हो रहे हैं। एक ट्रांसफार्मर को डेढ़ महीने तक भी नहीं बदला जा रहा।

मंत्री ने कहा- मेरे क्षेत्र में ही 799 डीपी कम

बाद में मंत्री अशोक चांदना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस दिन मैंने ट्वीट किया कि मैं धरना दूंगा, तब जिले में 799 डीपी कम थीं, दो बीजेपी के विधायक बूंदी और केशोरायपाटन से हैं, लेकिन मेरे इलाके में ही 500 डीपी कम थीं, जबकि उनके दोनों के इलाके में महज 300 कम थीं। उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारियों की मनमानी चल रही है, क्योंकि 330 डीपी का स्टॉक था, जबकि जिले के अधिकारियों द्वारा 60 डीपी नहीं बांटने की वजह से दूसरे जिलों में चली गईं। वहीं इस पूरे मामले में अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद बैरवा को एपीओ किए जाने पर बैरवा समाज ने सरकार के इस निर्णय को गलत बताया।

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