JAIPUR. सभी राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम अब सामने आ चुके हैं। ऐसे में राजस्थान की जनता ने एक बार फिर अपने रिवाज को कायम रखा। बीजेपी ने 115 सीटों पर अपनी जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस को प्रचंड बहुमत से हराया। अब सबसे अहम बात ये है कि आखिर किसके हाथों में मरुधरा की बागडोर होगी? बता दें कि सीएम फेस की रेस में एक नाम दीया कुनारी का बी है। ऐसे में राजनीतिक जानकार दीया कुमारी को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का रिप्लेसमेंट बताते हैं। दिलचस्प बात ये है कि दीया को राजनीति में राजे ही लेकर आईं थीं।
2013 में दीया ने थामा बीजेपी का दामन
वसुंधरा राजे की तरह ही दीया कुमारी भी शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव में 115 सीटें बीजेपी की खाते में आई। पार्टी ने भैरो सिंह शेखावत के दामाद नरपतसिंह राजवी को जयपुर के विद्याधरनगर से टिकट न देकर दीया कुमारी पर भरोसा जताया था। दीया इस भरोसे पर खरी भी उतरी हैं। उन्होंने कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 71,368 वोटों से हराया है। साथ ही इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा कि मोदी का जादू हर जगह चला। "इस जीत का श्रेय पीएम मोदी, अमित शाह जी, जेपी नड्डा जी, राज्य के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को जाता है। साल 2013 में जयपुर के एक कार्यक्रम में दीया ने बीजेपी का दामन थामा था। इस दौरान मंच पर पीएम मोदी के साथ वसुंधरा राजे भी वहां मौजूद थीं।
सड़कों पर चलने वाली राजकुमारी : दीया कुमारी
2019 में उन्होंने राजसमंद से लोकसभा का चुनाव लड़ा और 5.51 लाख वोटों के मार्जिन से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में प्रचार के दौरान वह जनता के बीच गई तो उन्होंने 'जयपुर की बेटी' और 'सड़कों पर चलने वाली राजकुमारी' के लिए वोट करने की अपील की थी। ऐसे में लोगों का कहना है कि उनकी शाही वंशावली और 'डाउन टू अर्थ' व्यवहार ने उन्हें राजस्थानियों के बीच एक लोकप्रिय नेता बना दिया है
लंदन से किया पेंटिंग का डिप्लोमा
उन्होंने नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल, मुंबई के जी.डी. सोमानी मेमोरियल स्कूल और अंततः जयपुर के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चली गईं। यहां उन्होंने लंदन के प्रतिष्ठित पार्सन्स आर्ट एंड डिजाइन स्कूल से फाइन आर्ट्स डेकोरेटिव पेंटिंग में डिप्लोमा किया।
लव मैरिज से तलाक ने बटोरीं सुर्खियां
बताया जाता है कि दीया कुमारी की निजी जिंदगी भी सुर्खियों में रही। जानकारी के मुताबिक उन्होंने राजसी परिवार के खिलाफ जाकर 6 अगस्त, 1997 को उन्होंने चार्टेड अकाउंटेंट नरेंद्र सिंह राजावत से शादी कर ली थी। बता दें कि नरेंद्र और दीया के दो बेटे और एक बेटी हैं। दीया की प्रेम कहानी के साथ ही तलाक भी काफी सुर्खियों में छाई रही। शादी के 21 साल बाद वे पति से अलग हो गईं। इसके बाद वर्ष 2018 में उन्होंने नरेंद्र राजावत से तलाक ले लिया।
खुद को बताती है राम का वंशज
दीया ने ताजमहल को अपना महल बताया था। उनका कहना है कि एक समय में ताजमहल उनके परिवार का महल था, जिसे मुगलों ने उनके परिवार से छीन लिया था। दीया कुमारी ने यह भी कहा कि उनके पास ताजमहल के सारे दस्तावेज हैं। दीयाकुमारी ने हाल ही में कहा था, ‘हम भगवान राम के वंशज है। इसका आधार हमारे पास हस्तलिपि, वंशावली, दस्तावेज हमारे पोथी खाने में मौजूद है।' उनका कहना है कि उनका परिवार भगवान राम के बेटे कुश का वंशज है।