वेंकटेश कोरी, JABALPUR. मध्यप्रदेश में मतदान की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, वैसे ही सियासी दलों की रणनीति में भी कसावट आती जा रही है। प्रदेश की सत्ता फिर से हासिल करने के लिए बीजेपी नए-नए प्रयोग कर रही है। जासूसों का सहारा लेना भी पार्टी की इसी रणनीति का हिस्सा है। दरअसल, बीजेपी से जुड़े कई ऐसे कार्यकर्ता इन दिनों जासूस की भूमिका निभा रहे हैं और ये जासूस जबलपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों में फैले हुए हैं और उसके चप्पे-चप्पे पर अपनी पैनी नजर रखे हुए हैं। गुजरात से आए बीजेपी के ये कार्यकर्ता जासूस की भूमिका में वे तमाम जानकारियां इकट्ठा कर रहे हैं, जिससे पार्टी को नफा और नुकसान हो सकता है।
आधा सैकड़ा से ज्यादा जासूसों का डेरा
बीजेपी से जुड़े इन कार्यकर्ताओं को जासूसी की पूरी ट्रेनिंग दी गई है। शहर में डेरा डाले आधा सैकड़ा से ज्यादा कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम करने वालों पर खास नजर रखे हुए हैं यानी भितरघात करने वालों की पूरी कुंडली ये जासूस जुटा रहे हैं और इसकी जानकारी ऊपर पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा पार्टी प्रत्याशी कहां कमजोर है और कहां कितनी मेहनत की जरूरत है। इसकी भी जानकारी जुटाकर ये डिटेक्टिव आलाकमान को भेज रहे हैं।
अमित शाह का है फॉर्मूला
बीजेपी के सूत्रों की मानें तो चुनाव में कार्यकर्ताओं को संबंधित विधानसभा क्षेत्र में भेज कर जासूस की भूमिका में तैनात करना बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह का फार्मूला है। इसके पहले हुए विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में भी वे इस फार्मूले पर अमल कर चुके हैं और पार्टी संगठन से जुड़े अपनी चुनिंदा और खास कार्यकर्ताओं को इस तरह की भूमिका दी जाती है। बताया जा रहा है कि डिटेक्टिव बने बीजेपी के इन कार्यकर्ताओं को खास तरह की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है।