विधायक जज्जी के जाति प्रमाण पत्र का केस, नामांकन में छिपाई थी डिस्क्वालिफिकेशन की जानकारी, नेक्स्ट हियरिंग 17 को

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Chandresh Sharma
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विधायक जज्जी के जाति प्रमाण पत्र का केस, नामांकन में छिपाई थी डिस्क्वालिफिकेशन की जानकारी, नेक्स्ट हियरिंग 17 को

GWALIOR. मध्यप्रदेश में सिंधिया खेमे के अशोकनगर विधायक जजपाल उर्फ जज्जी की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही। उन पर बीजेपी के ही लड्डू राम कोरी ने आरोप लगाए थे कि नगरीय निकाय विभाग ने एक स्कैम के बाद उन पर 1 साल के तक निर्वाचन पर रोक लगा दी थी लेकिन उन्होंने साल 2018 के चुनाव में नाम निर्देशन पत्र भरते समय यह जानकारी छिपाई थी। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई होनी थी लेकिन अब यह सुनवाई 17 अक्टूबर को होनी हैं।

जाति प्रमाण पत्र मामले में भी उठाई थी आपत्ति

बता दें कि बीजेपी के लड्डू राम कोरी ने इससे पहले जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर भी जज्जी के निर्वाचन को चुनौती दी थी, इस मामले में हाई कोर्ट से जज्जी को राहत मिली थी। अब 1 साल की रोक वाली बात छिपाने के मामले में भी जज्जी को 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित ठहराया जा सकता है। यह मामला 12 अक्टूबर को सुनवाई के लिए लगा था, लेकिन अब इसकी सुनवाई 17 अक्टूबर को होनी है।

यह है मामला

लड्डूराम कोरी ने ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर एक बार फिर जजपाल सिंह जज्जी के निर्वाचन को चुनौती दी है। जाति प्रमाण पत्र का मामला विचाराधीन है वहीं अब कोरी के अधिवक्ता मयंक पाठक ने चुनाव याचिका के साथ एक आवेदन दायर किया, जिसमें बताया गया है कि 2018 में नाम निर्देशन पत्र भरने के दौरान जज्जी ने एक अहम जानकारी छिपाई थी। अशोक नगर के नगर पालिका अध्यक्ष रहते हुए जज्जी को हाईमास्क लाइट के घोटाले में दोषी पाया गया था। विभाग के नियमों के तहत जज्जी के निर्वाचन पर 1 साल के लिए रोक लगाई गई थी। इस बाबत आदेश जुलाई 2018 को जारी किए गए थे।



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