JODHPUR. जोधपुर में नागौर सीट से बीजेपी की उम्मीदवार और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा पर मामला दर्ज हुआ है। मामला धोखाधड़ी का है और इस मामले में उनकी बहन और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा की पत्नी हेमश्वेता भी आरोपी बनाई गई हैं। आरोप है कि आदर्श प्रगतिशील गृह निर्माण सहकारी समिति के भूखंड विवाद में इन्होंने फर्जीवाड़ा किया था।
यह है मामला
पूरा विवाद पारिवारिक संपत्ति विवाद का है, दरअसल ज्योति मिर्धा और उनकी बहन हेमश्वेता ने अगस्त 2021 में अपने ही चाचा भानुप्रकाश मिर्धा, पूर्व मंत्री ऊषा पूनिया और उनकी बेटियों समेत 13 लोगों के खिलाफ उनकी भूमि फर्जीवाड़ा कर बेचने का आरोप लगाया था। जिसकी एफआईआर भी हुई थी। आरोपियों ने हाईकोर्ट की शरण ली और एफआईआर खारिज हो गई। जिसके बाद ज्योति मिर्धा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, यहां से भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा गया। इसके बाद ऊषा पूनिया, अनिल चौधरी और अन्य ने ज्योति मिर्धा और उनकी बहन के खिलाफ अदालत में इस्तगासे पेश किए थे। जिस पर अदालत ने उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
संपत्ति का है विवाद
बता दें कि जोधपुर के चौपासनी इलाके में करीब 50 बीघा जमीन पर मिर्धा फार्म हाउस है। नाथूराम मिर्धा यहां रहते थे, उस दौर में यह क्षेत्र जोधपुर शहर से बाहर था, शहर का विस्तारीकरण होने के बाद यह जमीन शहरी क्षेत्र में आ गई। जिससे जमीन के दाम बेतहाशा बढ़ गए थे। ज्योति का आरोप था कि 1988 में उसके चाचा भानुप्रकाश ने फार्म हाउस की 4 बीघा जमीन भंवरलाल को बेच दी। जिस पर उसने कॉलोनी काटने का फैसला किया। आरोप है कि जो हिस्सा बेचा गया वह रामप्रकाश मिर्धा के हिस्से का था।
रामप्रकाश मिर्धा की मौत साल 1993 में हो गई थी, इसके बाद ज्योति की मां संपत्ति की वारिस बनीं। मां की मौत के बाद ज्योति मिर्धा और उनकी बहन इस संपत्ति के मालिक हो गए। ज्योति का आरोप था कि पिता की मौत से पहले ही चाचा भानुप्रकाश ने जमीन का डायवर्सन करा लिया था। 2018 में न्यायालय के समक्ष बंटवारे के दावे के दौरान इस फर्जीवाड़े की जानकारी लगी। जिस पर उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई थी, जो कि हाईकोर्ट से खारिज हो गई। अब इसी मामले में ज्योति मिर्धा और उनकी बहन पर एफआईआर हो गई है।