RAIPUR. विधानसभा चुनाव नजदीक आते-आते चुनाव आयोग की सख्ती बढ़ती ही जा रही है। इसके साथ ही नियम भी कड़े किए जा रहे हैं। दरअसल इस बार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार जो भी प्रचार सामग्री बांटेंगे उस पर प्रकाशक का नाम लिखना अनिवार्य होगा। साथ ही पंपलेट, बैनर, पोस्टर कितनी संख्या में प्रकाशित किए गए हैं उसकी संख्या भी स्पष्ट रूप से लिखनी होगी। कलेक्टर ने सभी प्रिंटिंग प्रेस प्रतिनिधियों और निर्वाचन अफसरों की बैठक की। इसके बाद कहा गया कि कोई भी मुद्रक प्रकाशक द्वारा साइन की हुई घोषणा और प्रकाशक को व्यक्तिगत रूप से जानने वाले दो लोगों के हस्ताक्षर के बिना किसी भी तरह की निर्वाचन प्रचार सामग्री की छपाई नहीं करेंगे। प्रकाशित की गई सामग्री की चार प्रतियां तीन दिन के भीतर निर्वाचन कार्यालय में जमा करनी होगी।
चुनाव आयोग की सख्ती बढ़ी
इसके साथ यह भी बताया गया कि निर्वाचन संबंधी किसी भी पांपलेट, पर्चे, पोस्टर आदि में धर्म, वंश, जाति, समुदाय या विरोधी के चरित्र हनन जैसी अपील प्रिंट नहीं की जाएगी। ऐसा करने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी गजेंद्र ठाकुर ने बताया कि मुद्रित प्रचार सामग्री का परिवहन अनुमति प्राप्त गाड़ियों में ही किया जा सकेगा। किसी अन्य वाहन में परिवहन करने पर सामग्री सहित वाहन जब्त कर ली जाएगी। नियमों का उलंघन करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127 क के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसके उलंघन पर छह माह की सजा या दो हजार का जुर्माना या दोनों भी किया जा सकता है।
चुनाव काम में लापरवाही पर पंचायत सचिव निलंबित
वहीं दूसरी ओर चुनाव के कार्य में लापरवाही बरतने वाले अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। आचार संहिता लागू होने के बाद पंचायत भवन कुर्रा में राजनैतिक नारे और दूसरी पेंटिंग नहीं हटाने पर जिला पंचायत सीईओ ने वहां की पंचायत सचिव संगीता ध्रुव को निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय जनपद पंचायत अभनपुर होगा। आचार संहिता लगने के साथ ही कलेक्टर ने आदेश जारी किया था कि किसी भी सरकारी भवन या ऑफिस में किसी भी तरह का राजनैतिक या चुनावी प्रचार-प्रसार नहीं किया जाएगा। कलेक्टर के आदेश के बाद भी पंचायत सचिव ने भवन में नारों के ऊपर पेंटिंग नहीं कराई। इस वजह से जिला पंचायत के सीईओ अबिनाश मिश्रा ने यह कार्रवाई की।