JABALPUR. वक्फ बोर्ड के सीईओ की नियुक्ति एक बार फिर विवाद में है। वक्फ अंजुमन अहले इस्लाम इंतेजामिया कमेटी सोहागपुर के अध्यक्ष मुन्ना खान ने वक्फ बोर्ड के सीईओ सैय्यद जाफरी की नियुक्ति को रिट पिटीशन के जरिए चुनौती दी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा विभाग के प्रमुख सचिव से हलफनामे पर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि पूर्व में भी मोहम्मद अहमद खान को वक्फ बोर्ड का प्रभारी सीईओ बनाने के मामले में उन्हें पद धारण करने के लिए अक्षम पाया था और उनके तमाम आदेशों को शून्य कर दिया था।
यह है मामला
मई 2022 में मध्यप्रदेश शासन ने सैय्यद शाकिर अली जाफरी को अस्थाई रूप से वक्फ बोर्ड का सीईओ नियुक्त कर दिया था। जाफरी ने सोहागपुर वक्फ अंजुमन अहले इस्लाम इंतेजामिया कमेटी में प्रबंध हेतु जावेद खान की अध्यक्षता में प्रबंध समिति बनाई। जिसके खिलाफ कमेटी के अध्यक्ष मुन्ना खान ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में दलील दी गई कि वक्फ अधिनियम के तहत शासन ऐसे व्यक्ति को वक्फ बोर्ड सीईओ नियुक्त कर सकता है जो कि मुसलमान हो और उप सचिव रैंक का अधिकारी हो। ऐसी परिस्थिति जब ऐसा अधिकारी उपलब्ध न हो तो समान रैंक वाले अधिकारी की नियुक्ति किए जाने का प्रावधान है।
हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस
प्रदेश शासन द्वारा सैय्यद जाफरी की नियुक्ति पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर निर्देश दिए हैं कि शासन जाफरी की नियुक्ति पर हलफनामे में जवाब पेश करे। साथ ही अदालत ने वक्फ अंजुमन अहले इस्लाम इंतजामिया कमेटी के लिए जावेद खान की अध्यक्षता वाली समिति के गठन वाले आदेश पर रोक लगाई है।
बता दें कि पूर्व में भी माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा मोहम्मद अहमद खान को मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के प्रभारी सीईओ का पद धारण करने हेतु अक्षम (इंकॉम्पिटेन्ट) घोषित करते वक्फ बोर्ड में उनके द्वारा पारित सभी आदेशों को शून्यवत घोषित कर दिया गया था। याचिकाकर्ता मुन्ना खान अध्यक्ष वक्फ इंतेजामिया कमेटी वक्फ अंजुमन अहले इस्लाम सोहागपुर जिला नर्मदापुरम की ओर से अधिवक्ता तकमील नासिर ने पैरवी की वही मध्यप्रदेश शासन की ओर से अधिवक्ता पीयूष जैन तथा जावेद खान की ओर से अधिवक्ता एस.डी. अग्निहोत्री ने पैरवी की।