आदरणीय सर,
“ हमारा जिला छतरपुर, खजुराहो और बागेश्वरधाम के कारण काफी प्रसिद्ध है। इसी कारण वीआईपी मूवमेंट भी बहुत होता रहता है। अब इस साल तो माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही दो बार ट्रांजिट दौरे पर आ चुके हैं। वीआईपी प्रोटोकॉल के चलते उनके लिए वाहन, डीजल, भोजन आदि के सत्कार में बहुत खर्चा हो गया है… दूसरे VIP के लगातार आने से यह खर्च बढ़ता ही जा रहा है। कृपया, करीब एक करोड़ का भुगतान करवाएं…”
चिट्ठी का यह मजमून किसी सामान्य व्यक्ति का नहीं, बल्कि छतरपुर कलेक्टर IAS संदीप जी आर का है, जिन्होंने एक दिन पहले यानि 23 अक्टूबर को राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव को पत्र लिखकर आतिथ्य सत्कार के लिए 96 लाख रुपए लंबित देयकों के भुगतान के लिए मांगे हैं। कलेक्टर संदीप जी आर की यह चिट्ठी चर्चाओं में है। चिट्ठी में लिखे तर्क और मांगी गई रकम पर कई सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
आइए पहले जानते हैं क्या लिखा है चिट्ठी में…
कलेक्टर संदीप जी आर ने लिखा है कि विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय प्रधानमंत्री इस साल दो बार ट्रांजिट विजिट पर छतरपुर आ चुके हैं। पहली बार 23 अप्रेल को रीवा जाते समय और दूसरी बार 12 अगस्त को सागर जाते समय… पीएम के प्रोटोकॉल पर विभिन्न मदों में 96 लाख रुपए के खर्च लंबित हो चुके हैं। इसके अलावा दूसरे VIP के लगातार आने से यह खर्च बढ़ता ही जा रहा है। कलेक्टर IAS संदीप जी आर ने अपने पत्र में लिखा है कि लगातार बढ़ते जा रहे देयकों को चुकाने के लिए कलेक्टर छतरपुर के खाते में 96 लाख रुपए उपलब्ध करवाएं।
(कलेक्टर की चिट्ठी देखिए..)
छतरपुर कलेक्टर IAS संदीप जी आर की चिट्ठी भोपाल यानि सचिवालय पहुंचते ही चर्चा का सबब बन गई है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दौरा इतना महंगा पड़ता है? वह भी सिर्फ ट्रांजिट के दौरान..! ट्रांजिट यानि हवाई अड्डे पर उतरकर वहीं से हेलिकॉप्टर में बैठकर किसी दूसरी जगह जाने पर 96 लाख रुपए का खर्चा! यानि पीएम का एक ट्रांजिट दौरा करीब 50 लाख रुपए का पड़ता है। इस तरह के सवाल आम हैं…
क्या होती है ट्रांजिट विजिट
यात्राओं के दौरान किसी एक स्थान पर रुककर दूसरा वाहन पकड़कर अपने स्थान पर जाने को ट्रांजिट विजिट कहा जाता है। हवाई यात्राओं में यह आम है। जैसे कोई हवाई जहाज से भोपाल से सिंगापुर जाना चाहता है, लेकिन उसको मुंबई हवाई अड्डे पर दूसरा जहाज पकड़कर सिंगापुर जाना पड़े तो मुंबई को ट्रांजिट विजिट कहा जाएगा। कलेक्टर पीएम की जिन दो विजिट का उल्लेख कर रहे हैं, वह भी ऐसी ही हैं। पीएम का हवाई जहाज खजुराहो में उतरा था और वहां से वे हेलिकॉप्टर में बैठकर आगे चले गए थे। बड़ा सवाल यही उठाया जा रहा है कि क्या सिर्फ हवाई जहाज से उतरकर हेलिकॉप्टर में बैठने पर ही इतना खर्च हो गया? फिर पीएम के पूरे एक दौरे का खर्च कितना होगा?
23 अप्रेल को रीवा आए थे मोदी
रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पीएम मोदी 23 अप्रेल को ट्रांजिट विजिट पर छतरपुर आए थे। रीवा में उन्होंने 19,000 की परियोजनाओं का शिलान्यास किया था।
12 अगस्त को सागर आए थे पीएम मोदी
सागर में बनने वाले संत रविदास मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी छतरपुर पहुंचे थे।
समझने में गलती हुई है
मैंने अपने पत्र में यह नहीं लिखा कि आतिथ्य सत्कार के नाम पर जो 96 लाख रुपए का खर्चा हुआ है, वह सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरों के ऊपर हुआ है। यह खर्च अब तक आए सभी VIP का है। अगर मेरे पत्र का कुछ और अर्थ निकल रहा है तो मैं मामले को दिखवाता हूं।
- संदीप जी आर, छतरपुर कलेक्टर