छत्तीसगढ़ में आज नतीजों का दिन, भूपेश सरकार के मंत्रियों की धड़कनें बढ़ी

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Pratibha Rana
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छत्तीसगढ़ में आज नतीजों का दिन, भूपेश सरकार के मंत्रियों की धड़कनें बढ़ी

शिवम दुबे, Raipur. छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के सारे मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत पूरे 13 मंत्री विधानसभा चुनाव 2023 में प्रत्याशी बनाए गए हैं।

पाटन विधानसभा सीट

पाटन विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और बीजेपी के प्रत्याशी विजय बघेल हैं। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के तीसरे और वर्तमान मुख्यमंत्री के रूप में सेवा देने वाले एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता हैं। उन्होंने 80 के दशक में यूथ कांग्रेस के साथ अपनी सियासी पारी शुरू की थी। वे छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष थे। वह पाटन से पांच बार विधानसभा सदस्य रहे हैं। विजय बघेल का पॉलिटिकल करियर साल 2000 में शुरू हुआ। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उन्होंने भिलाई नगर परिषद का चुनाव जीता था। साल 2003 में शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए। इसी साल पाटन विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़े, वह पराजित हो गए। चुनाव हारने के बाद साल 2003 में ही विजय बघेल ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। साल 2008 में चुनाव हुए, तो बीजेपी ने उन्हें पाटन से अपना उम्मीदवार बनाया, उन्होंने भूपेश बघेल को परास्त कर दिया था।

अंबिकापुर विधानसभा सीट

अंबिकापुर विधानसभा सीट से उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और बीजेपी से प्रत्याशी राजेश अग्रवाल हैं। टीएस सिंहदेव साल 2003 में छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष बनाये गये। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था। वर्ष 2008 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते। इसके बाद लगातार दो बार वर्ष 2013 एवं 2018 में विधायक बने। वहीं राजेश अग्रवाल राजेश अग्रवाल एक व्यवसायी हैं और भाजपा की सरगुजा जिला कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव अंबिकापुर से मौजूदा विधायक और राज्य के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के खिलाफ लड़ रहे हैं। अग्रवाल 2018 में कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हो गए।

साजा विधानसभा सीट

साजा विधानसभा सीट से मंत्री रविंद्र चौबे और बीजेपी प्रत्याशी ईश्वर साहू मैदान में हैं। इस बार भूपेश सरकार में मंत्री रहे रविंद्र चौबे के राजनीतिक सफर में नजर डालें तो रविंद्र चौबे सात बार विधायक रहे हैं। वे 6 बार लगातार साजा से विधायक रहे। 2013 में मौका चूकने के बाद साल 2018 में सातवीं बार साजा के विधायक बने। साजा विधानसभा से ईश्वर साहू को अपना प्रत्याशी बनाया है। ईश्वर साहू का कोई भी राजनैतिक बैकग्राउंड नहीं है । ईश्वर साहू तब चर्चा में आए जब इसी वर्ष 8 अप्रैल को उनके बेटे भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई थी। ईश्वर साहू साजा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बिरनपुर के रहने वाले हैं।

कोंडागांव विधानसभा सीट

कोंडागांव विधानसभा सीट से मंत्री मोहन मरकाम और बीजेपी की प्रत्याशी लता उसेंडी चुनाव लग रही हैं। मरकाम ने राजनीति में आने के लिए अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। मरकाम ने साल 1990 में कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्याता ली थी। 1993, 1998, 2003 में दावेदारी की लेकिन उन्हें पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए टिकिट देने से इनकार कर दिया था ।इसके बाद सन 2008 में उन्हें पहली बार कोंडागाव से विधानसभा का टिकिट दिया गया था। मरकाम ने 12 जुलाई 2023 को PCC चीफ के पद से इस्तीफा दे दिया और अब उन्हें सरकार में मंत्री बनाया गया है। वहीं 29 वर्ष की उम्र में 2003 में पहली बार लता उसेंडी विधायक निर्वाचित हुईं। 31 वर्ष की उम्र में लता उसेंडी मंत्री बन गई थी। चुनाव हारने के बाद भी वे राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, नागरिक आपूर्ति निगम की अध्यक्ष रहीं।

कवर्धा विधानसभा सीट

कवर्धा विधानसभा सीट से मंत्री मोहम्मद अकबर और बीजेपी के विजय शर्मा के बीच मुकाबला है। कवर्धा से कांग्रेस विधायक मोहम्मद अकबर चौथी बार विधायक चुने गए हैं। उन्होंने छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक कह दिया की शुरुआत की। वह महाविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष रहे। इसके अलावा कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष, कांग्रेस सेवा दल के जिला अध्यक्ष, महामंत्री यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद मोहम्मद अकबर मंत्री खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग बने। इसके अलावा मुख्यमंत्री से संबद्ध राज्य मंत्री एवं प्रभारी मंत्री जिला रायपुर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व अध्यक्ष नागरिक आपूर्ति निगम भी रहे। रायपुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में वे परिवहन, आवास, पर्यावरण वन मंत्री के प्रभार में है। सामुदायिक तनाव व हिंसा के बाद हाईप्रोफाइल सीट बनी कवर्धा से भाजपा ने विजय शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। विजय शर्मा वर्तमान में प्रदेश भाजपा संगठन में महामंत्री के पद पर है। पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर चुके विजय शर्मा कवर्धा के जिला भाजपा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं।

सीतापुर विधानसभा सीट

सीतापुर विधानसभा सीट में मंत्री अमरजीत भगत के खिलाफ बीजेपी के रामकुमार टोप्पो चुनावी मैदान में हैं। अमरजीत भगत लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। 2003 में पहली बार कांग्रेस की टिकट से विधायक चुने गए थे। उसके बाद 2008 व 2013 में भी विधायक निर्वाचित हुए थे। भाजपा ने अंबिकापुर जिले की सीतापुर विधानसभा से पूर्व फौजी रामकुमार टोप्पो को अपना प्रत्याशी बनाया है। सीतापुर विधानसभा से भाजपा पिछले 20 सालों से नहीं जीती है

कोरबा विधानसभा सीट

कोरबा विधानसभा सीट से मंत्री जय सिंह अग्रवाल के खिलाफ बीजेपी से लखनलाल देवांगन मैदान पर हैं। जयसिंह अग्रवाल पहली बार 2008 में कोरबा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। जिसके बाद वह 2013 व 2018 में फिर से कोरबा सीट से ही विधायक निर्वाचित हुए हैं। वहीं लखन लाल देवांगन को भाजपा ने तीसरी बार टिकट दिया है इससे पहले उन्हें दो बार कर कटघोरा विधानसभा से टिकट दिया गया था।

कोंटा विधानसभा सीट

कोंटा विधानसभा सीट से मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ बीजेपी से सोयम मूका मैदान पर है। प्रदेश के उद्योग व आबकारी मंत्री कवासी लखमा विधायक हैं। यह 5 बार इस सीट से लगातार जीत हासिल कर चुके हैं। कवासी लखमा की नक्सली क्षेत्र में अच्छी पैठ हैं और अपने अलग अंदाज के लिए वह जाने जाते हैं। 56 वर्षीय सोयम मुका पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पेशे से कृषक सोयम मुका मैट्रिक तक पढ़े हैं। वर्तमान में वे दंतेवाड़ा भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं।

दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट

दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट से मंत्री ताम्रध्वज साहू के खिलाफ बीजेपी के ललित चंद्राकर मैदान पर हैं।ताम्रध्वज साहू प्रदेश के गृह, जेल, कृषि, लोक निर्माण एवं सहकारिता विभाग के मंत्री हैं। वे दुर्ग ग्रामीण विधानसभा से विधायक चुने गए हैं। ताम्रध्वज साहू महामंत्री मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष,जिला साहू संघ व मध्य प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस रह चुके हैं। भाजपा ने दुर्ग जिले की दुर्ग ग्रामीण विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है। दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में ललित चंद्रकार लंबे समय से सक्रिय हैं। वह पिछले तीन चुनावों से टिकट के दावेदारी करते आ रहे हैं। वह वर्तमान में जिला भाजपा के महामंत्री हैं।

नवागढ़ विधानसभा सीट

नवागढ़ विधानसभा सीट से मंत्री गुरु रूद्रकुमार के खिलाफ बीजेपी से दयालदास बघेल मैदान पर हैं। मंत्री रुद्र गुरु सतनामी समाज के गुरु हैं। 2008 में पहली बार आरंग से विधायक निर्वाचित हुए। 2013 में फिर मौका मिला लेकन हार गए। इस बार एससी वर्ग के लिए ही आरक्षित अहिवारा से दावेदारी की। यहां से जीत दर्ज की। दयाल दास बघेल ने अपने राजनीति की शुरुआत सरपंच के पद से की थी। वह जिला पंचायत सदस्य रहने के अलावा जिला भाजपा कार्यकारिणी मंडल भाजपा कार्यकारिणी के भी सदस्य रहे थे। 1998 में वे नवागढ़ विधानसभा से पहली बार भाजपा की टिकट पर ही चुनाव मैदान में उतरे थे। पर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। 2003 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए दयाल दास बघेल छठवीं बार भाजपा की टिकट से चुनाव मैदान में उतरे हैं। वह तीन बार विधायक रहने के अलावा उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण व मंत्री छत्तीसगढ़ शासन भी रहे हैं।

डोंडी लोहरा विधानसभा सीट

डोंडी लोहरा विधानसभा सीट से मंत्री अनिला भेड़िया के खिलाफ बीजेपी से देवलाल हलवा ठाकुर मैदान में हैं। डौंडी-लोहारा विधानसभा से दूसरी बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुनी गई है। यह सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए रिजर्व सीट है। स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त अनिला भेंड़िया का विवाह पूर्व आईपीएस रविंद्र भेंड़िया से हुआ था। वे जिला पंचायत सदस्य रहने के साथ ही सदस्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी रहीं हैं। देवलाल ठाकुर को भाजपा ने बालोद जिले की डौंडीलोहारा विधानसभा सीट से विधायक प्रत्याशी बनाया है। यहां से वर्तमान में प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया विधायक है। देवलाल ठाकुर आदिवासी समाज से आते हैं। उनकी अपने समाज में अच्छी पकड़ है। पेशे से किसान देवलाल ठाकुर ने दो वर्ष पहले ही 22 जनवरी 2021 को देवलाल ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह के सामने भाजपा की सदस्यता ली हैं।

आरंग विधानसभा सीट

आरंग विधानसभा सीट से मंत्री शिव कुमार डहरिया के खिलाफ बीजेपी के गुरु खुशवंत साहब मैदान पर हैं। विधायक शिवकुमार डहरिया आरंग से कांग्रेस की टिकट पर आरंग विधानसभा से विधायक बने हैं। वे तीसरी बार विधायक चुने गए है। उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सा में स्नातक की डिग्री ली है। छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय है और स्कूल व महाविद्यालय छात्र संघ के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं। राजनीतिक हलकों के जानकारों के मुताबिक गुरू बालदास और खुशवंत साहेब की सतनामी समाज के लोगों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। बादलादस साहेब ने की बीजेपी में दोबारा वापसी की है। 2013 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के जमकर काम किया था। हालांकि 2018 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गये थे।

खरसिया विधानसभा सीट

खरसिया विधानसभा सीट से मंत्री उमेश पटेल के खिलाफ बीजेपी से महेश साहू चुनाव लड़ रहे हैं। खरसिया विधायक उमेश पटेल कांग्रेस की टिकट पर दूसरी बार 2018 मे विधायक चुने गए हैं। पहली बार वो 2013 में खरसिया से ही विधायक चुने गए थे। उमेश पटेल से पहले उनके पिता नंद कुमार पटेल खरसिया विधायक थे। खरसिया से भाजपा कभी नहीं जीती। विधानसभा के आदिवासी क्षेत्रों में भी महेश साहू की पकड़ है। महेश साहू ग्रामीण जनप्रतिनिधि के रूप में लंबे समय से सक्रिय रहे है। महेश साहू को साहू समाज के कद्दावर नेताओं में भी गिना जाता है।


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