शिवम दुबे, Raipur. छत्तीसगढ़ में कोल और शराब के बाद चावल मामले में भी ईडी ने जांच शुरू के दी है। चावल मामले में आईटी की कार्रवाई के बाद ईडी ने दबिश दे दी है। सभी छापे राइस मिलर्स या चावल व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों के यहाँ पड़े हैं। प्रदेश में ये कार्रवाई 3 से ज्यादा शहरों और 5 से ज्यादा ठिकानों पर चल रही है। ईडी के अधिकारी सभी ठिकानों पर दस्तावेज खंगाल रहे हैं।
5 से ज्यादा जगहों पर छापामार कार्रवाई
बताया जा रहा है कि ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार को जिन ठिकानों पर छापा मारा है। उनमें रायपुर के तिल्दा स्थित तुरुपति राइस मिल, कोरबा में मोदी राइस मिल, भिलाई के कैंबियन होटल,धमतरी के कुरुद में रौशन चंद्राकर के नाम शामिल हैं। वहीं खबरें यह भी हैं कि छापा मार्कफेड के किसी पूर्व अधिकारी के निवास पर भी पड़ा है। हालांकि इन छापों की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
चावल घोटाला क्या है?
जिस मसले को लेकर चावल घोटाला कहा जा रहा है दरअसल वह कथित रुप से मिलर्स से वसुली जाने वाली राशि का मसला है जो कि उसे मिलिंग के लिए प्राप्त होती थी। आयकर विभाग के सर्वे में इससे जुड़े अभिलेख प्राप्त हुए थे जिसके बाद आयकर ने यह मामला ईडी को सौंपा था। कोयले में 25 रुपए टन की अवैध वसूली मामले के बाद अब कस्टम मिलिंग में बीस रुपए प्रति क्विंटल की वसुली का मसला विधानसभा में सामने आया। जिसमें सरकार ने राईस मिलर्स को सपोर्ट के लिए 120 रुपए प्रति क्विंटल की दर तय की, आरोप है कि जब इसे दिया गया तो मान्य शर्तों का उल्लंघन किया गया और बीस रुपए की वसुली हुई। बीजेपी ने भी सदन में यही आरोप लगाए हैं। आयकर विभाग ने पिछले दिनों राईस मिलर्स से जुड़े लोगों पर छापे डाले और छापे मार्कफेड के एमडी के घर पर भी पड़े। इन छापों के साथ ही राईस स्कैम याने बीस रुपए लेव्ही का मसला तेजी से उछल गया है।