SARGUJA. छत्तीसगढ़ में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले टिकट को लेकर बच्चा घमासान अभी तक शांत नहीं हुआ है। कांग्रेस ने इस बार 22 विधायकों को टिकट काट दिया है। इसमें एक नाम समरी विधायक चिंतामणि महाराज का है। टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज ने इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद चिंतामणि महाराज आज प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के नेतृत्व में बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ओम माथुर ने माला पहनाकर चिंतामणि महाराज का बीजेपी में घर वापसी कराया।
2018 में चिंतामणि महाराज सामरी विधानसभा से चुनाव लड़े थे
बता दें कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की सामरी सीट से विधायक चिंतामणि महाराज को इस बार टिकट नहीं दिया है। इसके चलते वे नाराज चल रहे थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में चिंतामणि महाराज सामरी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे। इस बार उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा को हराया। चिंतामणि महाराज को कुल 180,620 वोट प्राप्त हुए तो वहीं उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा को 58697 वोट मिले थे।
जाने राजनीतिक कैरियर
चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक अध्यक्ष राज्य संस्कृत बोर्ड रहे थे। फिर उन्होंने 2008 में बलरामपुर जिले के सामरी विधानसभा से ही निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2013 में वे फिर से सामरी विधानसभा से ही चुनाव मैदान में कूदे पर अंतर सिर्फ इतना था कि वे इस बार निर्दलीय चुनाव न लड़कर कांग्रेस की टिकट पर खड़े हुए थे और चुनावी मैदान फतह कर पहली बार विधायक बने थे।
इन विधायकों का भी टिकट कर चुका
गौरतलब है कि सरगुजा संभाग में इस बार कांग्रेस ने कई विधायकों की टिकट काट दी है, जिनमें से पूर्व शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम, रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह, सामरी विधायक चिंतामणी महाराज, मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल, भटगांव विधायक पारसनाथ राजवाड़े शामिल हैं। टिकट कटने से नाराज इन विधायकों में कई ने बागी तेवर दिखाए हैं। इनमें से बृहस्पत सिंह और सामरी विधायक चिंतामणी महाराज ने बगावत का ऐलान कर दिया है। कुछ दिनों में पहला चरण और फिर दूसरा चरण 17 नवंबर को है। ऐसे समय में इन नेताओं का पार्टी छोड़ना कहीं न कहीं बड़े नुकसान की ओर संकेत दे रहा है। माना जा रहा है 22 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।